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सभी कोरोना संक्रमितों के ठीक होने के 15 दिन बाद भी ताला नहीं खोल रहा प्रशासनः व्यापारी

श्योपुर में कोरोना संक्रमित सभी मरीजों के ठीक होने के बाद भी प्रशासन मेन मार्केट खोलने की अनुमति नहीं दे रहा है, जिससे व्यापारियों को खासा नुकसान हो रहा है.

श्योपुर
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Published : May 19, 2020, 11:59 AM IST

श्योपुर। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन का चौथा चरण शुरु हो चुका है, ऐसे में शहर का मुख्य बाजार पूरी तरह से बंद है. व्यापारियों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन के चौथे चरण में कुछ छूट मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके चलते व्यापारी वर्ग परेशान है और उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.

लॉकडाउन के चलते पिछले दो महीनों से तालाबंदी जैसे हैं, शहर में 4 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि होने के बाद सख्ती बरती जा रही थी, अब मरीजों के स्वस्थ होकर घर पहुंचे भी लगभग 15 दिन से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी दुकानें खोलने की इजाजत नहीं मिल रही है, जिससे व्यापारी वर्ग पूरी तरह से टूट चुका है.

कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जिले को ग्रीन जोन में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद राज्य सरकार ने जिले को ग्रीन जोन घोषित कर दिया है, केंद्र सरकार का जवाब अभी तक नहीं आया है, जिस कारण प्रशासनिक अधिकारी मेन मार्केट खोलने की इजाजत नहीं दे पा रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से मध्यम वर्ग के व्यापारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन के लगभग दो महीने बीत रहे हैं, ऐसे में हमारी दुकानों का किराया लग रहा है और जो लड़के रखे हैं, उन्हें भी सेलरी दे रहे हैं, लेकिन दुकानें खुल नहीं पा रही हैं, ऐसे में क्या करें, आत्महत्या कर लें, सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. जिले में सभी कोरोना संक्रमितों के ठीक होने के बाद भी मेन मार्केट की दुकानें नहीं खुल रही हैं. अन्य चौराहे पर दुकान खोलने की मंजूरी भी मिल गई है, ऐसा क्या कारण है, जिससे मेन मार्केट की दुकानें नहीं खोली जा रही हैं.

श्योपुर। कोरोना वायरस का संक्रमण रोकने के लिए किए गए लॉकडाउन का चौथा चरण शुरु हो चुका है, ऐसे में शहर का मुख्य बाजार पूरी तरह से बंद है. व्यापारियों को उम्मीद थी कि लॉकडाउन के चौथे चरण में कुछ छूट मिलेगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ, जिसके चलते व्यापारी वर्ग परेशान है और उन्हें काफी नुकसान हो रहा है.

लॉकडाउन के चलते पिछले दो महीनों से तालाबंदी जैसे हैं, शहर में 4 कोरोना पॉजिटिव मरीजों की पुष्टि होने के बाद सख्ती बरती जा रही थी, अब मरीजों के स्वस्थ होकर घर पहुंचे भी लगभग 15 दिन से अधिक बीत चुके हैं, लेकिन अभी भी दुकानें खोलने की इजाजत नहीं मिल रही है, जिससे व्यापारी वर्ग पूरी तरह से टूट चुका है.

कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव ने केंद्र सरकार और राज्य सरकार से जिले को ग्रीन जोन में शामिल करने के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसके बाद राज्य सरकार ने जिले को ग्रीन जोन घोषित कर दिया है, केंद्र सरकार का जवाब अभी तक नहीं आया है, जिस कारण प्रशासनिक अधिकारी मेन मार्केट खोलने की इजाजत नहीं दे पा रहे हैं. लॉकडाउन की वजह से मध्यम वर्ग के व्यापारियों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

दुकानदारों का कहना है कि लॉकडाउन के लगभग दो महीने बीत रहे हैं, ऐसे में हमारी दुकानों का किराया लग रहा है और जो लड़के रखे हैं, उन्हें भी सेलरी दे रहे हैं, लेकिन दुकानें खुल नहीं पा रही हैं, ऐसे में क्या करें, आत्महत्या कर लें, सरकार इस ओर ध्यान नहीं दे रही है. जिले में सभी कोरोना संक्रमितों के ठीक होने के बाद भी मेन मार्केट की दुकानें नहीं खुल रही हैं. अन्य चौराहे पर दुकान खोलने की मंजूरी भी मिल गई है, ऐसा क्या कारण है, जिससे मेन मार्केट की दुकानें नहीं खोली जा रही हैं.

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