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दिहायला झील: क्यों रुठ रहे हैं विदेशी मेहमान, रेंजर ने बताई ये वजह - रेंजर ने बताई ये वजह

भूगोलिक परिस्थिति और सिकुड़ती झील ने आज प्रवासी पक्षियों को झील पर सीमित कर दिया है. जिसके कारण प्रवासी पक्षी अब कम संख्या में आ रहे हैं

Dihaila Lake of Karaira Sanctuary of Shivpuri
क्यों रुठ रहे हैं विदेशी मेहमान
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Published : Jan 23, 2021, 7:25 PM IST

शिवपुरी। प्रवासी पक्षियों के आगमन के लिए कभी देशभर में दूसरे स्थान पर पहचाने रखने वाले करैरा अभ्यारण के दिहायला झील प्रसिद्ध है. लेकिन झील में पानी की कमी के कारण इस बार पक्षियों के संख्या बेहद कम है. इस झील में प्रवासी पक्षियों का यहां से मोह भंग हुआ है या कुछ और कारण है इसके लिए देखिए यह रिपोर्ट. यह नजारा है करैरा की दिहायला झील का, जो कभी प्रवासी पक्षियों के लिए भरतपुर घना पक्षी अभ्यारण के बाद मशहूर थी. लेकिन इस बार झील किनारे सन्नटा है झील की जगह खेत और खेत में फसल नज़र आती है. झील में पानी का दायरा बहुत कम हो गया है और प्रवासी पक्षियों के संख्या भी कम हो गई है. कुछ सालों पहले की बात करे तो यहां आने वाले विदेशी पक्षियों के संख्या दो लाख तक दर्ज की गई है. जिनमें साइबेरियन पक्षी पिनटेल यहां काफी संख्या में आते थे.

क्यों रुठ रहे हैं विदेशी मेहमान

झील का सिमटता दायरा

इसके साथ ही अन्य रंग बिरंगे पंक्षियों को देखने पर्यटक भी यहां पहुंचते थे, लेकिन अब पंक्षियों और पर्यटकों का इस जगह से मोह भंग हो रहा है, इसके पीछे कारण जानने के लिए जब ग्रामीणों से बात की तो उनका कहना था कि झील की जो जमीन है वह सरकारी नहीं, निजी खाते की है. जिस पर खेती करने के लिए किसान झील से पानी निकाल देते हैं और पानी न होने से पक्षियों की संख्या कम हो गई तो वही यहां आने वाले इन पक्षियों के शिकार की बात भी कही जाती है.

Shrill Dihaila Lake
दिहायला झील से क्यो रूठे विदेशी मेहमान परिंदे

कम होती संख्या चिंता का विषय

दिहायला झील की उथली सतह और यहां पर्याप्त मात्रा में इन पंक्षियों को मनपसंद भोजन मिलना, इसके यहां आने का कारण था. इसलिए नवंबर महीने से ही यहां विदेशी परिंदों का आगमन शुरू हो जाता था. जो मार्च तक यहां ठहरते थे फिर वापस अपने देश को लौट जाते थे. करैरा अभ्यारण के अधिकारी भी मानते हैं कि इस बार पंक्षी काफी कम आए है और वार्ड फ्लू को लेकर उन्होंने यहां की विजिट भी की है. जिसमें 4 प्रजाति ही देखने को मिली है. मेहमान परिंदों की कम होती संख्या के लिए अधिकारी बारिश का कम होना भूगोलिक परिस्थितियों को मानते हैं.

सिमटी झील पर ध्यान दे सरकार

करैरा की दिहायला झील पर प्रवासी पक्षियों के आगमन की गिरती संख्या के कारण जो भी हो. लेकिन यह सच की इस झील पर कभी लाखों की संख्या में आने वाले बाहरी परिंदे अब हजारों के संख्या में रह गए है और पर्यटकों ने भी इसीलए इस क्षेत्र में आना बंद कर दिया है. इसके लिए विभाग को ध्यान देने की जरूत है.

शिवपुरी। प्रवासी पक्षियों के आगमन के लिए कभी देशभर में दूसरे स्थान पर पहचाने रखने वाले करैरा अभ्यारण के दिहायला झील प्रसिद्ध है. लेकिन झील में पानी की कमी के कारण इस बार पक्षियों के संख्या बेहद कम है. इस झील में प्रवासी पक्षियों का यहां से मोह भंग हुआ है या कुछ और कारण है इसके लिए देखिए यह रिपोर्ट. यह नजारा है करैरा की दिहायला झील का, जो कभी प्रवासी पक्षियों के लिए भरतपुर घना पक्षी अभ्यारण के बाद मशहूर थी. लेकिन इस बार झील किनारे सन्नटा है झील की जगह खेत और खेत में फसल नज़र आती है. झील में पानी का दायरा बहुत कम हो गया है और प्रवासी पक्षियों के संख्या भी कम हो गई है. कुछ सालों पहले की बात करे तो यहां आने वाले विदेशी पक्षियों के संख्या दो लाख तक दर्ज की गई है. जिनमें साइबेरियन पक्षी पिनटेल यहां काफी संख्या में आते थे.

क्यों रुठ रहे हैं विदेशी मेहमान

झील का सिमटता दायरा

इसके साथ ही अन्य रंग बिरंगे पंक्षियों को देखने पर्यटक भी यहां पहुंचते थे, लेकिन अब पंक्षियों और पर्यटकों का इस जगह से मोह भंग हो रहा है, इसके पीछे कारण जानने के लिए जब ग्रामीणों से बात की तो उनका कहना था कि झील की जो जमीन है वह सरकारी नहीं, निजी खाते की है. जिस पर खेती करने के लिए किसान झील से पानी निकाल देते हैं और पानी न होने से पक्षियों की संख्या कम हो गई तो वही यहां आने वाले इन पक्षियों के शिकार की बात भी कही जाती है.

Shrill Dihaila Lake
दिहायला झील से क्यो रूठे विदेशी मेहमान परिंदे

कम होती संख्या चिंता का विषय

दिहायला झील की उथली सतह और यहां पर्याप्त मात्रा में इन पंक्षियों को मनपसंद भोजन मिलना, इसके यहां आने का कारण था. इसलिए नवंबर महीने से ही यहां विदेशी परिंदों का आगमन शुरू हो जाता था. जो मार्च तक यहां ठहरते थे फिर वापस अपने देश को लौट जाते थे. करैरा अभ्यारण के अधिकारी भी मानते हैं कि इस बार पंक्षी काफी कम आए है और वार्ड फ्लू को लेकर उन्होंने यहां की विजिट भी की है. जिसमें 4 प्रजाति ही देखने को मिली है. मेहमान परिंदों की कम होती संख्या के लिए अधिकारी बारिश का कम होना भूगोलिक परिस्थितियों को मानते हैं.

सिमटी झील पर ध्यान दे सरकार

करैरा की दिहायला झील पर प्रवासी पक्षियों के आगमन की गिरती संख्या के कारण जो भी हो. लेकिन यह सच की इस झील पर कभी लाखों की संख्या में आने वाले बाहरी परिंदे अब हजारों के संख्या में रह गए है और पर्यटकों ने भी इसीलए इस क्षेत्र में आना बंद कर दिया है. इसके लिए विभाग को ध्यान देने की जरूत है.

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