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Kuno Cheetah Rescue: कूनो से बाहर निकलकर रिहायशी इलाके में घूम रहे नामीबियाई चीते का रेस्क्यू

कूनो नेशनल पार्क से निकलकर नामीबियाई नर चीता ओबान रिहायशी इलाके में घूम रहा था. इससे वन विभाग की टीम जहां परेशान थी तो ग्रामीण दहशत में थे. इन चीते को वन विभाग की टीम ने अब रेस्क्यू कर लिया है. ओवान को ट्रेंकुलाइज करके वाहन से कूनो लाया गया. वहीं मादा चीता अब भी जंगल में घूम रही है.

Kuno Cheetah Rescue
रिहायशी इलाके में घूम रहे नामीबियाई चीते का रेस्क्यू
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Published : Apr 7, 2023, 1:57 PM IST

रिहायशी इलाके में घूम रहे नामीबियाई चीते का रेस्क्यू

श्योपुर। बीते 2 अप्रैल को नामीबियाई नर चीता ओवान कूनो नेशनल पार्क से निकलकर शिवपुरी जिले के बैराड़ इलाके में घूम रहा था. वन विभाग की टीम उसकी लगातार तलाश कर रही थी. आखिरकार वह शिवपुरी जिले के डाबर पुरा गांव के पास खेतों में दिखा तो वन विभाग की टीम ने बिना देर किए उसे घेरा और इंजेक्शन लगा कर बेहोश किया. इसके बाद उसका प्राइमरी ट्रीटमेंट किया. उसे पिंजरे में डालकर एक वाहन के माध्यम से कूनो नेशनल पार्क लाया गया. चीते को डाबरपुरा गांव निवासी मोहन यादव के खेत से रेस्क्यू किया गया. अभी मादा चीता आशा भी जंगल में मौजूद है.

5 दिन से घूम रहा था रिहायशी इलाके में : बता दें कि 2 अप्रैल की सुबह कूनो नेशनल पार्क से निकलकर ओबान चीता रिहायशी इलाके में घूम रहा था. इसके बाद वह विजयपुर के झाड़ और बड़ौदा गांव के इलाके में पहुंच गया. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग एवं वर्ल्ड लाइफ की टीम भी मौके पर पहुंची थी. वहां ओवन एक किसान के खेत पर लेटा हुआ था. वर्ल्ड लाइफ की टीम व वन विभाग की टीम ने ओबान चीते को देखने के बाद कूनो नेशनल पार्क की ओर ले जाने का प्रयास किया और प्रयास असफल रहा फिर ओबान चीता अपनी मर्जी से कूनो नेशनल पार्क में रविवार को पहुंचा. दूसरे दिन ओबान चीता कूनो नेशनल पार्क से निकलकर कुंवारी नदी में पानी पीता हुआ नजर आया.

वन विभाग की टीम ग्रामीणों को देती रही समझाइश : चीता के कूनो नेशनल पार्क की सीमा के बाहर होने की खबर से ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया. इसके बाद डीएफओ प्रकाश वर्मा ने ग्रामीणों को समझाइश देते कहा था कि यह बफर का एरिया है. एनिमल को यह नहीं पता होता है कि नेशनल पार्क की सीमा कहां तक है, कहां तक नहीं है. वहां और गांव जंगल भी लगे हुए होते हैं तो स्वाभाविक है कि वह वहां आसपास के क्षेत्र में निकले हों लेकिन किसी भी आदमी को एनिमल नुकसान नहीं पहुंचाता है और अपना सेफ जोन देखकर वह वहां से निकल जाता है.

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मादा चीता आशा भी घूम रही : ओवान चीते के बाद अब मादा चीता आशा भी कूनो नेशनल पार्क से भाग चुकी है. 5 अप्रैल को आशा की लोकेशन वीरपुर विजयपुर इलाके के बफर जोन वाले जंगल में देखी गई. आशा पिछले 2 से 3 दिनों से कूनो के बफर जोन वाले जंगल और उसके आसपास के खेतों में दिख रही थी. आशा कभी कुनो के रिजर्व जोन वाले जंगल में तो कभी बफर जोन वाले जंगल में पहुंच जाती है. नदी नालों के आसपास उसका ज्यादातर वक्त गुजर रहा है एवं वन विभाग और वर्ल्ड लाइफ की टीम आशा पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.

