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बेटी पैदा होने पर मां ने दूध पिलाना किया बंद, अस्पताल में भर्ती मासूम

जिले में एक मां ने बेटी होने के कारण अपनी 5 महीने की बेटी को दूध पिलाना बंद कर दिया. जिसके बाद बच्ची में खून की कमी हो गई. बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराया गया है. फिलहाल बच्ची की हालत ठीक है.

mother does not feed her child because of daughter
कलयुगी मां ने बेटी होने की खातिर आंचल से किया दूर
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Published : Mar 6, 2021, 10:53 PM IST

श्योपुर। जिले में एक मां ने बेटी होने के कारण अपनी 5 महीने की बेटी को दूध पिलाना बंद कर दिया. जिसके बाद बच्ची में खून की कमी हो गई. बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराया गया है.

पांच महीने की मासूम को दूध पिलाना किया बंद

जिले की बड़ौदा तहसील के नागर गांवड़ा गांव में महिला ने अपनी 5 महीने की बेटी को दूध पिलाना बंद कर दिया है. इस वजह से बच्ची में खून की कमी हो गई और बच्ची बीमार हो गई. इससे बच्ची कुपोषण की दायरे में आ गई. मामले की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने रक्तदान कर मासूम की जान बचाई. बताया गया है कि, महिला के पहले ही 5 बेटियां थी. बेटे की चाह में छठवी संतान भी बेटी पैदा हो गई.

बच्ची को अस्पताल में कराया गया भर्ती

महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ जितेंद्र तिवारी का कहना है कि एक मां अपनी बेटी को बेटी होने की वजह से अपना दूध नहीं पिलाती है. जबकि बच्चे को 6 माह तक मां का दूध पीना अनिवार्य है. ऐसे में हमारे द्वारा कार्यकर्ता से कहा गया की बच्ची को दूध पिलाई. लेकिन इसके बाद भी कोई असर देखने को नहीं मिला और बच्ची की हालत गंभीर हो गई. बच्ची को श्योपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया .जहां उस में ब्लड की कमी थी.

श्योपुर। जिले में एक मां ने बेटी होने के कारण अपनी 5 महीने की बेटी को दूध पिलाना बंद कर दिया. जिसके बाद बच्ची में खून की कमी हो गई. बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराया गया है.

पांच महीने की मासूम को दूध पिलाना किया बंद

जिले की बड़ौदा तहसील के नागर गांवड़ा गांव में महिला ने अपनी 5 महीने की बेटी को दूध पिलाना बंद कर दिया है. इस वजह से बच्ची में खून की कमी हो गई और बच्ची बीमार हो गई. इससे बच्ची कुपोषण की दायरे में आ गई. मामले की जानकारी मिलने के बाद क्षेत्र की आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने बच्ची को एनआरसी में भर्ती कराया. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने रक्तदान कर मासूम की जान बचाई. बताया गया है कि, महिला के पहले ही 5 बेटियां थी. बेटे की चाह में छठवी संतान भी बेटी पैदा हो गई.

बच्ची को अस्पताल में कराया गया भर्ती

महिला बाल विकास विभाग के सीडीपीओ जितेंद्र तिवारी का कहना है कि एक मां अपनी बेटी को बेटी होने की वजह से अपना दूध नहीं पिलाती है. जबकि बच्चे को 6 माह तक मां का दूध पीना अनिवार्य है. ऐसे में हमारे द्वारा कार्यकर्ता से कहा गया की बच्ची को दूध पिलाई. लेकिन इसके बाद भी कोई असर देखने को नहीं मिला और बच्ची की हालत गंभीर हो गई. बच्ची को श्योपुर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया .जहां उस में ब्लड की कमी थी.

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