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निराश्रितों का मसीहा बनने वाली महिलाओं का दिल्ली में होगा सम्मान, श्योपुर की दो महिलाओं का नाम शामिल

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर श्योपुर की दो महिलाओं का सामान किया जाएगा. दोनों अलग-अलग स्वसहायता समूहों से जुड़ी हैं. महिलाओं ने अपने प्रयास से साल भर के भीतर 700 से ज्यादा लोगों की समस्याओं का निराकरण कराया है. जिन्हें अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली में सम्मानित किया जाएगा.

sheopur Women who become messiah of destitute
गरीबों का मसीहा बनने वाली महिला
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Published : Mar 7, 2022, 6:09 PM IST

Updated : Apr 6, 2022, 2:57 PM IST

श्योपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कई महिलाओं का सम्म्मान किया जाएगा. सम्मान समारोह में उन महिलाओं का सम्मान होगा जिन्होंने समाज के उत्थान और गौरव बढ़ाने का काम किया है. वहीं दिल्ली में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में मध्य प्रदेश के श्योपुर की दो महिलाओं का सम्मान होगा. यहां महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दोनों महिलाओं सम्मानित किया जाएगा. जिन महिलाओं का सम्म्मानित किया जाना है वह शीतल बैरवा और विमला आदिवासी है. दोनों महिलाएं योजना आयोग द्वारा संचालित लोक अधिकार केंद्र श्योपुर की समता सखी हैं. यह दोनों अलग-अलग स्व-सहायता समूहों से भी जुड़ी हैं. जिनके द्वारा गरीब, बेबस महिलाओं के उत्थान एवं जागरुकता के लिए कई काम किए जाते हैं.

गरीब, निराश्रितों के लिए बनी मसीहा

विमला आदिवासी के द्वारा करीब 400 लोगों की समस्याओं का निराकरण कराया गया है. इसी तरह से शीतल बैरवा द्वारा 350 लोगों की समस्याएं सुलझाई गई है. इनमें मुख्य रुप से घरेलू हिंसा, रोजगार, विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन योजना का लाभ दिलाना, कुपोषण से जंग की सहायता राशि दिलाने के लिए प्रकरण तैयार करना, गरीबों की जमीन दबंगों के चंगुल से मुक्त करवाने में अहम भूमिका अदा की हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग से लेकर राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा, समाजिक न्याय, बिजली कंपनी सहित तमाम विभागों से जुड़ी समस्याओं से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.

एक साल में 700 से ज्यादा लोगों की समस्या का निराकरण

6 अक्टूबर 2020 को आदिवासी बहुल क्षेत्र में लोक अधिकार केंद्र की स्थापना की गई थी. यह प्रयोग देश में सबसे पहले श्योपुर जिले में किया गया था. इस केंद्र पर सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं. यहां मुख्य रुप से महिलाओं के हक और अन्य मुद्दों को पहले ग्राम संगठन स्तर पर सुलझाने का प्रयास किया जाता है. जिन प्रकरणों का हल नहीं हो पाता है उन्हें संकुल स्तर पर लाया जाता है. जहां दो महिलाएं दस्तावेज तैयार कर उन्हें संबंधित विभाग तक पहुंचाकर समस्या का समाधान करवाती हैं.

सम्मान के बाद केरल जाएंगी दोनों महिलाएं

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली में सम्मान समारोह का आयोजन किया जाना है. जहां देश की महान हस्तियों के बीच श्योपुर की दोनों महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा. इन महिलाओं को दिल्ली में सम्मान के बाद केरल भेजा जाएगा. जहां वह श्योपुर जिले का नाम रोशन करेंगी. महिला विमला आदिवासी का कहना है कि, वह महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों और समस्याओं का नराकरण करवाने का काम करती हैं. इसके साथ वह अपनी खेती और घर-गृहस्थी का काम भी देखती हैं. उन्हें लोगों की तकलीफ दूर करने में खुशी मिलती है. वहीं एनआरएलएम (राष्ट्रीय आजीविका मिशन) विभाग के डीपीएम केके मुदगल का कहना है कि, महिलाएं लोगों की समस्याएं निपटाने के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हैं. इसलिए पहले इन्हें दिल्ली में और फिर केरल में सम्मानित किया जाएगा.

