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पोल कैश मामला: CBDT रिपोर्ट को लेकर बोले बाबू जंडेल, 'मेरे संज्ञान में नहीं है मामला'

श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू सिंह जंडेल ने सीबीडीटी की रिपोर्ट को लेकर अपना पक्ष रखा है. उन्होंने कहा कि उन्हें इस मामले की कोई जानकारी ही नहीं है.

MLA Babu Jandel
विधायक बाबू जंडेल
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Published : Dec 23, 2020, 7:32 PM IST

श्योपुर। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पोल कैश के लेनदेन को लेकर हो रहे खुलासों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम तो शामिल हैं, लेकिन सीबीडीटी की रिपोर्ट में सिंधिया समर्थक नेताओं के साथ श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू सिंह जंडेल का नाम भी शामिल है. वहीं सीबीडीटी की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस विधायक बाबू जांडेल ने अपना पक्ष रखा है.

मेरे संज्ञान में नहीं है मामला-विधायक बाबू जंडेल

उन्होंने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए कहा कि मैंने भी यह मामला पेपर में पढ़ा था, सीबीडीटी की रिपोर्ट में मेरा भी नाम शामिल है, लेकिन मुझे यह जानकारी नहीं है कि मामला क्या है, और क्या लेनदेन का मामला है. बाबू जंडेल ने कहा कि भाजपा बदले की भावना रखती हैं, इसलिए हमारे समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन यह मामला क्या है, उसकी मुझे जानकारी नहीं है.

पोल कैश मामले में बीजेपी में शामिल हुए नेताओं के नाम आने पर बोले मंत्री भूपेन्द्र सिंह,'दोषियों पर होगी कार्रवाई '

  • क्या है पोल कैश मामला ?

पोल कैश मामले में आयकर विभाग की एक सूची भी सामने आई है. इस सूची में करीब 64 विधायक और नेताओं के नाम शामिल हैं. इनके नाम के आगे राशि भी लिखी गई है. इन 64 विधायकों में लोकसभा चुनाव के दौरान पैसा बांटा गया था. जिसमें बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और रामबाई भी शामिल हैं. विधायकों को पांच लाख से लेकर 75 लाख रुपए तक कुल 4.4 करोड़ रुपए बांटे गए थे. इतना ही नहीं लोकसभा उम्मीदवारों को तीन करोड़ 20 लाख रुपए दिए गए. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बिसाहूलाल सिंह के हस्ताक्षर वाला भी एक दस्तावेज सामने आया है, जिसमें लिखा है कि चुनाव खर्च के लिए पांच लाख रुपए मिले हैं. कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल के पास भी तीन करोड़ रुपए पहुंचाए जाने के प्रमाण आयकर विभाग को मिले हैं.

  • दिल्ली आईटी ने मारे थे 52 ठिकानों पर छापे

8 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने 52 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. इनमें कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, ओएसडी आरके मिगलानी, कारोबारी अश्विन शर्मा और कमलनाथ के भांजे रतुल पूरी के घर और दफ्तरों पर छापा मारा गया था. इस दौरान आईटी की टीम ने सभी ठिकानों से कई दस्तावेज और फाइलों समेत करोड़ों रुपए नकदी जब्त किए थे. कार्रवाई के बाद आयकर विभाग की शीर्ष संस्था सीबीडीटी इन दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही थी. जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई है. चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में ईओडब्ल्यू एफआईआर दर्ज कर सकता है. वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही कह चुके हैं कि अप्रेजल रिपोर्ट आ गई है, इसमें सबके नाम हैं, जो नाम सामने आए हैं यह तो सिर्फ मोहरे हैं, सरगना अभी बाकी हैं, दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा.

श्योपुर। मध्य प्रदेश में लोकसभा चुनाव 2019 के दौरान पोल कैश के लेनदेन को लेकर हो रहे खुलासों में कांग्रेस के कई बड़े नेताओं के नाम तो शामिल हैं, लेकिन सीबीडीटी की रिपोर्ट में सिंधिया समर्थक नेताओं के साथ श्योपुर से कांग्रेस विधायक बाबू सिंह जंडेल का नाम भी शामिल है. वहीं सीबीडीटी की रिपोर्ट को लेकर कांग्रेस विधायक बाबू जांडेल ने अपना पक्ष रखा है.

मेरे संज्ञान में नहीं है मामला-विधायक बाबू जंडेल

उन्होंने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए कहा कि मैंने भी यह मामला पेपर में पढ़ा था, सीबीडीटी की रिपोर्ट में मेरा भी नाम शामिल है, लेकिन मुझे यह जानकारी नहीं है कि मामला क्या है, और क्या लेनदेन का मामला है. बाबू जंडेल ने कहा कि भाजपा बदले की भावना रखती हैं, इसलिए हमारे समर्थकों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, लेकिन यह मामला क्या है, उसकी मुझे जानकारी नहीं है.

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  • क्या है पोल कैश मामला ?

पोल कैश मामले में आयकर विभाग की एक सूची भी सामने आई है. इस सूची में करीब 64 विधायक और नेताओं के नाम शामिल हैं. इनके नाम के आगे राशि भी लिखी गई है. इन 64 विधायकों में लोकसभा चुनाव के दौरान पैसा बांटा गया था. जिसमें बसपा विधायक संजीव सिंह कुशवाह और रामबाई भी शामिल हैं. विधायकों को पांच लाख से लेकर 75 लाख रुपए तक कुल 4.4 करोड़ रुपए बांटे गए थे. इतना ही नहीं लोकसभा उम्मीदवारों को तीन करोड़ 20 लाख रुपए दिए गए. कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए बिसाहूलाल सिंह के हस्ताक्षर वाला भी एक दस्तावेज सामने आया है, जिसमें लिखा है कि चुनाव खर्च के लिए पांच लाख रुपए मिले हैं. कांग्रेस के तत्कालीन कोषाध्यक्ष गोविंद गोयल के पास भी तीन करोड़ रुपए पहुंचाए जाने के प्रमाण आयकर विभाग को मिले हैं.

  • दिल्ली आईटी ने मारे थे 52 ठिकानों पर छापे

8 अप्रैल 2019 को लोकसभा चुनाव के वक्त दिल्ली आयकर विभाग की टीम ने 52 ठिकानों पर छापेमार कार्रवाई की थी. इनमें कमलनाथ के करीबी प्रवीण कक्कड़, ओएसडी आरके मिगलानी, कारोबारी अश्विन शर्मा और कमलनाथ के भांजे रतुल पूरी के घर और दफ्तरों पर छापा मारा गया था. इस दौरान आईटी की टीम ने सभी ठिकानों से कई दस्तावेज और फाइलों समेत करोड़ों रुपए नकदी जब्त किए थे. कार्रवाई के बाद आयकर विभाग की शीर्ष संस्था सीबीडीटी इन दस्तावेजों की बारीकी से जांच कर रही थी. जांच के बाद विस्तृत रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी गई है. चुनाव आयोग ने ईओडब्ल्यू को इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कर जांच करने के आदेश दिए हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही इस मामले में ईओडब्ल्यू एफआईआर दर्ज कर सकता है. वहीं प्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा पहले ही कह चुके हैं कि अप्रेजल रिपोर्ट आ गई है, इसमें सबके नाम हैं, जो नाम सामने आए हैं यह तो सिर्फ मोहरे हैं, सरगना अभी बाकी हैं, दोषी कोई भी हो बख्शा नहीं जाएगा.

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