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श्मशान घाट पर दबंगों का कब्जा, दलित परिवार ने सड़क किनारे किया दाह संस्कार

श्योपुर में एक दलित परिवार को सड़क किनारे शव का अंतिम संस्कार करना पड़ा क्योंकि दबंगों ने श्मशान घाट की जमीन पर कब्जा कर रखा है, मौके पर पहुंची पुलिस और प्रशासन ने दबंगों से जमीन खाली करने की बजाय सड़क किनारे शव का अंतिम संस्कार करने की सलाह दे डाली.

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दलित मृतक का सड़क किनारे हुआ अंतिम संस्कार
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Published : Jan 1, 2020, 8:15 AM IST

श्योपुर। शांति धाम की जमीन पर कब्जा किए दबंगों की मनमानी की वजह से एक मृतक का अंतिम संस्कार सड़क किनारे करना पड़ा, जिसकी सूचना मिलते ही तहसीलदार और बीरपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची जरूर, लेकिन दबंगों को सामने देख उन्हें खदेड़ने की बजाय उल्टा मृतक के परिजनों को ही समझा-बुझाकर वापस लौट गई.

इंसानियत को शर्मसार करने वाला ये मामला वीरपुर तहसील के मोहनपुरा गांव का है, जहां कुछ दबंगों ने दलित समाज के श्मशान घाट पर कब्जा कर उक्त जमीन पर खेती कर रहे हैं. इस वजह से यहां जब भी किसी दलित समाज के व्यक्ति की मौत होती है तो उसे शव का सड़क किनारे दाह संस्कार करना पड़ता है.

सड़क किनारे अंतिम संस्कार

सोमवार की सुबह वीरपुर तहसील इलाके की ग्राम पंचायत पांचो के गांव मोहनपुरा में भंता जाटव का निधन हो गया था, परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव को घर में 2 घंटे तक रखे रहे. जिसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को दी. मौके पर पहुंचे तहसीलदार और पुलिस प्रशासन के सामने परिजन शव को श्मशान घाट तक तो ले गए, लेकिन श्मशान घाट तक नहीं जा सके.

प्रशासन व पुलिसकर्मी दबंगों को वहां से हटाने की बजाय पीड़ितों को ही समझाकर सड़क किनारे शव का अंतिम संस्कार करने की सलाह देने लगे. शव को लेकर घंटों परेशान रहे परिजनों को जब पुलिस और प्रशासन से मदद मिलती नहीं दिखी तो परिजनों ने प्रशासन की बात मानकर शव का सड़क किनारे अंतिम संस्कार कर दिया.

दलितों ने बिना श्मशान घाट गए अपने परिजन का अंतिम संस्कार भले ही सड़क किनारे करके औपचारिकता पूरी कर ली, लेकिन इस तरह सड़क किनारे अंतिम संस्कार करने से प्रशासन की एंटी माफिया अभियान की पोल जरूर खुल गई है.

श्योपुर। शांति धाम की जमीन पर कब्जा किए दबंगों की मनमानी की वजह से एक मृतक का अंतिम संस्कार सड़क किनारे करना पड़ा, जिसकी सूचना मिलते ही तहसीलदार और बीरपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची जरूर, लेकिन दबंगों को सामने देख उन्हें खदेड़ने की बजाय उल्टा मृतक के परिजनों को ही समझा-बुझाकर वापस लौट गई.

इंसानियत को शर्मसार करने वाला ये मामला वीरपुर तहसील के मोहनपुरा गांव का है, जहां कुछ दबंगों ने दलित समाज के श्मशान घाट पर कब्जा कर उक्त जमीन पर खेती कर रहे हैं. इस वजह से यहां जब भी किसी दलित समाज के व्यक्ति की मौत होती है तो उसे शव का सड़क किनारे दाह संस्कार करना पड़ता है.

सड़क किनारे अंतिम संस्कार

सोमवार की सुबह वीरपुर तहसील इलाके की ग्राम पंचायत पांचो के गांव मोहनपुरा में भंता जाटव का निधन हो गया था, परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव को घर में 2 घंटे तक रखे रहे. जिसकी जानकारी पुलिस और प्रशासन को दी. मौके पर पहुंचे तहसीलदार और पुलिस प्रशासन के सामने परिजन शव को श्मशान घाट तक तो ले गए, लेकिन श्मशान घाट तक नहीं जा सके.

