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अचानक हुई बारिश से पानी-पानी धान, चिंता में किसान

गुरुवार को हुई अचानक बारिश से दाम बढ़ने के इंतजार में खलिहानों में रखी धान भीग गई, जिसके चलते किसानों को धान के कम रेट मिलने की चिंता सताने लगी है.

Paddy wet with sudden rain in  sheopur
अचानक बारिश से भीगी धान
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Published : Nov 30, 2019, 11:55 AM IST

श्योपुर। बारिश ने किसानों का पीछा अभी तक नहीं छोड़ा है. आलम ये है कि दाम बढ़ने के इंतजार में खुले आसमान के नीचे खलिहानों में रखा धान गुरुवार को अचानक हुई बारिश से भीग गया. जिसके चलते किसान रात-भर धान बचाने की मशक्कत में जुटे रहे लेकिन इसके बाद भी धान को भीगने से नहीं बचा सके.

कई गांवो में हुआ नुकसान
मामला सोंईकलां इलाके के ज्वालापुर, ददूनी, गुरुनावदा, सोभागपुरा, बगडुआ, नागर गांवड़ा, तिल्लीपुर, रामबावड़ी, रन्नोद, चरोंध सहित आसपास के क्षेत्र के कई गांवों के पास के खेतों का है. जहां गुरुवार को रात 10 बजे रिमझिम बारिश शुरु हो गई. वहीं शाम 5 बजे दो घंटे लगातार तेज बारिश हुई. जिससे किसानों के खलिहान पानी से तर हो गए.

पानी से तर हुए खलिहान
हालात ये थे कि खलिहानों में आधा-आधा फीट पानी भर गया. जिससे खलियानों में रखे धान के ढेर पानी से भींग गए. जिससे बचने के लिए इलाके के किसानों ने तिरपाल से ढककर रात भर खलिहानों से पानी निकालते रहे, लेकिन धान को भीगने से नहीं बचा सके.

गेंहू की बुवाई और चने की फसल को होगा फायदा
गुरुवार को बारिश से जहां एक ओर सूखी धान को नुकसान हुआ है वहीं गेहूं और चने की फसल बोने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है. क्योंकि इस बारिश से किसानों की पलेवा लगाने की चिंता दूर हो गई है, वहीं चने की फसल में भी इस पानी से फायदा होगा.

काला पड़ेगा धान तो कम मिलेंगे दाम
बारिश में धान भींगने से धान के काली होने की चिंता है. जिसके चलते अब किसानों को धान का कम दाम मिलेगा और उनकी दाम बढ़ने का इंतजार में धान रखना मुसीबत बन जाएगा. जिसके चलते किसान बेहद चिंतित हैं.

श्योपुर। बारिश ने किसानों का पीछा अभी तक नहीं छोड़ा है. आलम ये है कि दाम बढ़ने के इंतजार में खुले आसमान के नीचे खलिहानों में रखा धान गुरुवार को अचानक हुई बारिश से भीग गया. जिसके चलते किसान रात-भर धान बचाने की मशक्कत में जुटे रहे लेकिन इसके बाद भी धान को भीगने से नहीं बचा सके.

कई गांवो में हुआ नुकसान
मामला सोंईकलां इलाके के ज्वालापुर, ददूनी, गुरुनावदा, सोभागपुरा, बगडुआ, नागर गांवड़ा, तिल्लीपुर, रामबावड़ी, रन्नोद, चरोंध सहित आसपास के क्षेत्र के कई गांवों के पास के खेतों का है. जहां गुरुवार को रात 10 बजे रिमझिम बारिश शुरु हो गई. वहीं शाम 5 बजे दो घंटे लगातार तेज बारिश हुई. जिससे किसानों के खलिहान पानी से तर हो गए.

पानी से तर हुए खलिहान
हालात ये थे कि खलिहानों में आधा-आधा फीट पानी भर गया. जिससे खलियानों में रखे धान के ढेर पानी से भींग गए. जिससे बचने के लिए इलाके के किसानों ने तिरपाल से ढककर रात भर खलिहानों से पानी निकालते रहे, लेकिन धान को भीगने से नहीं बचा सके.

