श्योपुर। जिले में शनिवार को बड़ौदा रोड स्थित श्मशान घाट पर आंखे उस समय नम हो गईं, जब एक बेटी को लोगों ने अपनी मां को मुखाग्नि देते हुए देखा. बेटा नहीं होने के कारण एक बेटी ने अपनी विधवा मां का अंतिम संस्कार किया. बेटी के इस निर्णय पर पूरा परिवार नतमस्तक हो गया.
बेटी के फैसले से परिवार नतमस्तक
दरअसल, गांधी पार्क के पास रहने वाले बद्रीलाल राठौर की बेटी रेखा राठौर जो 13 साल पहले विधवा हो गई थी. तब से रेखा पिता के घर रह रही थी. बीमारी के कारण हुई रेखा की मृत्यु के बाद उसके मुखाग्नि देने पर परिजन सोच में पड़ गए. परिजनों की इस परेशानी को रेखा की 15 वर्षीय बेटी निशिका ने दूर करते हुए कहा कि, मेरी मां ने मुझे कभी बेटी होने का एहसास नहीं होने दिया. वो मुझे हमेशा बेटा ही पुकारती थी. आज उसकी अंतिम इच्छा भी मैं ही पूरी करूंगी. बेटी के इस निर्णय पर पूरा परिवार नतमस्तक हो गया और बेटी ने ही श्मशान घाट पहुंचकर अपनी मां को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया.