Shivpuri Madhya Pradesh Election Result 2023 LIVE। शिवपुरी यानि मध्यप्रदेश विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र क्रमांक 25 के मतदाताओं की बात करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में (2.8.2023 के अनुसार) कुल 2 लाख 52 हज़ार 034 मतदाता हैं. जिनमें से पुरुष मतदाताओं की संख्या 1,32,564 और महिला मतदाता 1,19,458 है. साथ ही ट्रांसज़ेंडर मतदाताओं की संख्या 12 है, जो आगामी विधानसभा चुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करेंगे.
विधानसभा चुनाव में शिवपुरी विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला बीजेपी और कांग्रेस के बीच है. यहां से बीजेपी प्रत्याशी देवेन्द्र कुमार जैन हैं तो कांग्रेस प्रत्याशी के पी सिंह हैं.
विधानसभा क्षेत्र की ख़ासियत: प्राचीन और पवित्र स्थान जिसका नाम सिपरी हुआ करता था, भोलेनाथ भगवान शिवजी के नाम पर इसे शिवपुरी नाम मिला. यह क्षेत्र टूरिस्ट विलेज यानी पर्यटकों का गांव कहा जाता है. मुगलकाल से ही यहां के घने जंगल शाही शिकार के लिए माने जाते थे. यह क्षेत्र सिंधिया रियासत में ग्रीष्मकालीन राजधानी थी. आज भी यहां कई पुरातत्व महत्व के स्थान हैं. जो पर्यटकों को लुभाते हैं. भदैया कुंड वॉटरफॉल इस क्षेत्र के प्रमुख आकर्षण में से एक है. शिवपुरी पक्षियों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य है और कई पर्यटक पक्षियों की विशाल प्रजातियों को देखने के लिए भी यहां आते हैं.
शिवपुरी विधानसभा सीट का पॉलिटिकल सिनारियो: शिवपुरी विधानसभा उस राजशाही सीट में शामिल है. जहां लंबे समय तक सिंधिया घराने की धाक रही है. चाहे पहले कांग्रेस में रहते माधवराव सिंधिया के करीबी गणेशराम गौतम रहे हों या बीजेपी में रहते उनकी बहन यशोधरा राजे सिंधिया जो अब तक इस सीट पर चार चुनाव जीतकर विधायक बन चुकी हैं और पिछले 10 वर्षों से लगातार विधायक रहते वर्तमान में प्रदेश सरकार की खेल एवं युवा कल्याण मंत्री है. इस लिहाज से यह सीट बहुत ही महत्वपूर्ण हो जाती है. अगर 2006 के उपचुनाव छोड़ दें तो 1993 से बीजेपी हर बार ही यहां चुनाव में जीत रही है. आखिरी चुनाव भी यशोधरा राजे सिंधिया करीब 28,748 वोटों से जीती थी. उन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी सिद्धार्थ लाडा को मात दी थी.
इस बार जब 2023 के चुनाव होंगे तो बीजेपी के लिए स्थिति साफ है. उनके पास यशोधरा राजे सिंधिया एक मजबूत दावेदार के रूप में पहले से ही शिवपुरी के लिए मौजूद हैं. वहीं कांग्रेस में टिकट के लिए घमासान है. यहां सबसे पहले दावेदार पूर्व विधायक हरिवल्लभ शुक्ला हैं. जो पहले भी यशोधरा राजे सिंधिया के खिलाफ शिवपुरी से चुनाव लड़ कर मत खा चुके हैं. तो वहीं दूसरे प्रत्याशी के रूप में स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के करीबी गणेश राम गौतम भी चुनाव लड़ने का मन बना चुके हैं. वैसे कुछ महीने पहले वे यह बयान भी दे चुके हैं, 2023 में अगर पार्टी ने टिकट दिया तो मैदान में अपनी पूरी ताक़त झोंक देंगे. वे यह घोषणा भी कर चुके हैं कि इस साल का विधानसभा चुनाव उनके राजनीतक जीवन का आखिरी चुनाव होगा. इन दोनों के अलावा कांग्रेस के पूर्व प्रत्याशी रहे युवा नेता राहुल लाडा भी दोबारा से चुनाव लड़ने का मन बना रहे हैं. ऐसे में अब इन दावेदारों को साधना भी कांग्रेस के लिए टेढ़ी खीर साबित होगी.
