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Shivpuri News: जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत से भड़के परिजन, अस्पताल स्टाफ पर गंभीर आरोप लगाए

शिवपुरी जिला अस्पताल में रविवार दोपहर एक प्रसूता व उसकी बच्ची की प्रसव के दौरान मौत हो गई. आरोप है कि इसके बाद अस्पताल प्रशासन 4 घंटे तक प्रसूता के शव को लेबर रूम में रखे रहा. इस दौरान परिजन कहते रहे कि प्रसूता की हालत गंभीर है. शाम को अस्पताल के स्टाफ ने कोतवाली पुलिस को हंगामे की सूचना देकर पुलिस फोर्स बुला लिया और इसके बाद प्रसूता को मृत घोषित किया.

death of mother and child during delivery
जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत से भड़के परिजन
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 23, 2023, 9:57 AM IST

जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत से भड़के परिजन

शिवपुरी। महिला को रविवार की दोपहर प्रसव पीड़ा हुई तो उसके स्वजन प्रसव के लिए जिला अस्पताल लेकर आए. स्वजनों के अनुसार पहले तो प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कराया गया और इसके बाद लेबर रूम के अंदर मौजूद स्टाफ ने सामान्य प्रसव में परेशानी बताई, लेकिन बाद में कहा कि सामान्य प्रसव करवाना है तो 10 हजार रुपये लगेंगे. पीड़ित परिजनों के अनुसार इसके बाद प्रसव करवाया गया. दोपहर 2 बजे सामान्य प्रसव से ही मरी हुई बच्ची पैदा हुई और महिला की हालत खराब होती चली गई.

प्रसूता को रेफर क्यों नहीं किया : परिजनों का कहना है कि प्रसव में बरती गई लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत हुई है. उन्होंने आरोप लगाए कि पैसों के लालच में सामान्य प्रसव करवाया गया. इसी करण नवजात बच्ची की मौत हुई और जच्चा की हालत खराब हो गई. प्रसूता के जेठ नितिन शर्मा का आरोप है कि दोपहर दो बजे के बाद से वह लगातार डॉक्टरों से यह कहते रहे कि वह प्रसूता को ग्वालियर रेफर कर दें. लेकिन डाक्टरों ने घर की महिलाओं को भी बाहर निकाल दिया और शव को अंदर रखकर यह कहते रहे कि वह जच्चा की हालत को सामान्य करने का प्रयास कर रहे हैं.

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अस्पताल प्रशासन ने ये सफाई दी : इस मामले में सिविल सर्जन डॉ. बीएल यादव का कहना है कि यह महिला का चौथा बच्चा था. इससे पहले एक बच्चा जीवित है, जबकि दो एर्बोशन हो चुके हैं. इसके अलावा प्रसूता सीवियर हायपर टेंशन की मरीज थी, इसी कारण वह सितम्बर में जिला अस्पताल में भर्ती भी हुई थी. महिला के स्वजनों को बच्चा निकलवाने की सलाह दी गई थी. महिला को रेफर भी किया गया. रविवार दोपहर 2 बजकर 22 मिनट पर जब ये प्रसूता को जिला अस्पताल लेकर आए तब बच्चादानी का मुंह खुल चुका था. बच्चा बाहर आ चुका था. बच्चा बाहर आते ही महिला का बीपी बढ़ गया, जिससे उसे ब्रेन हेमरेज हो गया.

जिला अस्पताल में प्रसव के दौरान जच्चा-बच्चा की मौत से भड़के परिजन

शिवपुरी। महिला को रविवार की दोपहर प्रसव पीड़ा हुई तो उसके स्वजन प्रसव के लिए जिला अस्पताल लेकर आए. स्वजनों के अनुसार पहले तो प्रसूता को अस्पताल में भर्ती कराया गया और इसके बाद लेबर रूम के अंदर मौजूद स्टाफ ने सामान्य प्रसव में परेशानी बताई, लेकिन बाद में कहा कि सामान्य प्रसव करवाना है तो 10 हजार रुपये लगेंगे. पीड़ित परिजनों के अनुसार इसके बाद प्रसव करवाया गया. दोपहर 2 बजे सामान्य प्रसव से ही मरी हुई बच्ची पैदा हुई और महिला की हालत खराब होती चली गई.

प्रसूता को रेफर क्यों नहीं किया : परिजनों का कहना है कि प्रसव में बरती गई लापरवाही के कारण जच्चा-बच्चा की मौत हुई है. उन्होंने आरोप लगाए कि पैसों के लालच में सामान्य प्रसव करवाया गया. इसी करण नवजात बच्ची की मौत हुई और जच्चा की हालत खराब हो गई. प्रसूता के जेठ नितिन शर्मा का आरोप है कि दोपहर दो बजे के बाद से वह लगातार डॉक्टरों से यह कहते रहे कि वह प्रसूता को ग्वालियर रेफर कर दें. लेकिन डाक्टरों ने घर की महिलाओं को भी बाहर निकाल दिया और शव को अंदर रखकर यह कहते रहे कि वह जच्चा की हालत को सामान्य करने का प्रयास कर रहे हैं.

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