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Shivpuri Crime News आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर लगा दवाइओं को जमीन में दफनाने का आरोप

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Published : Nov 18, 2022, 2:00 PM IST

Updated : Nov 18, 2022, 5:13 PM IST

शिवपुरी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पर जमीन में दवा दफनाने का आरोप लगा है. दरअसल, ग्रामीणों का कहना है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने दवाओं को जमीन में गाढ़ दिया था, जिसे वे वीडियो में निकालते दिखाई दे रहे हैं(shivpuri anganwadi worker buried medicines). फिलहाल इस मामले में कोई भी अधिकारी बयान देने से बचते नजर आए.

Shivpuri crime news
शिवपुरी लेटेस्ट न्यूज

शिवपुरी। करैरा तहसील के उड़वाहा गांव की आंगनबाड़ी केंद्र पर किशोरी बालिकाओं को बंटने के लिए आई दवाओं को जमीन में दबा दिए जाने का मामला सामने आया है. इन दवाओं को बांटने की बजाय जमीन में दफना दिया गया गया. इसका खुलासा ग्रामीणों द्वारा जमीन में दफनाई गई दवाओं को जमीन से बाहर निकाल कर उसका वीडियो बनाते हुए किया है. इस संबंध में अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सीडीपीओ और डीपीओ से जानकारी लेनी चाही तो सभी चुप्पी साधे हुए हैं.

shivpuri anganwadi worker buried medicines

जमीन में दफनाईं गई दवाईयां: जानकारी के अनुसार ग्राम उड़वाहा की आंगनबाड़ी पर पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश कुशवाह को गर्भवती महिलाओं व किशोरी बालिकाओं को वितरित करने के लिए आयरन, केल्शियम और विटामिन की गोलियां भेजी थीं.यह गोलियां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गांव में गर्भवती महिलाओं सहित किशोरी बालिकाओं को बांटी जानी थी, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने दवाएं गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को न बांटते हुए जमीन में दफना दी. ग्रामीणों को इस बात की भनक लग गई तो उन्होंने जमीन को खोदकर बड़ी संख्या में दवाएं निकालकर अपने पास रख लीं(shivpuri anganwadi worker buried medicines). इसी के साथ ग्रामीणों ने जमीन से दवा निकालने का वीडियो भी बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इस मामले में जानकारी के लिए जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश कुशवाह को फोन लगाया गया तो उनका कहना था कि उन्होंने दवाएं नहीं दफनाई हैं, उन्होंने तो दवाएं वितरित की हैं. हालांकि जब उनसे यह जानने का प्रयास किया गया कि उनके यहां कितनी किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को दवाओं को वितरण किया जा रहा है, तो उन्होंने फोन काट दिया और फिर उन्होंने फोन ही अटेंड नहीं किया.

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ग्रामीणों ने लगाए ये आरोप: फिलहाल मामले में जब करैरा सीडीपीओ प्रियंका बुनकर के अलावा प्रभारी डीपीओ आकाश अग्रवाल को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया, ग्रामीण महिलाओं का आरोप है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बच्चों को न तो पोषण आहार दिया जाता है न ही कभी कोई दवा भी वितरित की जाती है, इतना ही नहीं कुछ भी जानकारी नहीं दी जाती है.

शिवपुरी। करैरा तहसील के उड़वाहा गांव की आंगनबाड़ी केंद्र पर किशोरी बालिकाओं को बंटने के लिए आई दवाओं को जमीन में दबा दिए जाने का मामला सामने आया है. इन दवाओं को बांटने की बजाय जमीन में दफना दिया गया गया. इसका खुलासा ग्रामीणों द्वारा जमीन में दफनाई गई दवाओं को जमीन से बाहर निकाल कर उसका वीडियो बनाते हुए किया है. इस संबंध में अब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सीडीपीओ और डीपीओ से जानकारी लेनी चाही तो सभी चुप्पी साधे हुए हैं.

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जमीन में दफनाईं गई दवाईयां: जानकारी के अनुसार ग्राम उड़वाहा की आंगनबाड़ी पर पदस्थ आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश कुशवाह को गर्भवती महिलाओं व किशोरी बालिकाओं को वितरित करने के लिए आयरन, केल्शियम और विटामिन की गोलियां भेजी थीं.यह गोलियां आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को गांव में गर्भवती महिलाओं सहित किशोरी बालिकाओं को बांटी जानी थी, लेकिन आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने दवाएं गर्भवती महिलाओं और किशोरियों को न बांटते हुए जमीन में दफना दी. ग्रामीणों को इस बात की भनक लग गई तो उन्होंने जमीन को खोदकर बड़ी संख्या में दवाएं निकालकर अपने पास रख लीं(shivpuri anganwadi worker buried medicines). इसी के साथ ग्रामीणों ने जमीन से दवा निकालने का वीडियो भी बना कर सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया. इस मामले में जानकारी के लिए जब आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कमलेश कुशवाह को फोन लगाया गया तो उनका कहना था कि उन्होंने दवाएं नहीं दफनाई हैं, उन्होंने तो दवाएं वितरित की हैं. हालांकि जब उनसे यह जानने का प्रयास किया गया कि उनके यहां कितनी किशोरियों और गर्भवती महिलाओं को दवाओं को वितरण किया जा रहा है, तो उन्होंने फोन काट दिया और फिर उन्होंने फोन ही अटेंड नहीं किया.

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ग्रामीणों ने लगाए ये आरोप: फिलहाल मामले में जब करैरा सीडीपीओ प्रियंका बुनकर के अलावा प्रभारी डीपीओ आकाश अग्रवाल को फोन लगाया गया तो उन्होंने फोन अटेंड नहीं किया, ग्रामीण महिलाओं का आरोप है कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता द्वारा बच्चों को न तो पोषण आहार दिया जाता है न ही कभी कोई दवा भी वितरित की जाती है, इतना ही नहीं कुछ भी जानकारी नहीं दी जाती है.

Last Updated : Nov 18, 2022, 5:13 PM IST
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