शिवपुरी। कोलारस में कुपोषित बच्ची 'लक्ष्मी' मौत की आगोश में समा गई, अब कांग्रेस ने इसे चुनावी मुद्दा बना लिया है. बच्ची की मौत को लेकर मध्य्प्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ ने अपने ट्विटर हैंडल के अलावा फेसबुक पर भी पोस्ट किया है. उन्होंने लिखा- उपचुनाव वाले क्षेत्रों में भाजपा का कन्या पूजन कार्यक्रम जारी है, जबकि नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर मध्यप्रदेश के शिवपुरी के कोलारस में कुपोषित आदिवासी परिवार की मासूम लक्ष्मी की दुखद मौत, परिवार भटकता रहा और इलाज नहीं मिला. कमलनाथ के इस पोस्ट को विज्ञापन की तरह दिखाया जा रहा है और नीचे लिखा गया है. यह है भाजपा का सेवा, समर्पण, जनकल्याण सुराज व कन्या पूजन अभियान है.
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उपचुनाव क्षेत्रों में भाजपा का कन्या पूजन कार्यक्रम जारी और वही नवरात्रि जैसे पावन पर्व पर मध्यप्रदेश के शिवपुरी के कोलारस में कुपोषित आदिवासी परिवार की मासूम लक्ष्मी की दुखद मौत, परिवार भटकता रहा इलाज नहीं मिला।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 12, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
यह है भाजपा का सेवा, समर्पण,जनकल्याण सुराज व कन्या पूजन अभियान..?
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 12, 2021
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— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) October 12, 2021
यह है भाजपा का सेवा, समर्पण,जनकल्याण सुराज व कन्या पूजन अभियान..?
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कुपोषित बेटे को इलाज के लिए कराया भर्ती
शिवपुरी जिले के कोलारस निवासी एक मजदूर परिवार की एक साल की मासूम बच्ची की झाड़फूंक और इलाज के अभाव में मौत हो गई, बच्ची के माता-पिता उसे अस्पताल से वापस लेकर आ गए थे. बच्ची की मौत की जानकारी मिलते ही महिला एवं बाल विकास के अधिकारी मजदूर के घर पहुंचे और उसे समझाइश देकर कुपोषित बेटे को इलाज के लिए एनआरसी में भर्ती कराया है. बच्चे की मां का आरोप है कि उसके बच्चे को अभी भी बेहतर उपचार नहीं मिल रहा है.
बिना इलाज बच्ची को घर ले गए परिजन
रोजगार के अभाव कोलारस के वार्ड क्रमांक 3 में निवासरत चंद्रपाल आदिवासी अपने परिवार के साथ मजदूरी करने महुरानीपुर गया था, वहां उसकी बेटी व बेटा बीमार हो गये. मजदूरी से लौटने के बाद पहले तो परिजन झाड़फूंक के फेर में पड़े रहे, जिससे उसकी हालत और बिगड़ गई. बच्ची की हालत ज्यादा बिगड़ी तो वह उसे कोलारस अस्पताल ले गए. परिजनों के अनुसार पहले तो वहां इलाज में लापरवाही बरती गई और बाद में उसे शिवपुरी रेफर कर दिया गया. शिवपुरी में भी बच्ची की स्थिति को देखते हुए उसे ग्वालियर रेफर कर दिया गया, परिजन लगातार रैफर प्रक्रिया से खिन्न होकर लक्ष्मी को वापस अपने घर ले गए, जहां बच्ची ने दम तोड़ दिया.
लाडो की मौत पर पांच हजार का मरहम
मासूम की मौत के बाद स्थानीय प्रशासन हरकत में आया और बच्ची की मौत पर पांच हजार की सहायता राशि प्रदान कर लाडो की मौत पर मरहम लगाने का काम किया है और मृतका के परिजनों को समझाइस दी है कि अब तुम किसी के बहकावे में मत आना. यह पैसे आपके खर्च के लिए हैं. चंद्रपाल आदिवासी के बच्चों की तबीयत मजदूरी के लिए बाहर जाने पर बिगड़ी है.