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तीन साल से मॉडल प्रसव केंद्र पर लटका ताला, परिसर में जानवरों का जमावड़ा - model delivery center closed

शिवपुरी जिले की बैराड़ तहसील क्षेत्र के ग्राम जौराई में प्रसूता महिलाओं के लिए बनाया गया डिलीवरी सेंटर काफी समय से बंद पड़ा है. जिसके चलते महिलाओं को मजबूरी में प्रसव के लिए बैराड़ जाना पड़ता है. कई बार शिकायत करने के बाद भी अभी तक कोई सुनवाई नहीं हुई.

delivery center is not providing facilities to woman in shivpuri
डिलीवरी सेंटर में बंध रहे पालतू जानवर
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Published : Sep 1, 2020, 8:20 AM IST

शिवपुरी। बैराड़ तहसील क्षेत्र के जौराई गांव में गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया मॉडल डिलीवरी सेंटर काफी समय से बंद पड़ा है. यहां पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के अमले के नाकारापन की वजह से डिलीवरी सेंटर में इन दिनों ग्रामीण अपने जानवर बांध रहे हैं, जबकि ग्रामीण महिलाओं को मजबूरी में प्रसव के लिए शिवपुरी बैराड़ जाना पड़ रहा है.

delivery center is not providing facilities to woman in shivpuri
प्रसव केंद्र में पालतू जानवर

जौराई के प्रसव केंद्र पर पदस्थ महिला एएनएम एवं सहायक अपने घर रहकर नौकरी कर रही हैं, जबकि गांव की महिलाओं और उनके परिजनों को प्रसव कराने के लिए बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र से लेकर शिवपुरी तक भागदौड़ करनी पड़ रही है. इस डिलीवरी सेंटर को खोले जाने के लिए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है ये सेंटर काफी समय से बंद पड़ा है.

जनपद सदस्य जौराई राम सिंह का कहना है कि जौराई में पिछले तीन साल से डिलीवरी सेंटर का ताला नहीं खुला है. यहां पदस्थ स्टाफ बाहर से ही घूम कर चला जाता है. जिसकी शिकायत कई बार करने के बाद भी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. शिवपुरी सीएमएचओ अर्जुन लाल शर्मा ने कहा कि बीएमओ को भेजकर अव्यवस्थाओं की जांच कराई जाएगी. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी, व्यवस्थाओं में सुधार कर जल्द ही डिलीवरी सेंटर में ग्रामीण महिलाओं को प्रसव सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

20 लाख रुपए की लागत से बना मॉडल डिलीवरी सेंटर

बैराड़ तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत जौराई में केन्द्र सरकार की मातृत्व सुरक्षा योजना अंतर्गत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए करीब 20 लाख की लागत से जौराई उप स्वास्थ्य केन्द्र को मॉडल डिलीवरी सेंटर बनाया गया था. जिसमें ग्रामीण महिलाओं को सातों दिन 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीण महिलाओं को गांव में ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गई. जौराई के ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते ये डिलीवरी सेंटर पिछले 3 साल से बंद पड़ा है. इस सेंटर के मुख्य द्वार पर ताला पड़ा है, जबकि अंदर परिसर में चारों ओर गंदगी के अंबार लगे हैं.सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए इस सेंटर के बंद होने से लोग यहां अपने जानवर बांध रहे हैं.

डिलीवरी सेंटर पर हर वक्त लगा रहता है ताला

जौराई गांव की निवासी ममता, सरोज, मालती ने बताया कि डिलेवरी सेंटर पर ताला लगा रहता है. इसके यहां खोले जाने से कोई लाभ नहीं मिल रहा है. गांव की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए 1-2 हजार रुपए खर्च कर एम्बुलेंस से शिवपुरी बैराड़ जाना पड़ रहा है. यहां पदस्थ एएनएम महीने में एक-दो बार आकर बाहर से ही चक्कर लगा कर चली जाती हैं.

शिवपुरी। बैराड़ तहसील क्षेत्र के जौराई गांव में गर्भवती महिलाओं की सुविधा के लिए लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया मॉडल डिलीवरी सेंटर काफी समय से बंद पड़ा है. यहां पदस्थ स्वास्थ्य विभाग के अमले के नाकारापन की वजह से डिलीवरी सेंटर में इन दिनों ग्रामीण अपने जानवर बांध रहे हैं, जबकि ग्रामीण महिलाओं को मजबूरी में प्रसव के लिए शिवपुरी बैराड़ जाना पड़ रहा है.

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प्रसव केंद्र में पालतू जानवर

जौराई के प्रसव केंद्र पर पदस्थ महिला एएनएम एवं सहायक अपने घर रहकर नौकरी कर रही हैं, जबकि गांव की महिलाओं और उनके परिजनों को प्रसव कराने के लिए बैराड़ स्वास्थ्य केंद्र से लेकर शिवपुरी तक भागदौड़ करनी पड़ रही है. इस डिलीवरी सेंटर को खोले जाने के लिए ग्रामीण जनप्रतिनिधियों से लेकर स्वास्थ्य विभाग के आला अधिकारियों से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन ग्रामीणों की कोई सुनवाई नहीं हो रही है ये सेंटर काफी समय से बंद पड़ा है.

जनपद सदस्य जौराई राम सिंह का कहना है कि जौराई में पिछले तीन साल से डिलीवरी सेंटर का ताला नहीं खुला है. यहां पदस्थ स्टाफ बाहर से ही घूम कर चला जाता है. जिसकी शिकायत कई बार करने के बाद भी अब तक कोई सुनवाई नहीं हुई है. शिवपुरी सीएमएचओ अर्जुन लाल शर्मा ने कहा कि बीएमओ को भेजकर अव्यवस्थाओं की जांच कराई जाएगी. दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी, व्यवस्थाओं में सुधार कर जल्द ही डिलीवरी सेंटर में ग्रामीण महिलाओं को प्रसव सुविधाएं उपलब्ध होंगी.

20 लाख रुपए की लागत से बना मॉडल डिलीवरी सेंटर

बैराड़ तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत जौराई में केन्द्र सरकार की मातृत्व सुरक्षा योजना अंतर्गत संस्थागत प्रसव को बढ़ावा देने के लिए करीब 20 लाख की लागत से जौराई उप स्वास्थ्य केन्द्र को मॉडल डिलीवरी सेंटर बनाया गया था. जिसमें ग्रामीण महिलाओं को सातों दिन 24 घंटे स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराने की बात कही गई थी, सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करने के बाद भी ग्रामीण महिलाओं को गांव में ही स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध कराने की सरकार की मंशा स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ गई. जौराई के ग्रामीणों ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग के गैर जिम्मेदाराना रवैये के चलते ये डिलीवरी सेंटर पिछले 3 साल से बंद पड़ा है. इस सेंटर के मुख्य द्वार पर ताला पड़ा है, जबकि अंदर परिसर में चारों ओर गंदगी के अंबार लगे हैं.सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च कर बनाए गए इस सेंटर के बंद होने से लोग यहां अपने जानवर बांध रहे हैं.

डिलीवरी सेंटर पर हर वक्त लगा रहता है ताला

जौराई गांव की निवासी ममता, सरोज, मालती ने बताया कि डिलेवरी सेंटर पर ताला लगा रहता है. इसके यहां खोले जाने से कोई लाभ नहीं मिल रहा है. गांव की गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए 1-2 हजार रुपए खर्च कर एम्बुलेंस से शिवपुरी बैराड़ जाना पड़ रहा है. यहां पदस्थ एएनएम महीने में एक-दो बार आकर बाहर से ही चक्कर लगा कर चली जाती हैं.

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