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घर-घर जाकर गर्भवती महिलाओं को स्तनपान के महत्व के बारे में दिया परामर्श - Women Child Development Department

सुपोषण सखी व आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री माताओं को स्तनपान के महत्व के बारे परामर्श दिया. इस दौरान उन्होंने महिलाओं के सवालों के जवाब भी दिए.

Home-to-door counseling given to pregnant and lactating women about the importance of breastfeeding
घर-घर जाकर गर्भवती और धात्री महिलाओं को स्तनपान के महत्व के बारे दिया परामर्श
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Published : Aug 7, 2020, 3:33 PM IST

शिवपुरी। आदिवासी बस्ती बड़ोदी और शहरी क्षेत्र की अति पिछड़ी बस्ती मनियर में शक्तिशाली महिला संगठन की कार्डिनेटर पूजा शर्मा ने महिलाओं को स्तनपान से संबंधित जानकारियां दीं. उन्होंने सुपोषण सखी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ गर्भवती और धाात्री महिलाओं के घर जाकर स्तनपान के महत्व के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मां का पहला पीला गाढ़ा दूध जन्म के तुरंत बाद बच्चे को पिलाना चाहिए, जो की बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाकर उसे तंदुरुस्त बनाता है. साथ ही कई जानलेवा बीमारियों से बचाता है.

पूजा शर्मा ने कहा कि 6 माह तक केवल स्तनपान कराया जाना चाहिए, इसके अलावा उपर से पानी, घुट्टी या शहद कुछ भी नहीं देना हैं. स्तनपान जारी रखते हुए पूरक पोषण आहार बच्चे को मिलना चाहिए. जिससे कि बच्चे की वृद्धि सही तरीके से हो और बच्चे के दिमाग का विकास अच्छे से हो सके. यह आयोजन विश्व सप्ताह स्तनपान के छटवें दिन स्वयं सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन, महिला बाल विकास विभाग और बिट्रानिया न्यूट्रीशन फांडेशन ने संयुक्त रूप से किया.


मनियर की रहने वाली अंजली रावत ने एक माह के बच्चे के बारे में सुपोषण सखी से सवाल किया कि बच्चे को दूध पिलाती हूं, फिर भी उसका पेट नहीं भरता. इस पर सुपोषण सखी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा राठौर ने बताया कि आप अपने बच्चे को आरामदायक पोजीशन में बैठकर स्तनपान कराएं. सही तरीके से बच्चे को गोदी में लेकर स्तनपान कराएं, तो आपका बच्चा आसानी से दूध पी पाएगा.

शिवपुरी। आदिवासी बस्ती बड़ोदी और शहरी क्षेत्र की अति पिछड़ी बस्ती मनियर में शक्तिशाली महिला संगठन की कार्डिनेटर पूजा शर्मा ने महिलाओं को स्तनपान से संबंधित जानकारियां दीं. उन्होंने सुपोषण सखी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ गर्भवती और धाात्री महिलाओं के घर जाकर स्तनपान के महत्व के बारे में बताया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मां का पहला पीला गाढ़ा दूध जन्म के तुरंत बाद बच्चे को पिलाना चाहिए, जो की बच्चे की इम्यूनिटी बढ़ाकर उसे तंदुरुस्त बनाता है. साथ ही कई जानलेवा बीमारियों से बचाता है.

पूजा शर्मा ने कहा कि 6 माह तक केवल स्तनपान कराया जाना चाहिए, इसके अलावा उपर से पानी, घुट्टी या शहद कुछ भी नहीं देना हैं. स्तनपान जारी रखते हुए पूरक पोषण आहार बच्चे को मिलना चाहिए. जिससे कि बच्चे की वृद्धि सही तरीके से हो और बच्चे के दिमाग का विकास अच्छे से हो सके. यह आयोजन विश्व सप्ताह स्तनपान के छटवें दिन स्वयं सेवी संस्था शक्तिशाली महिला संगठन, महिला बाल विकास विभाग और बिट्रानिया न्यूट्रीशन फांडेशन ने संयुक्त रूप से किया.


मनियर की रहने वाली अंजली रावत ने एक माह के बच्चे के बारे में सुपोषण सखी से सवाल किया कि बच्चे को दूध पिलाती हूं, फिर भी उसका पेट नहीं भरता. इस पर सुपोषण सखी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता पुष्पा राठौर ने बताया कि आप अपने बच्चे को आरामदायक पोजीशन में बैठकर स्तनपान कराएं. सही तरीके से बच्चे को गोदी में लेकर स्तनपान कराएं, तो आपका बच्चा आसानी से दूध पी पाएगा.

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