विधानसभा के जातिगत समीकरण: बात अगर जातिगत समीकरणों की करें तो इस विधानसभा क्षेत्र में वैश्य और आदिवासी वोटर की भूमिका अहम हो जाती है. वर्तमान में इस क्षेत्र में वैश्य समाज के 50 हजार मतदाता हैं. वहीं आदिवासी वोटर भी 40 हजार का रिकॉर्ड रखता है. इनके साथ-साथ क्षत्रिय समाज के भी 20 हजार वोटर हैं. इनके साथ ही क्षत्रिय, लोधी, कुशवाह, राठौर और मुस्लिम मतदाता भी निर्णायक स्थिति में हैं.
विधानसभा चुनाव 2018 के नतीजे: साल 2018 में जब मध्य प्रदेश में विधानसभा के लिए आम चुनाव हुए तो भारतीय जनता पार्टी ने अपनी मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को चौथी बार मैदान में उतारा. जिनके खिलाफ कांग्रेस ने राहुल लाडा के रूप में युवा चहरे को प्रत्याशी बनाया. इस चुनाव में यशोधरा राजे सिंधिया को 84570 वोट मिले तो वहीं कांग्रेस प्रत्याशी राहुल लाडा को जनता ने 55,822 वोट दिए. इस चुनाव में BJP की प्रत्याशी यशोधरा राजे सिंधिया 28748 मतों से जीत कर विधायक बनी.
विधानसभा चुनाव 2013 के नतीजे: जब 2018 में विधानसभा के चुनाव हुए तो बीजेपी ने एक बार फिर पूर्व मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया को कैंडिडेट बनाया. उनके सामने कांग्रेस ने एक बार फिर वीरेंद्र रघुवंशी को प्रत्याशी घोषित किया. मतदान का रिजल्ट आया तो बीजेपी को 76,330 वोट और कांग्रेस को 65,185 वोट मिले. चुनाव में जीत का मार्जिन 11,145 मतों का रहा.
विधानसभा चुनाव 2008 के नतीजे: शिवपुरी सीट पर 2008 में बीजेपी ने माखनलाल राठौर को चुनावी कमान सौंपी थी, उन्हें प्रत्याशी बनाया था. क्योंकि यहां पिछले 13 साल से बीजेपी काबिज थी और 2006 में उपचुनाव होने से कांग्रेस ने इस सीट पर कब्जा कर लिया था, लेकिन जब 13वीं विधानसभा के लिए चुनाव हुए तो पूर्व विधायक यशोधरा राजे सिंधिया ग्वालियर से सांसद बन चुकी थीं. ऐसे में नये प्रत्याशी के रूप में बीजेपी ने माखनलाल राठौर को टिकट दिया और जनता ने 25760 वोट. वहीं कांग्रेस प्रत्याशी रहे वीरेंद्र रघुवंशी ने 24009 वोट हासिल किए थे, इस चुनाव में जीत का अंतर 1,751 वोट था.
विधानसभा क्षेत्र के स्थानीय मुद्दे: शिवपुरी विधानसभा क्षेत्र प्रदेश की कई विधानसभाओं से अलग नहीं है. जहां लोग आज भी समस्याओं का सामना कर रहे हैं. इस क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य, बिजली, पानी और सड़क के लिए जनता जूझती नजर आती है. कहने को यहां से चुनी हुई विधायक प्रदेश सरकार में कैबिनेट मंत्री है. बावजूद इसके शिवपुरी में सिंध नदी का पानी लाने की घोषणा का फायदा नहीं निकला शिवराज सरकार ने शहर में पानी के समस्या के समाधान के लिए सिंध जल आवर्धन योजना शुरु की थी, जिसके तहत 140 करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च करने की बाद लोगों को अब तक पेयजल समस्या से राहत नहीं मिल पाई है. दूसरा मुद्दा हैं फ़ूड पार्क, 2016 में उद्योग मंत्री रहते यशोधरा राजे सिंधिया ने 13 हेक्टियर जमीन पर फूड पार्क की नींव रखी थी, लेकिन 6 साल बीतने के बाद भी एक भी इकाई इस ज़मीन पर नहीं लग सकी. वहीं खराब सीवेज सिस्टम भी बड़ी मुसीबत है. सीवेज सिस्टम ना होने से लोग परेशान हैं. वहीं बेरोजगारी के चलते क्षेत्र के युवा दूसरे राज्यों में नौकरी के लिए पलायन करने को मजबूर हैं.