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3 दिग्गजों के मैदान में होने से रोचक हुई मुरैना सीट की जंग, त्रिकोणीय मुकाबले के संकेत - त्रिकोणीय मुकाबला,

बीजेपी का गढ़ माने-जाने वाली मुरैना सीट पर इस बार तीन दिग्गजों के मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है. यहां से बीजेपी नरेंद्र सिंह तोमर, कांग्रेस ने रामनिवास रावत को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि बसपा ने भिंड लोकसभा सीट से चार बार सांसद रामलखन सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है.

नरेंद्र सिंह तोमर, रामनिवास रावत, रामलखन सिंह
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Published : Apr 7, 2019, 1:22 PM IST

श्योपुर। मध्यप्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये चुनावी डुगडुगडी बज चुकी है. सियासी दलों ने जीत दर्ज करने के लिये जोरआजमाइश भी शुरू कर दिया है. ऐसे में मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट की सियासी फिजा बेहद रोचक होती जा रही है. बीजेपी का गढ़ माने-जाने वाली इस सीट पर इस बार तीन दिग्गजों के मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है.

बीजेपी ने मुरैना से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कांग्रेस ने पांच बार विधायक रह चुके रामनिवास को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि बसपा ने भिंड लोकसभा सीट से चार बार के सांसद रामलखन सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. इस सीट पर तीन दिग्गजों के मैदान में उतरने से सियासी समीकरण बदल चुके हैं. माना जा रहा है कि यहां तीनों प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर होगी.

मुरैना सीट की सियासी फिजा

जातिगत आधार पर यहां क्षत्रिय समाज के वोटरों का खासा प्रभाव रहता है. बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर और बीएसपी के रामलखन सिंह कुशवाहा क्षत्रिय समाज से हैं. इस इलाके में सर्वोधिक मतदाता भी इसी समाज के हैं, जो करीब ढाई से पौने तीन लाख के करीब हैं. ऐसे में दो क्षत्रिय प्रत्याशियों के आमने-सामने होकर चुनाव लड़ने की वजह से समाज के वोटों का बंटवारा होना तय माना जा रहा है.

वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी रामनिवास रावत की अगर बात की जाए तो वह मीणा रावत समाज से हैं. जिस समाज से वे आते हैं, उसके वोटर एक लाख से भी अधिक हैं, जो उन्हें एकतरफा वोटिंग कर सकते हैं. बीजेपी से टिकट कटने के बाद अनूप मिश्रा के समर्थकों में बीजेपी के खिलाफ रोष है. ऐसे में ब्राह्मण वोट बैंक पार्टी से नाराज है. जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है. बीएसपी प्रत्याशी रामलखन कुशवाहा का पलड़ा भी भारी माना जा रहा है, क्योंकि क्षेत्र में एससी-एसटी वर्ग भारी तादाद में है, जो बसपा को सपोर्ट करता है. जबकि अन्य समाज पार्टी और प्रत्याशी को देखकर वोट करते हैं. जानकारों का मानना है कि बीएसपी और बीजेपी का प्रत्याशी बदलने पर यहां के परिणाम बीजेपी के पक्ष में हो सकते हैं.

चुनावी रुझानों पर मतदाताओं ने भी अपनी राय रखी है. किसानों का कहना है कि जो उनके लिए काम करेगा वोट उसी को जाएगा. मुरैना-श्योपुर मचे घमासान पर वरिष्ट पत्रकार इंसाफ कुरैशी मानते हैं कि इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. राजनीतिक जाकार भले ही यहां त्रिकोणीय मुकाबला मान रहे हैं, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी के विकास कार्यों को गिनाते हुये चुनाव जीतने की बात कह रहे हैं, जबकि कांग्रेस के प्रदेश सचिव योगेश जाटव कमलनाथ सरकार के विकास कार्यों का दावा कर मुरैना लोकसभा सीट पर जीतने का दावा कर रहे हैं.

श्योपुर। मध्यप्रदेश में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिये चुनावी डुगडुगडी बज चुकी है. सियासी दलों ने जीत दर्ज करने के लिये जोरआजमाइश भी शुरू कर दिया है. ऐसे में मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट की सियासी फिजा बेहद रोचक होती जा रही है. बीजेपी का गढ़ माने-जाने वाली इस सीट पर इस बार तीन दिग्गजों के मैदान में होने से मुकाबला त्रिकोणीय माना जा रहा है.