रिहायशी इलाके में घूम रहे नामीबियाई चीते का रेस्क्यू

श्योपुर। बीते 2 अप्रैल को नामीबियाई नर चीता ओवान कूनो नेशनल पार्क से निकलकर शिवपुरी जिले के बैराड़ इलाके में घूम रहा था. वन विभाग की टीम उसकी लगातार तलाश कर रही थी. आखिरकार वह शिवपुरी जिले के डाबर पुरा गांव के पास खेतों में दिखा तो वन विभाग की टीम ने बिना देर किए उसे घेरा और इंजेक्शन लगा कर बेहोश किया. इसके बाद उसका प्राइमरी ट्रीटमेंट किया. उसे पिंजरे में डालकर एक वाहन के माध्यम से कूनो नेशनल पार्क लाया गया. चीते को डाबरपुरा गांव निवासी मोहन यादव के खेत से रेस्क्यू किया गया. अभी मादा चीता आशा भी जंगल में मौजूद है.

5 दिन से घूम रहा था रिहायशी इलाके में : बता दें कि 2 अप्रैल की सुबह कूनो नेशनल पार्क से निकलकर ओबान चीता रिहायशी इलाके में घूम रहा था. इसके बाद वह विजयपुर के झाड़ और बड़ौदा गांव के इलाके में पहुंच गया. ग्रामीणों की सूचना पर वन विभाग एवं वर्ल्ड लाइफ की टीम भी मौके पर पहुंची थी. वहां ओवन एक किसान के खेत पर लेटा हुआ था. वर्ल्ड लाइफ की टीम व वन विभाग की टीम ने ओबान चीते को देखने के बाद कूनो नेशनल पार्क की ओर ले जाने का प्रयास किया और प्रयास असफल रहा फिर ओबान चीता अपनी मर्जी से कूनो नेशनल पार्क में रविवार को पहुंचा. दूसरे दिन ओबान चीता कूनो नेशनल पार्क से निकलकर कुंवारी नदी में पानी पीता हुआ नजर आया.

वन विभाग की टीम ग्रामीणों को देती रही समझाइश : चीता के कूनो नेशनल पार्क की सीमा के बाहर होने की खबर से ग्रामीणों में दहशत का माहौल हो गया. इसके बाद डीएफओ प्रकाश वर्मा ने ग्रामीणों को समझाइश देते कहा था कि यह बफर का एरिया है. एनिमल को यह नहीं पता होता है कि नेशनल पार्क की सीमा कहां तक है, कहां तक नहीं है. वहां और गांव जंगल भी लगे हुए होते हैं तो स्वाभाविक है कि वह वहां आसपास के क्षेत्र में निकले हों लेकिन किसी भी आदमी को एनिमल नुकसान नहीं पहुंचाता है और अपना सेफ जोन देखकर वह वहां से निकल जाता है.

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मादा चीता आशा भी घूम रही : ओवान चीते के बाद अब मादा चीता आशा भी कूनो नेशनल पार्क से भाग चुकी है. 5 अप्रैल को आशा की लोकेशन वीरपुर विजयपुर इलाके के बफर जोन वाले जंगल में देखी गई. आशा पिछले 2 से 3 दिनों से कूनो के बफर जोन वाले जंगल और उसके आसपास के खेतों में दिख रही थी. आशा कभी कुनो के रिजर्व जोन वाले जंगल में तो कभी बफर जोन वाले जंगल में पहुंच जाती है. नदी नालों के आसपास उसका ज्यादातर वक्त गुजर रहा है एवं वन विभाग और वर्ल्ड लाइफ की टीम आशा पर लगातार नजर बनाए हुए हैं.

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