गेंहू की बुवाई और चने की फसल को होगा फायदा
गुरुवार को बारिश से जहां एक ओर सूखी धान को नुकसान हुआ है वहीं गेहूं और चने की फसल बोने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है. क्योंकि इस बारिश से किसानों की पलेवा लगाने की चिंता दूर हो गई है, वहीं चने की फसल में भी इस पानी से फायदा होगा.

काला पड़ेगा धान तो कम मिलेंगे दाम
बारिश में धान भींगने से धान के काली होने की चिंता है. जिसके चलते अब किसानों को धान का कम दाम मिलेगा और उनकी दाम बढ़ने का इंतजार में धान रखना मुसीबत बन जाएगा. जिसके चलते किसान बेहद चिंतित हैं.

Intro:एंकर
श्योपुर,दाम बढ़ने के इंतजार में किसानों ने अपने खलियानों में खुले आसमान के नीचे रख रखा धान गुरुवार को अचानक हुई बारिश से भीग गया। परेशान किसान रात भर धान को भीगने से बचाने के लिए मशक्कत में जुटे रहे फिर भी धान को भीगने से नहीं बचा सके। मामला सोंईकलां इलाके के ज्वालापुर, ददूनी, गुरुनावदा, सोभागपुरा, बगडुआ, नागर गांवड़ा, तिल्लीपुर, रामबावड़ी, रन्नोद, चरोंध सहित आसपास के क्षेत्र के कई गांवों के पास के खेतों का है। जहां गुरुवार को रात 10 बजे रिमझिम बारिश शुरु हो गई जो करीब सुबह 04 बजे तक चलती रहीओर श्याम 05 बजे से लेकर अभी तक दो घंटे तक लगातार झमाझम बारिश हुई। जिससे किसानों के खलियान पानी से तर हो गए। हालात ऐसे हो गए कि खलियानों में आधा-आधा फीट पानी भर गया। जिससे खलियानों में रखे धान के ढ़ेर पानी से भीग गए। इलाके के किसानों ने धान के ढ़ेरों को तिरपाल से ढंककर, रात भर खलियानों से पानी निकालते रहे लेकिन धान को भीगने से नहीं बचा सके। किसानों की मानें तो बारिश होने की वजह से उन्हे भारी नुकसान हुआ है। माना जा रहा है कि इलाके के जिन किसानों का धान खलियानों में पड़ा हुआ था उन प्रत्येक किसानों का 05 से 07 क्विंटल धान भीग कर खराब हो गया है। जिससे किसान चिंतित है। Body:
गेंहू की बुवाई और चने की फसल को होगा फायदा
गुरुवार को बारिश होने की वजह से जो किसान गेहूं और चने की फसलों की बुवाई करने की तैयारी कर रहे है या जिन्होंने बुवाई कर दी है। उन्हे इस बारिश से फायदा होगा क्योंकि बारिश कॉफी देर तक हुई है। जिससे भूमि में नमी कॉफी बढ़ गई है। जिससे इस बारिश के बाद उन्हे 20 दिनों तक फसलों की सिंचाई की जरुरत नहीं पड़ेगी। ऐसे में किसानों को फसलों की सिंचाई का खर्चा नहीं उठाना पड़ेगा और प्राकृतिक बारिश से फसलों को भी कॉफी लाभ ।
Conclusion:काला पड़ेगा धान तो और भी कम मिलेंगे दाम
ज्यादा बारिश के बाद धान में रोग लग जाने और कटाई के समय बीते 07 नवम्बर को भी अचानक बारिश हो जाने की वजह से भीग चुकी धान को पहले ही खासा नुकसान हो चुका है। गुरुवार की रात फिर से बारिश हो जाने पर धान फिर से भीग गई। जिससे किसानो को ड़र है कि उनकी भीगी हुई धान काली पड़ेगी और उन्हे धान के दाम भी बेहद कम मिलेंगे। ऐसे हालातों में किसानों द्वारा धान की रोपाई से लेकर कटाई तक के काम में किए गए 10 से 12 हजार रुपए बीघा का खर्चा भी निकलता हुआ दिखाई नहीं दे रहा है। जिससे अन्नदाता चिंतित है।
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