प्रशासन व पुलिसकर्मी दबंगों को वहां से हटाने की बजाय पीड़ितों को ही समझाकर सड़क किनारे शव का अंतिम संस्कार करने की सलाह देने लगे. शव को लेकर घंटों परेशान रहे परिजनों को जब पुलिस और प्रशासन से मदद मिलती नहीं दिखी तो परिजनों ने प्रशासन की बात मानकर शव का सड़क किनारे अंतिम संस्कार कर दिया.

दलितों ने बिना श्मशान घाट गए अपने परिजन का अंतिम संस्कार भले ही सड़क किनारे करके औपचारिकता पूरी कर ली, लेकिन इस तरह सड़क किनारे अंतिम संस्कार करने से प्रशासन की एंटी माफिया अभियान की पोल जरूर खुल गई है.

Intro:एंकर श्योपुर-शांति धाम की जमीन पर कब्जा जमाए बैठे दबंगो ने दलित समाज के म्रतक की अर्थी को अन्तिम सँस्कार के लिए शांति धाम में प्रवेश करने से रोक दिया। जिससे परेशान हुए म्रतक के परिजन और समाज के लोगों ने प्रशासन को मदद के लिए बुलाना पड़ा। Body:मामले की जानकारी मिलने के बाद मौके पर तहसीलदार और बीरपुर थाना पुलिस मौके पर पहुंची जरूर लेकिन दबंगों को सामने खड़ा देखकर वह उन्हें खदेड़ने की बजाए उल्टा म्रतक के परिजनों को ही समझा-बुझाकर बापस लौट आई। इस वजह से परेशान होकर उन्हें अपने बुजुर्ग का सड़क किनारे अंतिम संस्कार करना पड़ा। इंसानियत को शर्मसार कर देना देने वाला यह मामला जिले की वीरपुर तहसील इलाके के मोहनपुरा गांव का है जहां इलाके के कुछ दबंगों ने दलित समाज के श्मशान पर खुद का कब्जा करके उक्त जमीन पर खेती करने का काम किया जा रहा है। Conclusion:इस वजह से यहां जब भी किसी दलित समाज के व्यक्ति की मौत होती है तो उन्हे शव का सड़क किनारे दाह संस्कार करना पड़ता है। बताया जा रहा है कि सोमवार की सुबह वीरपुर तहसील इलाके की ग्राम पंचायत पांचो के मोहनपुरा गांव में भंता जाटव का निधन हो गया, परिजन अंतिम संस्कार के लिए शव को घर में 2 घंटे तक रखे बैठे रहे कारण था कि जिस जगह शमशान है उस जगह पर दबंग ने खेती की हुई है इसकी जानकारी परिजनों ने पुलिस और प्रशासन को देदी मौके पर पहुंचे तहसीलदार और पुलिस प्रशासन के सामने परिजन शव को शमशान के पास तक तो ले गए लेकिन शमशान के भीतर प्रवेश नहीं कर सके कारण था दबंग सामने खड़े हो गए । जिन्हे देखकर ग्रामीण सहम गए और प्रशासन व पुलिसकर्मी दबंगों कोे वहां से हटाने की बजाए उल्टे पीड़ितों को ही समझा कर सड़क किनारे शव का अंतिम संस्कार करने की सलाह देने लगे। शव को लेकर घंटों परेशान रहे परिजनों को जब पुलिस और प्रशासन से मदद मिलती नहीं दिखी तो परिजनों ने प्रशासन की बात मानकर शव का सड़क किनारे अंतिम संस्कार कर दिया दलितों ने बिना श्मशान में जाए अपने परिजन का अंतिम संस्कार भले ही सड़क किनारे करके औपचारिकता पूरी कर ली, लेकिन इस तरह से सड़क किनारे अंतिम संस्कार करने से प्रशासन की एंटी माफिया अभियान की पोल जरूर खुल गई है।

पीटूसी अमित शर्मा ईटीवी भारत श्योपुर

नॉट पीटूसी mojo से भेज दी हैं
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