बीजेपी ने मुरैना से केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और कांग्रेस ने पांच बार विधायक रह चुके रामनिवास को चुनावी मैदान में उतारा है, जबकि बसपा ने भिंड लोकसभा सीट से चार बार के सांसद रामलखन सिंह कुशवाहा को टिकट दिया है. इस सीट पर तीन दिग्गजों के मैदान में उतरने से सियासी समीकरण बदल चुके हैं. माना जा रहा है कि यहां तीनों प्रत्याशियों में कांटे की टक्कर होगी.

मुरैना सीट की सियासी फिजा

जातिगत आधार पर यहां क्षत्रिय समाज के वोटरों का खासा प्रभाव रहता है. बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर और बीएसपी के रामलखन सिंह कुशवाहा क्षत्रिय समाज से हैं. इस इलाके में सर्वोधिक मतदाता भी इसी समाज के हैं, जो करीब ढाई से पौने तीन लाख के करीब हैं. ऐसे में दो क्षत्रिय प्रत्याशियों के आमने-सामने होकर चुनाव लड़ने की वजह से समाज के वोटों का बंटवारा होना तय माना जा रहा है.

वहीं कांग्रेस के प्रत्याशी रामनिवास रावत की अगर बात की जाए तो वह मीणा रावत समाज से हैं. जिस समाज से वे आते हैं, उसके वोटर एक लाख से भी अधिक हैं, जो उन्हें एकतरफा वोटिंग कर सकते हैं. बीजेपी से टिकट कटने के बाद अनूप मिश्रा के समर्थकों में बीजेपी के खिलाफ रोष है. ऐसे में ब्राह्मण वोट बैंक पार्टी से नाराज है. जिसका नुकसान भाजपा को उठाना पड़ सकता है. बीएसपी प्रत्याशी रामलखन कुशवाहा का पलड़ा भी भारी माना जा रहा है, क्योंकि क्षेत्र में एससी-एसटी वर्ग भारी तादाद में है, जो बसपा को सपोर्ट करता है. जबकि अन्य समाज पार्टी और प्रत्याशी को देखकर वोट करते हैं. जानकारों का मानना है कि बीएसपी और बीजेपी का प्रत्याशी बदलने पर यहां के परिणाम बीजेपी के पक्ष में हो सकते हैं.

चुनावी रुझानों पर मतदाताओं ने भी अपनी राय रखी है. किसानों का कहना है कि जो उनके लिए काम करेगा वोट उसी को जाएगा. मुरैना-श्योपुर मचे घमासान पर वरिष्ट पत्रकार इंसाफ कुरैशी मानते हैं कि इस बार यहां त्रिकोणीय मुकाबला हो सकता है. राजनीतिक जाकार भले ही यहां त्रिकोणीय मुकाबला मान रहे हैं, लेकिन बीजेपी प्रत्याशी नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी के विकास कार्यों को गिनाते हुये चुनाव जीतने की बात कह रहे हैं, जबकि कांग्रेस के प्रदेश सचिव योगेश जाटव कमलनाथ सरकार के विकास कार्यों का दावा कर मुरैना लोकसभा सीट पर जीतने का दावा कर रहे हैं.

Intro:एंकर

श्योपुर- लोकसभा चुनाव का चुनावी बिगुल बज चुका है।मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट पर चुनाव लड़ने के लिए बीजेपी,कांग्रेस और बीएसपी ने अपने अपने दावेदार मैदान में उतार दिए हैं।अव तक यह सीट बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली सीट रही है लेकिन इस वार तीन दिग्गज नेताओं के आमने सामने होने की वजह से राजनीति के जानकारों का भी चुनावी समीकरण बिगड़ गया है देखिये ये रिपोर्ट....





