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पोते को बचाने के लिए तेंदुए से भिड़ गए दादा-दादी, मारकर जंगल की ओर भगाया

तेंदुए से पोते को बचाने के लिए दादा-दादी ने तेंदुए पर हमला कर दिया. तेंदुए ने तीनों को घायल कर दिया, लेकिन दादा-दादी ने तेंदुए को पोते ले जाने नहीं दिया.

Grandparents save granddaughter from leopard
दादा-दादी ने तेंदुए से पोते को बचाया
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Published : Aug 21, 2021, 7:52 PM IST

श्योपुर। एक साल के पोते को बचाने के लिए दादा-दादी तेंदुए से भिड़ गए. तेंदुए ने हमले में तीनों को घायल तो कर दिया, लेकिन बच्चे को नहीं ले जा पाया. इस दौरान मची चीख-पुकार सुनकर गांव वाले भी आ गए. जिससे तेंदुए भाग निकला. मामला आदिवासी बहुल्य क्षेत्र कराहल के मोरवन गांव के धुरा इलाके का हैं. जहां पर मंगलवार रात Kuno National Park के पास बसे, गांव में तेंदुआ आ गया.

दादा-दादी ने तेंदुए पर किया हमला

तेंदुए ने घर में सो रहे एक साल के बच्चे को अपना निशाना बना लिया. बच्चे की चिखने की आवाज सुन दादा जय सिंह और दादी बसंती की नींद खुल गई. दोनों ने पोते का पैर तेंदुआ जबड़ों में दबा देखा. यह देखते ही दोनों ने तेंदुए पर धावा बोल दिया. जय सिंह ने तेंदुए को गले से पकड़ लिया और बसंती ने उसके मुंह पर मारकर बच्चे को निकाल लिया. तेंदुए से लड़ाई में दादा, दादी और पोता तीनों घायल हो गए.

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तेंदुए को जंगल की ओर भगाया

खुद पर हुए अचानक हमले से तेंदुआ भी हड़बड़ा गया. उसने दादा और दादी पर भी हमला कर दिया. इतने में आवाजें सुनकर परिवार के सदस्य और अन्य गांव वाले आ गए. सभी ने मिलकर तेंदुए को जंगल की ओर भगा दिया. इसके बाद घायल बच्चे और दादा-दादी को अस्पताल पहुंचाया गया. कूनो नेशनल पार्क होने की वजह से अक्सर जंगली जानवर गांव में घुस आते हैं.

श्योपुर। एक साल के पोते को बचाने के लिए दादा-दादी तेंदुए से भिड़ गए. तेंदुए ने हमले में तीनों को घायल तो कर दिया, लेकिन बच्चे को नहीं ले जा पाया. इस दौरान मची चीख-पुकार सुनकर गांव वाले भी आ गए. जिससे तेंदुए भाग निकला. मामला आदिवासी बहुल्य क्षेत्र कराहल के मोरवन गांव के धुरा इलाके का हैं. जहां पर मंगलवार रात Kuno National Park के पास बसे, गांव में तेंदुआ आ गया.

दादा-दादी ने तेंदुए पर किया हमला

तेंदुए ने घर में सो रहे एक साल के बच्चे को अपना निशाना बना लिया. बच्चे की चिखने की आवाज सुन दादा जय सिंह और दादी बसंती की नींद खुल गई. दोनों ने पोते का पैर तेंदुआ जबड़ों में दबा देखा. यह देखते ही दोनों ने तेंदुए पर धावा बोल दिया. जय सिंह ने तेंदुए को गले से पकड़ लिया और बसंती ने उसके मुंह पर मारकर बच्चे को निकाल लिया. तेंदुए से लड़ाई में दादा, दादी और पोता तीनों घायल हो गए.

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तेंदुए को जंगल की ओर भगाया

खुद पर हुए अचानक हमले से तेंदुआ भी हड़बड़ा गया. उसने दादा और दादी पर भी हमला कर दिया. इतने में आवाजें सुनकर परिवार के सदस्य और अन्य गांव वाले आ गए. सभी ने मिलकर तेंदुए को जंगल की ओर भगा दिया. इसके बाद घायल बच्चे और दादा-दादी को अस्पताल पहुंचाया गया. कूनो नेशनल पार्क होने की वजह से अक्सर जंगली जानवर गांव में घुस आते हैं.

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