शिवपुरी। कुछ दशक पहले जन्मकुंडली पत्र के रुप में बनाई जाती थी. लेकिन आज कल जन्मकुंडली किताब के रूप में आती है. पत्र के रूप में आने वाली कुंडलियों की लंबाई दो फीट तक होती है, लेकिन शिवपुरी शहर के दाल बाजार स्थित आबा महाराज राम मंदिर में 55 फीट लंबी जन्मकुंडली है. यह जन्मकुंडली 200 वर्ष पुरानी बताई जाती है. इसके बारे में शहर के ज्यादातर लोगों को मालूम नहीं है, क्योंकि इसे कभी-कभी खोला जाता है. इसे खोलते समय चार से छह लोगों की जरूरत पड़ती है. कुंडली मंदिर के संस्थापक आबा महाराज की है. श्रद्धालुओं ने यहां 55 फीट की जन्मकुंडली होने की बात तो सुनी है लेकिन उसे देखा बहुत ही कम लोगों ने है.
क्यों खास है कुंडली
राघवेंद्र शिरगांवकर बताते हैं कि 55 फीट की कुंडली कागज के रोल पर बनाई गई है. इस पर वाटर कलर से चंद्र कुंडली सहित अन्य गणनाएं लिखी गई हैं और उनका मुल्यांकन किया गया है. विभिन्न गणनाओं के आधार पर चित्र भी बनाए गए हैं. कुंडली में विभिन्न ग्रहों की स्थिति भी रंगीन चित्रों से दर्शाई गई है. आबा महाराज का जन्म 1812 और निर्वाण 1869 में हुआ था और यह उनकी अनोखी कुंडली है.