श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में नामीबिया से लाए गए चीते धीरे-धीरे वहां के माहौल में ढलने लगे हैं. नामीबिया से आठ चीते कूनो में शिफ्ट हुए हैं. इनमें पांच मादा और तीन नर चीते हैं. रविवार शाम को इन चीतों ने पहली बार कूनो में भोजन किया. रविवार की शाम आठ चीतों में से प्रत्येक को दो किलो भैंस का मांस परोसा गया. उनमें से केवल एक ने कम खाया. बता दें कि शनिवार को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने 1952 में भारत में विलुप्त हो चुके जानवरों की आबादी को पुनर्जीवित करने के लिए एक परियोजना के हिस्से के रूप में इन चीतों को उनके मूल स्थान से 8,000 किमी दूर नामीबिया से श्योपुर जिले के केएनपी में छोड़ा है.
टीम की कड़ी निगरानी : रविवार की शाम आठ चीतों में से प्रत्येक को दो किलो भैंस का मांस परोसा गया. चीता सोमवार को प्रसन्न और सक्रिय दिख रहे थे. कूनो नेशनल पार्क के एक अधिकारी ने बताया कि टीम का हिस्सा चीतों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रख रहा है. ऐसा माना जाता है कि ये चीते तीन दिन में एक बार भोजन करते हैं. नए मेहमान अभी भी उत्सुकता के साथ नए परिवेश को देख रहे हैं. सोमवार की सुबह, फ्रेडी और एल्टन को मस्ती करते नजर आए. वे आपस में दौड़ लगा रहे थे. उन्हें पानी पीते भी देखा गया है.
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नाम बदलने की योजना नहीं : कूनो प्रबंधन का कहा है कि अभी हमारे पास उनका नाम बदलने की कोई योजना नहीं है. भारत और नामीबिया के पशु चिकित्सक इन चीतों पर कड़ी नजर रख रहे हैं. चीतों को क्वारंटाइन बाड़े में रखा जाएगा, जहां उन्हें एक महीने तक रहना है. बता दें कि चीतों को बाड़े में रिहा करने के बाद अपने भाषण में पीएम मोदी ने शनिवार को आगाह किया था कि लोगों को जंगल में देखने से पहले उन्हें अपने नए परिवेश के अभ्यस्त होने के लिए समय चाहिए. चीता हमारे मेहमान हैं. कूनो राष्ट्रीय उद्यान को अपना घर बनाने के लिए हमें उन्हें कुछ महीने का समय देना चाहिए. Kuno cheetah first meal, Appear playful mppd, MP Cheetah Project, Kuno National Park)