Body:वीओ-1

भाजपा के कब्जे में रहने बाली मुरैना- श्योपुर लोकसभा सीट पर बीजेपी ने केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर,कांग्रेस ने विजयपुर के पांच वार विधायक और एक वार राज्य मंत्री रह चुके प्रदेश के कार्यकारी अध्यक्ष रामनिवास रावत को तो वही बीएसपी ने भिंड के चार वार सांसद रह चुके रामलखन सिंह कुशवाह को प्रत्याशी बनाकर मैदान में उतारा है।मुरैना-श्योपुर लोकसभा सीट वैसे तो बीजेपी का गढ़ माने जाने वाली सीट है लेकिन इस वार तीनो ही पार्टियों द्वारा दिग्गज नेताओं को मैदान में उतारकर चुनावी गणित को बिगाड़कर रख दिया है।यही वजह है कि अब चुनाव में काटे की टक्कर होने से इलाके का बोटर ही नही बल्कि राजनीति के जानकार भी चुनावी परिणामो को लेकर असमंजस में है।तीनो ही पार्टियों के प्रत्याशियों के जातिगत वोटों की अगर बात की जाए तो बीजेपी के नरेंद्र सिंह तोमर और बीएसपी के रामलखन सिंह कुशवाह क्षत्रिय समाज से है और इस इलाके में सर्वोधिक मतदाता भी इसी समाज के है जो करीब ढाई से पौने तीन लाख के करीव है ऐसे में दो क्षत्रिय प्रत्याशियों के आमने सामने होकर चुनाव लड़ने की वजह से समाज के बोटो का बंटवारा भी होना तय माना जारहा है।वही कांग्रेस के प्रत्याशी रामनिवास रावत की अगर बात की जाए तो वह मीणा रावत समाज से है उनके समाज के एक लाख 10 हजार के करीव बोटर है जो उन्हें एकतरफा बोटिंग करेंगे।इसके अलावा ब्राम्हण समाज का बोट ढाई लाख के करीव है जो पिछली बार बीजेपी को मिला था क्योंकि पिछली बार इस सीट पर अनूप मिश्रा जो ब्राह्मण समाज से ताल्लुक रखते है वह चुनाव लड़े थे।लेकिन इस वार उनका टिकिट कट जाने की वजह से ब्राह्मण समाज बीजेपी से नाराज है ऐसे में वह पार्टी नही वल्कि प्रत्याशी देखकर मतदान करने के मूड में है।इसके अलावा इस सीट पट दलित समाज का बोट तीन से साढ़े तीन लाख के करीव है जो शुरू से ही बीएसपी को सपोर्ट करता रहा है जो इस वार भी बीएसपी को मिलने की उम्मीद है,इस सीट पर वैश्य समाज 1 से डेढ़ लाख के करीव, मुश्लिम 70 से 80 हजार,गुर्जर समाज एक से सवा लाख,नाई समाज 80 हजार के करीव,आदिवासी समाज एक लाख के करीव,कुशवाह समाज,धाकड़,नाई,राठौर,केबट,कुम्हार,धोवी,बाल्मीकि,खटीक,भोई व अन्य समाज 4 लाख के करीव है जो पार्टी और प्रत्याशी को देखकर मतदान करेंगे।इन हालातों में क्षत्रिय बोट के बंटवारे का नुकसान बीजेपी को झेलना पड़ेगा वही ब्राह्मण बोटर की नाराजगी अगर बनी रही तो इस वार कांग्रेस का पलड़ा भारी रह सकता है लेकिन चर्चा यह भी है कि बीएसपी के प्रत्याशी रामलखन सिंह का टिकिट बदल सकता है या नरेंद्र सिंह तोमर भी कही और से चुनाव लड़ सकते है अगर ऐसा होता है तो परिणाम बीजेपी के पक्ष में भी होसकते है।चुनावी रुझानों के बारे में जिले के किसान और युवा मतदाताओ से जब ईटीवी भारत ने बात की तो किसानों का कहना है कि जो उनके लिए काम करेगा उनके क्षेत्र की समस्याएं सुनेगा वह उसके पक्ष में मतदान करेंगे।वही युवा मतदाताओं का कहना है कि वह तो रुझान देखेगे जो जीतता दिखाई देगा वह उसके लिए बोटिंग करेंगे

बाईट
रामवीर किसान
बीरेंद्र युवा


Conclusion:वीओ-3
मुरैना शिवपुर लोकसभा क्षेत्र में तीनों ही पार्टियों में होने जा रहे घमासान को लेकर क्षेत्र की राजनीति की अच्छी खासी जानकारी रखने वाले वरिष्ठ पत्रकार इंसाफ कुरेशी से बात की तो वह इस सीट को भाजपा की सीट बताते हुए बोले कि इस वार काटे की टक्कर है सभी प्रत्याशी मजबूत है अगर बीएसपी का टिकिट बदला जाता है तो बीजेपी चुनाव जीत जाएगी नही तो कांग्रेस मजबूत दिखाई देरही है..
बाईट
इंसाफ कुर्रेशी राजनीतिक जानकार एवं वरिष्ठ पत्रकार श्योपुर

कांग्रेस केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को इधर उधर भागने बाला प्रत्याशी बताकर कांग्रेस की जीत होने का दावा कर रही है तो वही बीजेपी प्रत्याशी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर बीजेपी के विकास कार्यो को गिनाते हुए चुनाव जीतने की बात कर रहे है...

बाईट
योगेश जाट प्रदेश सचिव कांग्रेस
नरेंद्र सिंह तोमर केंद्रीय मंत्री एवं बीजेपी प्रत्याशी मुरेना श्योपुर

सभी पार्टी खुद को ज्यादा मजबूत बताकर जीतने की बात कर रही है लेकिन अब देखना होगा कि जनता किसे अपना नेता चुनेगी...

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