शिवपुरी। सांसद डॉ.केपी यादव ने लोकसभा क्षेत्र में मक्के के उत्पादन को देखते हुए सरकार से मांग की है कि यहां पर बायो रिफाइनरी स्थापित की जाए, जिससे क्षेत्र के युवा, किसान लाभान्वित हो सकें. रोजगार तथा विकास को नई गति प्राप्त हो. इसी तारतम्य में सांसद डॉ. केपी यादव ने संसद में मामला उठाते हुए कहा कि गुना लोकसभा क्षेत्र कृषि के दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण है. किसानों की आय दोगुनी करने के लिए बायोफ्यूल जैसे एथेनॉल का उत्पादन एक अच्छा माध्यम है, क्योंकि इसका स्रोत किसानों द्वारा उगाई जाने वाली फैसलें जैसे चावल, गन्ना और मक्का है.
बायो रिफाइनरी की मांग : केपी यादव ने कहा कि आज पूरे विश्व में एथेनॉल का 60% उत्पादन मक्का से होता है, लेकिन भारत में अभी भी प्रमुख तौर पर गन्ने का इस्तेमाल होता है. इसकी प्रति हेक्टेयर खेती के लिए 1400 मिलीलीटर पानी इस्तेमाल होता है. गुना लोकसभा क्षेत्र में 7000 हेक्टेयर में मक्के की बुवाई होती है. इस वर्ष गुना, अशोकनगर और शिवपुरी जिले में मक्के की रिकॉर्ड खेती हुई है और प्रतिदिन 25 से 230 हजार क्विंटल मक्का मंडी में पहुंच रहा है. मक्के के उत्पादन और उपलब्धता को देखते हुए गुना लोकसभा क्षेत्र में बायो रिफाइनरी स्थापित करने की अपार संभावनाएं हैं.
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गुना में मक्के की उपलब्धता : केपी यादव ने कहा कि सरकार से निवेदन है कि इथेनॉल के उत्पादन हेतु मक्के की उपलब्धता को देखते हुए गुना लोकसभा में बायो रिफाइनरी की स्थापना के लिए आवश्यक कार्रवाई की जाए, जिससे एथेनॉल के उत्पादन को प्रोत्साहन मिले और हम 2025 तक 20% एथेनॉल ब्लेडिंग के लक्ष्य को पूरा कर सकें. केपी यादव ने ये मांग क्षेत्र की जनता की लगातार की जा रही मांग को देखते हुए की है.