श्योपुर। मध्यप्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये चुनावी डुगडुगडी बज चुकी है. सियासी दलों ने जीत दर्ज करने के लिये जोरआजमाइश भी शुरू कर दिया है. ऐसे में मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट की सियासी फिजा बेहद रोचक होती जा रही है. बीजेपी का गढ़ माने-जाने वाली इस सीट पर इस बार तीन दिग्गजों के मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है.
बीजेपी ने मुरैना से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कांग्रेस ने पांच बार विधायक रह चुके रामनिवास को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि बसपा ने भिंड लोकसभा सीट से चार बार के सांसद रामलखन सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. इस सीट पर तीन दिग्गजों के मैदान में उतरने से सियासी समीकरण बदल चुके हैं. माना जा रहा है कि यहां तीनों प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर होगी.
जातिगत आधार पर यहां क्षत्रिय समाज के वोटरों का खासा प्रभाव रहता है. बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर और बीएसपी के रामलखन सिंह कुशवाहा क्षत्रिय समाज से हैं. इस इलाके में सर्वोधिक मतदाता भी इसी समाज के हैं, जो करीब ढाई से पौने तीन लाख के करीब हैं. ऐसे में दो क्षत्रिय प्रत्याशियों के आमने-सामने होकर चुनाव लड़ने की वजह से समाज के वोटों का बंटवारा होना तय माना जा रहा है.
वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी रामनिवास रावत की अगर बात की जाए तो वह मीणा रावत समाज से हैं. जिस समाज से वे आते हैं, उसके वोटर एक लाख से भी अधिक हैं, जो उन्हें एकतरफा वोटिंग कर सकते हैं. बीजेपी से टिकट कटने के बाद अनूप मिश्रा के समर्थकों में बीजेपी के खिलाफ रोष है. ऐसे में ब्राह्मण वोट बैंक पार्टी से नाराज है. जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है. बीएसपी प्रत्याशी रामलखन कुशवाहा का पलड़ा भी भारी माना जा रहा है, क्योंकि क्षेत्र में एससी-एसटी वर्ग भारी तादाद में है, जो बसपा को सपोर्ट करता है. जबकि अन्य समाज पार्टी और प्रत्याशी को देखकर वोट करते हैं. जानकारों का मानना है कि बीएसपी और बीजेपी का प्रत्याशी बदलने पर यहां के परिणाम बीजेपी के पक्ष में हो सकते हैं.
चुनावी रुझानों पर मतदाताओं ने भी अपनी राय रखी है. किसानों का कहना है कि जो उनके लिए काम करेगा वोट उसी को जाएगा. मुरैना-श्योपुर मचे घमासान पर वरिष्ट पत्रकार इंसाफ कुरैशी मानते हैं कि इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. राजनीतिक जाकार भले ही यहां त्रिकोणीय मुकाबला मान रहे हैं, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी के विकास कार्यों को गिनाते हुये चुनाव जीतने की बात कह रहे हैं, जबकि कांग्रेस के प्रदेश सचिव योगेश जाटव कमलनाथ सरकार के विकास कार्यों का दावा कर मुरैना लोकसभा सीट पर जीतने का दावा कर रहे हैं.