श्योपुर। बारिश ने किसानों का पीछा अभी तक नहीं छोड़ा है. आलम ये है कि दाम बढ़ने के इंतजार में खुले आसमान के नीचे खलिहानों में रखा धान गुरुवार को अचानक हुई बारिश से भीग गया. जिसके चलते किसान रात-भर धान बचाने की मशक्कत में जुटे रहे लेकिन इसके बाद भी धान को भीगने से नहीं बचा सके.
कई गांवो में हुआ नुकसान
मामला सोंईकलां इलाके के ज्वालापुर, ददूनी, गुरुनावदा, सोभागपुरा, बगडुआ, नागर गांवड़ा, तिल्लीपुर, रामबावड़ी, रन्नोद, चरोंध सहित आसपास के क्षेत्र के कई गांवों के पास के खेतों का है. जहां गुरुवार को रात 10 बजे रिमझिम बारिश शुरु हो गई. वहीं शाम 5 बजे दो घंटे लगातार तेज बारिश हुई. जिससे किसानों के खलिहान पानी से तर हो गए.
पानी से तर हुए खलिहान
हालात ये थे कि खलिहानों में आधा-आधा फीट पानी भर गया. जिससे खलियानों में रखे धान के ढेर पानी से भींग गए. जिससे बचने के लिए इलाके के किसानों ने तिरपाल से ढककर रात भर खलिहानों से पानी निकालते रहे, लेकिन धान को भीगने से नहीं बचा सके.
गेंहू की बुवाई और चने की फसल को होगा फायदा
गुरुवार को बारिश से जहां एक ओर सूखी धान को नुकसान हुआ है वहीं गेहूं और चने की फसल बोने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है. क्योंकि इस बारिश से किसानों की पलेवा लगाने की चिंता दूर हो गई है, वहीं चने की फसल में भी इस पानी से फायदा होगा.
काला पड़ेगा धान तो कम मिलेंगे दाम
बारिश में धान भींगने से धान के काली होने की चिंता है. जिसके चलते अब किसानों को धान का कम दाम मिलेगा और उनकी दाम बढ़ने का इंतजार में धान रखना मुसीबत बन जाएगा. जिसके चलते किसान बेहद चिंतित हैं.