शिवपुरी। माधव नेशनल पार्क प्रबंधन और बलारपुर माता मंदिर के महंत एवं श्रद्धालुओं के बीच रास्ते और मंदिर में धार्मिक आयोजनों पर रोक को लेकर विवाद जारी है. इस मामले में शिवपुरी विधायक व कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने शिवपुरी कलेक्ट्रेट में प्रशासनिक अधिकारियों, वन विभाग और मंदिर समिति के महंत के साथ बैठक कर इस समस्या का हल निकालने का प्रयास किया. कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने बैठक के बाद मीडिया से कहा कि इस समस्या का हल सिर्फ समन्वय से हो सकता है. वन विभाग और मंदिर समिति के लोगों को एक साथ बैठक कर आपसी समन्वय से इस समस्या का हल निकालना पड़ेगा.
सीएम और वन मंत्री से सलाह कर लेंगे निर्णय : मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि इस संबंध में मुख्यमंत्री और वन मंत्री सर्वेसर्वा है. उनसे सलाह लेकर ही हम इस संबंध में कुछ निर्णय कर सकते हैं. बलारपुर माता मंदिर में धार्मिक आयोजनों पर लगाई गई रोक को लेकर मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया ने कहा कि यह मंदिर हजारों सालों से माधव नेशनल पार्क में स्थित है. मंत्री ने कहा कि अब ऐसा क्यों हो रहा है कि मंदिर में धार्मिक गतिविधियों को प्रतिबंधित किया जा रहा है. जबकि रणथंबोर और बांधवगढ़ में स्थित मंदिरों में श्रद्धालुओं को दर्शनों के लिए जाने दिया जा रहा है. वन विभाग के अधिकारियों को इन स्थानों का भ्रमण कर देखने के लिए कहा है. इन नेशनल पार्कों में किन आधारों पर श्रद्धालुओं को मंदिर में प्रवेश दिया जा रहा है.
माधव नेशनल पार्क प्रबंधन ने लगाई रोक : माधव नेशनल पार्क में टाइगर आने के बाद वन विभाग द्वारा बलारपुर माता मंदिर तक जाने वाले रास्ते पर प्रतिबंध लगा दिया है. इससे मंदिर के श्रद्धालुओं और पार्क प्रबंधन के बीच विवाद की स्थिति निर्मित हो गई है.अभी रास्ते को लेकर यह विवाद चल ही रहा था कि मंगलवार को माधव नेशनल पार्क प्रबंधक सीसीएफ उत्तम शर्मा ने एक पत्र जारी कर बलारपुर माता मंदिर पर होने वाले धार्मिक आयोजनों पर पूर्णता रोक लगा दी.
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उग्र आंदोलन करने की चेतावनी : नाराज श्रद्धालु और मंदिर के महंत प्रयाग भारती ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी दी और बुधवार को कैबिनेट मंत्री यशोधरा राजे सिंधिया से मुलाकात कर वन विभाग द्वारा मंदिर पर धार्मिक गतिविधियों पर लगाई गई रोक को हटाने की मांग की. उन्होंने बताया कि 24 मई को मंदिर में यज्ञ का आयोजन किया जा रहा है. 2 जून को विशाल भंडारा आयोजित किया जाएगा. ऐसे में अगर वन विभाग ने यज्ञ को रोकने का प्रयास किया तो श्रद्धालु उग्र आंदोलन करने के लिए विवश होंगे. हालांकि श्रद्धालुओं का कहना है कि मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है कि जल्द ही इस समस्या का समाधान निकाल लिया जाएगा.