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प्राचीन जगन्नाथपुरी मंदिर के दर्शन करने दुनियाभर से आते हैं श्रद्धालु, भारत में हैं केवल 4 मंदिर

सुरवाया गढ़ी गांव में जगन्नाथ पुरी का मंदिर स्थित है. खास बात यह है कि यह मंदिर केवल चार स्थानों पर ही स्थित है.

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Published : Mar 26, 2019, 12:46 PM IST

जगन्नाथपुरी मंदिर शिवपुरी

शिवपुरी। शिवपुरी पर्यटक ग्राम के नाम से सुप्रसिद्ध है. यह प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों के लिए भी विश्व विख्यात है. ऐसा ही एक मंदिर सुरवाया गढ़ी गांव में है. जगन्नाथ पुरी मंदिर की विशेष बात ये है कि भारत में यह मंदिर केवल चार स्थानों पर ही स्थित है.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि पहला मंदिर खुद जगन्नाथपुरी में स्थित है. दूसरा मंदिर भिंड में स्थित है. तीसरा मंदिर अहमदाबाद शहर में स्थित है और चौथा मंदिर शिवपुरी जिले के सुरवाया गांव में है. पुजारी महंत लगभग 14 सालों से उस मंदिर में सेवा कर रहे हैं.

जगन्नाथपुरी मंदिर शिवपुरी

बताया जा रहा है कि मंदिर की जमीन स्वयं गुरु जगन्नाथ के नाम पर थी. गुरु के देह त्याग देने के बाद पुजारी महंत बलारपुर के मंदिर से जगन्नाथ मंदिर में आकर 14 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया और भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को स्थापित किया.

महंत ने बताया कि मंदिर का वातावरण पहले पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं था. वहां जंगली जानवरों और असामाजिक तत्वों का आना-जाना लगा रहता था, लेकिन जब मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया और भगवान की मूर्ति की स्थापना हुई, तब से वहां का माहौल शांतिपूर्ण और धार्मिक है. मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकमनाएं पूरी होती हैं. जगन्नाथ पुरी मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा है.

शिवपुरी। शिवपुरी पर्यटक ग्राम के नाम से सुप्रसिद्ध है. यह प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों के लिए भी विश्व विख्यात है. ऐसा ही एक मंदिर सुरवाया गढ़ी गांव में है. जगन्नाथ पुरी मंदिर की विशेष बात ये है कि भारत में यह मंदिर केवल चार स्थानों पर ही स्थित है.

मंदिर के पुजारी ने बताया कि पहला मंदिर खुद जगन्नाथपुरी में स्थित है. दूसरा मंदिर भिंड में स्थित है. तीसरा मंदिर अहमदाबाद शहर में स्थित है और चौथा मंदिर शिवपुरी जिले के सुरवाया गांव में है. पुजारी महंत लगभग 14 सालों से उस मंदिर में सेवा कर रहे हैं.

जगन्नाथपुरी मंदिर शिवपुरी

बताया जा रहा है कि मंदिर की जमीन स्वयं गुरु जगन्नाथ के नाम पर थी. गुरु के देह त्याग देने के बाद पुजारी महंत बलारपुर के मंदिर से जगन्नाथ मंदिर में आकर 14 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं. उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया और भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को स्थापित किया.

महंत ने बताया कि मंदिर का वातावरण पहले पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं था. वहां जंगली जानवरों और असामाजिक तत्वों का आना-जाना लगा रहता था, लेकिन जब मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया और भगवान की मूर्ति की स्थापना हुई, तब से वहां का माहौल शांतिपूर्ण और धार्मिक है. मान्यता है कि यहां आने वाले भक्तों की सभी मनोकमनाएं पूरी होती हैं. जगन्नाथ पुरी मंदिर में भक्तों का तांता लगा रहा है.

Intro:स्लग-जगन्नाथ मंदिर
प्राचीन जगन्नाथ पुरी मंदिर
एंकर- जहां एक तरफ से शिवपुरी पर्यटक ग्राम नाम से सुप्रसिद्ध है वहीं दूसरी तरफ यह प्राचीन और ऐतिहासिक मंदिरों के लिए भी विश्व प्रख्यात है ऐसा ही एक मंदिर सुरवाया गढ़ी ग्राम में है इस मंदिर की विशेषता यह है कि पूरे भारत विश्व में यह चार स्थानों पर ही स्थित है जब महंत जी से ईटीवी की टीम ने बात की उन्होंने बातचीत के दौरान बताया कि पहला मंदिर खुद जगन्नाथपुरी में स्थित है दूसरा मंदिर भिंड में स्थित है तीसरा मंदिर अहमदाबाद शहर में स्थित है और चौथा मंदिर शिवपुरी जिले के सुरवाया ग्राम में पाया जाता है महंत लगभग 14 सालों से उस मंदिर में सेवा कर रहे हैं


Body: प्राचीन समय में शिवपुरी जंगल का इलाका रहा है वहीं महंत ने बताया कि मंदिर की जमीन स्वयं गुरु जगन्नाथ के नाम पर थी गुरु के देह त्याग देने के बाद महंत बलारपुर के मंदिर से जगन्नाथ मंदिर में आकर 14 वर्षों से अपनी सेवाएं दे रहे हैं उन्होंने मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया और भगवान जगन्नाथ की मूर्ति को स्थापित किया आज भी उसी मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे है
महंत ने बताया की मंदिर का वातावरण पहले पूर्ण रूप से सुरक्षित नहीं था वहां जंगली जानवरों का तथा असामाजिक तत्वों का आना जाना था लेकिन जब मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया गया और भगवान की मूर्ति की स्थापना हुई तब से वहां माहौल शांतिपूर्ण और धार्मिक है।


Conclusion:व्हीओ-यह मंदिर ऐतिहासिक और प्राचीन इसलिए है क्योंकि पूरे भारत वर्ष में केवल चार जगह पहला मंदिर जगन्नाथ पुरी में दूसरा मंदिर भिंड में तीसरा मंदिर अहमदाबाद में और चौथा मंदिर शिवपुरी जिले की सुरवाया गढ़ी में स्थित है महंत लगभग 14 वर्षों से इस मंदिर में अपनी सेवाएं दे रहे हैं
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