श्योपुर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर कई महिलाओं का सम्म्मान किया जाएगा. सम्मान समारोह में उन महिलाओं का सम्मान होगा जिन्होंने समाज के उत्थान और गौरव बढ़ाने का काम किया है. वहीं दिल्ली में आयोजित होने वाले सम्मान समारोह में मध्य प्रदेश के श्योपुर की दो महिलाओं का सम्मान होगा. यहां महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा दोनों महिलाओं सम्मानित किया जाएगा. जिन महिलाओं का सम्म्मानित किया जाना है वह शीतल बैरवा और विमला आदिवासी है. दोनों महिलाएं योजना आयोग द्वारा संचालित लोक अधिकार केंद्र श्योपुर की समता सखी हैं. यह दोनों अलग-अलग स्व-सहायता समूहों से भी जुड़ी हैं. जिनके द्वारा गरीब, बेबस महिलाओं के उत्थान एवं जागरुकता के लिए कई काम किए जाते हैं.

गरीब, निराश्रितों के लिए बनी मसीहा

विमला आदिवासी के द्वारा करीब 400 लोगों की समस्याओं का निराकरण कराया गया है. इसी तरह से शीतल बैरवा द्वारा 350 लोगों की समस्याएं सुलझाई गई है. इनमें मुख्य रुप से घरेलू हिंसा, रोजगार, विधवा, वृद्धा और विकलांग पेंशन योजना का लाभ दिलाना, कुपोषण से जंग की सहायता राशि दिलाने के लिए प्रकरण तैयार करना, गरीबों की जमीन दबंगों के चंगुल से मुक्त करवाने में अहम भूमिका अदा की हैं. महिला एवं बाल विकास विभाग से लेकर राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य, मनरेगा, समाजिक न्याय, बिजली कंपनी सहित तमाम विभागों से जुड़ी समस्याओं से जुड़े मुद्दे शामिल हैं.

एक साल में 700 से ज्यादा लोगों की समस्या का निराकरण

6 अक्टूबर 2020 को आदिवासी बहुल क्षेत्र में लोक अधिकार केंद्र की स्थापना की गई थी. यह प्रयोग देश में सबसे पहले श्योपुर जिले में किया गया था. इस केंद्र पर सप्ताह के प्रत्येक मंगलवार और शुक्रवार को लोगों की समस्याएं सुनी जाती हैं. यहां मुख्य रुप से महिलाओं के हक और अन्य मुद्दों को पहले ग्राम संगठन स्तर पर सुलझाने का प्रयास किया जाता है. जिन प्रकरणों का हल नहीं हो पाता है उन्हें संकुल स्तर पर लाया जाता है. जहां दो महिलाएं दस्तावेज तैयार कर उन्हें संबंधित विभाग तक पहुंचाकर समस्या का समाधान करवाती हैं.

सम्मान के बाद केरल जाएंगी दोनों महिलाएं

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर दिल्ली में सम्मान समारोह का आयोजन किया जाना है. जहां देश की महान हस्तियों के बीच श्योपुर की दोनों महिलाओं को सम्मानित किया जाएगा. इन महिलाओं को दिल्ली में सम्मान के बाद केरल भेजा जाएगा. जहां वह श्योपुर जिले का नाम रोशन करेंगी. महिला विमला आदिवासी का कहना है कि, वह महिलाओं से जुड़े अलग-अलग मुद्दों और समस्याओं का नराकरण करवाने का काम करती हैं. इसके साथ वह अपनी खेती और घर-गृहस्थी का काम भी देखती हैं. उन्हें लोगों की तकलीफ दूर करने में खुशी मिलती है. वहीं एनआरएलएम (राष्ट्रीय आजीविका मिशन) विभाग के डीपीएम केके मुदगल का कहना है कि, महिलाएं लोगों की समस्याएं निपटाने के लिए बहुत अच्छा काम कर रही हैं. इसलिए पहले इन्हें दिल्ली में और फिर केरल में सम्मानित किया जाएगा.

Last Updated : Apr 6, 2022, 2:57 PM IST
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