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वन भूमि को नहीं दिया गया राजस्व जमीन का दर्जा, किसानों ने शाजापुर कलेक्टर से मांगी मदद

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Published : Sep 16, 2020, 12:44 AM IST

कराल तहसील में कूनो सेंचुरी को स्थापित करने के लिए आधा दर्जन गांव के किसानों की जमीन ली गई. किसानों को जमीन के बदले वन भूमि दी गई थी और उसे राजस्व भूमि का दर्जा दिए जाने का वादा किया गया था, लेकिन लंबा वक्त बीतने के बाद भी जिम्मेदारों ने किसानों की सुध नहीं ली, ऐसे में ग्रामीणों ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. पढ़िए पूरी खबर...

Villagers submitted memorandum about not getting revenue status by taking land of farmers
किसानों की जमीन लेकर राजस्व दर्जा नहीं मिलने को लेकर ग्रामीणों ने सौंपा ज्ञापन

श्योपुर। कराल तहसील में कूनो पालपुर अभ्यारण सेंचुरी में जमीन जाने से किसानों में आक्रोश है. किसानों ने विधायक सीताराम आदिवासी के नेतृत्व में कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें राजस्व भूमि के दर्जे की मांग की है. इस दौरान पवन पुरा अहिरानी सहित भवनपुरा परोना के ग्रामीण मौजूद थे.

कराल तहसील के पर्यटक स्थल कूनो सेंचुरी को स्थापित किए जाने के लिए आधा दर्जन गांव के किसानों की भूमि गई है, जिन्हें जमीन के बदले वन भूमि दी गई थी, उस समय राजस्व भूमि दिए जाने की बात कही गई थी और जमीन को समतल कराकर थ्री फेस ओवर दिए जाने की बात भी कही गई थी. जिससे किसान खेती कर सकते थे, लेकिन सरकार ने वन भूमि देने के बाद अब तक किसानों की उस भूमि को राजस्व भूमि का दर्जा नहीं दिया. ना ही लाइट की कोई व्यवस्था की है.

ऐसे में किसानों को खेती करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. किसानों का कहना है कि उन्हें जल्द ही राजस्व भूमि का दर्ज दिया जाए और उस जगह लाइट की फिटिंग की जाए, जिससे वे खेती कर सकें

श्योपुर। कराल तहसील में कूनो पालपुर अभ्यारण सेंचुरी में जमीन जाने से किसानों में आक्रोश है. किसानों ने विधायक सीताराम आदिवासी के नेतृत्व में कलेक्टर राकेश श्रीवास्तव को एक ज्ञापन सौंपा है, जिसमें राजस्व भूमि के दर्जे की मांग की है. इस दौरान पवन पुरा अहिरानी सहित भवनपुरा परोना के ग्रामीण मौजूद थे.

कराल तहसील के पर्यटक स्थल कूनो सेंचुरी को स्थापित किए जाने के लिए आधा दर्जन गांव के किसानों की भूमि गई है, जिन्हें जमीन के बदले वन भूमि दी गई थी, उस समय राजस्व भूमि दिए जाने की बात कही गई थी और जमीन को समतल कराकर थ्री फेस ओवर दिए जाने की बात भी कही गई थी. जिससे किसान खेती कर सकते थे, लेकिन सरकार ने वन भूमि देने के बाद अब तक किसानों की उस भूमि को राजस्व भूमि का दर्जा नहीं दिया. ना ही लाइट की कोई व्यवस्था की है.

ऐसे में किसानों को खेती करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसी बात को लेकर ग्रामीणों ने कलेक्टर से मदद की गुहार लगाई है. किसानों का कहना है कि उन्हें जल्द ही राजस्व भूमि का दर्ज दिया जाए और उस जगह लाइट की फिटिंग की जाए, जिससे वे खेती कर सकें

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