शिवपुरी। मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड सोना गिरवीं रखकर लोगों को लाखों रुपए का लोन देती है, परंतु कंपनी की कोलारस ब्रांच में कई लोग कंपनी से लोन लिए बिना ही कंपनी के लाखों रुपए के कर्जदार बन गए हैं. कंपनी की कोलारस ब्रांच के पूर्व मैनेजर विक्रम पाल निवासी डबरा ने यह कारगुजारी की है. विक्रम कई कस्टमर के नाम पर कंपनी में नकली सोना गिरवीं रखकर लाखों रुपए का घोटाला कर फरार हो गया है. अब कस्टमर ब्रांच के चक्कर काट रहे हैं कि जब उन्होंने कोई लोन लिया ही नहीं है, तो फिर उनके नाम पर कंपनी के खातों में लोन कैसे शो हो रहा है.
बाइक फाइनेंस कराने सिविल चेक कराई तो हुआ खुलासा
मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड की कोलारस ब्रांच में चल रहे इस घालमेल का खुलासा तब हुआ जब कोलारस में दुकान संचालित करने वाले ग्राम बांसखेड़ी निवासी भानु प्रताप सिंह परमार सोमवार को बाइक खरीदने के लिए एजेंसी पर पहुंचा और बाइक फाइनेंस करने के लिए उसकी सिविल चेक की गई. सिविल चेक करने पर पता चला कि भानु के नाम पर मणप्पुरम फाइनेंस लिमिटेड के 2 लाख 7 हजार रुपए का लोन बकाया है. भानु तत्काल फाइनेंस कंपनी के ऑफिस पहुंचा तो पूरा फर्जीवाड़ा उजागर हुआ.
कई अन्य ग्राहकों के नाम पर भी लोन
भानु प्रताप सिर्फ एकमात्र ऐसा ग्राहक नहीं है, जिसके नाम पर नकली सोना रखकर लोन निकाला गया हो. इसके अलावा भी कई अन्य ग्राहक हैं, जिनके नाम पर लाखों का लोन निकाला गया है. वर्तमान ब्रांच मैनेजर के अनुसार अभी उन्हें ब्रांच में आये 10 दिन हुए हैं, उनके संज्ञान में 4-5 लोगों के मामले सामने आ चुके हैं. यह घोटाला लाखों रुपए का हो सकता है.
एक किसान के पैकेट से कम कर दिया सोना
एक अन्य किसान ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उसने ब्रांच में 350 ग्राम सोना गिरवीं रखा था. उसकी 10 लाख रुपए की लिमिट बनाई गई थी. इस लिमिट में से उसने 5 लाख रुपए का लोन लिया है. किसान के अनुसार, उसका पैकेट से सोना कम कर दिया गया है. इस पूरे मामले में भानु प्रताप का कहना है कि वह इस मामले की शिकायत लेकर कोलारस थाने गया था, लेकिन पुलिस ने यह कहकर शिकायत लेने से इनकार के दिया कि जब कंपनी मामले में शिकायत दर्ज कराएगी तब एफआईआर की जाएगी.
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फर्जी लोन का मामला है, मामले में जांच चल रही है. ऐसे 4-5 मामले मेरे संज्ञान में आ गए हैं. ब्रांच मैनेजर विक्रम पाल फिलहाल गायब हैं. वह ब्रांच नहीं आ रहे हैं. मैने कंपनी को सब बता दिया है.
सोनू राजपूत, ब्रांच मैनेजर
संबंधित पहले कंपनी के अधिकारियों से संपर्क कर यह स्पष्ट कर ले कि उसके नाम पर फर्जी लोन निकाला भी गया है या नहीं. जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी.
आलोक भदौरिया, टीआई, कोलारस