शिवपुरी। जिले के चिलावद के ग्रामीण कैला देवी की पदयात्रा के दौरान चंबल नदी में बह गए थे. दो और ग्रामीणों के शव नदी में उतराते मिले. मासूम का शव मिलने के बाद प्रशासन द्वारा चलाया जा रहा रेस्क्यू बंद कर दिया गया. दोनों शवों को सोमवार की देर रात शिवपुरी लाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया. चिलावद के श्मशान में सोमवार को हालात ये थे कि दो चिताएं जलाने के लिए चबूतरे कम पड़ गए, जिसके चलते अंतिम संस्कार जमीन पर करना पड़ा. क्योंकि पहले से तीन चबूतरों पर चिताएं चल चुकी थीं.
17 ग्रामीण निकले थे कैला देवी के दर्शन करने : उल्लेखनीय है कि 14 मार्च को ग्राम चिलावद से देवकीनंदन पुत्र हीरा कुशवाह, अलोपा पत्नी देवकीनंदन कुशवाह, दीपक पुत्र देवकीनंदन कुशवाह, रुकमणि पत्नी दीपक कुशवाह, लवकुश पुत्र थान सिंह कुशवाह, संतरा पत्नी सेवक कुशवाह, सुनील पुत्र सेवक कुशवाह, रश्मि पत्नी सुनील कुशवाह, चेंऊ पुत्र ठकुरी कुशवाह, कल्लो पत्नी चेंऊ कुशवाह, बृजमोहन पुत्र रामप्रकाश कुशवाह, धनीराम पुत्र खेरा कुशवाह, राकेश पुत्र मुरारी कुशवाह, संपत पत्नी राकेश कुशवाह, रामश्री पत्नी वचनलाल कुशवाह निवासीगण चिलावदा, जानकी लाल पुत्र हक्के कुशवाह निवासी कोलारस, दीपक पुत्र अमर सिंह कुशवाह निवासी करमाजकलां कैलादेवी की पद यात्रा के लिए रवाना हुए थे.
ये खबरें भी पढ़ें... |
कुल 7 लोग मौत का शिकार : 18 मार्च को इन श्रद्धालुओं का जत्था चंबल नदी पार कर रहा था, तभी अचानक सभी लोग पानी में बह गए. इस हृदय विदारक हादसे में 10 लोगों को तो सुरक्षित बचा लिया गया था, लेकिन 7 लोग पानी डूब गए. दो लोगों के शव घटना के कुछ घंटे बाद ही तलाश लिए गए थे. तीन लोगों के शव 19 मार्च को नदी में से रेस्क्यू के दौरान मिले, जबकि शेष बचे बृजमोहन व लवकुश का शव सोमवार को नदी ने उगल दिया. दोनों के शव 20 मार्च को पानी पर उतराते मिले. 20 मार्च को चिलावद के श्मशान पर हर आंख नम थी, क्योंकि वहां बने चबूतरे पर तीन चिताएं पहले ही जलाई जा चुकी थीं, परंतु ये तीनों चिताएं ठंडी भी नहीं हो पाईं. उससे पहले दो अर्थी श्मशान पहुंच गईं. ऐसे में इन दोनों चिताओं को जलाने के लिए श्मशान में चबूतरे कम पड़ गए. इन दोनों शवों का जमीन पर रख कर अंतिम संस्कार किया गया.