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बेटी ने किया मां का अंतिम संस्कार, लोगों की आंखें हुईं नम - daughter cremated her mother

श्योपुर जिले में एक बेटी ने अपनी विधवा मां का अंतिम संस्कार किया. जिसे देखकर लोगों की आंखें नम हो गई. वहीं बेटी के इस निर्णय पर पूरा परिवार नतमस्तक हो गया.

Daughter cremated her mother
बेटी ने किया अपनी मां का अंतिम संस्कार
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Published : Feb 8, 2020, 10:01 PM IST

Updated : Feb 8, 2020, 11:30 PM IST

श्योपुर। जिले में शनिवार को बड़ौदा रोड स्थित श्मशान घाट पर आंखे उस समय नम हो गईं, जब एक बेटी को लोगों ने अपनी मां को मुखाग्नि देते हुए देखा. बेटा नहीं होने के कारण एक बेटी ने अपनी विधवा मां का अंतिम संस्कार किया. बेटी के इस निर्णय पर पूरा परिवार नतमस्तक हो गया.

बेटी ने किया अपनी मां का अंतिम संस्कार

बेटी के फैसले से परिवार नतमस्तक

दरअसल, गांधी पार्क के पास रहने वाले बद्रीलाल राठौर की बेटी रेखा राठौर जो 13 साल पहले विधवा हो गई थी. तब से रेखा पिता के घर रह रही थी. बीमारी के कारण हुई रेखा की मृत्यु के बाद उसके मुखाग्नि देने पर परिजन सोच में पड़ गए. परिजनों की इस परेशानी को रेखा की 15 वर्षीय बेटी निशिका ने दूर करते हुए कहा कि, मेरी मां ने मुझे कभी बेटी होने का एहसास नहीं होने दिया. वो मुझे हमेशा बेटा ही पुकारती थी. आज उसकी अंतिम इच्छा भी मैं ही पूरी करूंगी. बेटी के इस निर्णय पर पूरा परिवार नतमस्तक हो गया और बेटी ने ही श्मशान घाट पहुंचकर अपनी मां को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया.

श्योपुर। जिले में शनिवार को बड़ौदा रोड स्थित श्मशान घाट पर आंखे उस समय नम हो गईं, जब एक बेटी को लोगों ने अपनी मां को मुखाग्नि देते हुए देखा. बेटा नहीं होने के कारण एक बेटी ने अपनी विधवा मां का अंतिम संस्कार किया. बेटी के इस निर्णय पर पूरा परिवार नतमस्तक हो गया.

बेटी ने किया अपनी मां का अंतिम संस्कार

बेटी के फैसले से परिवार नतमस्तक

दरअसल, गांधी पार्क के पास रहने वाले बद्रीलाल राठौर की बेटी रेखा राठौर जो 13 साल पहले विधवा हो गई थी. तब से रेखा पिता के घर रह रही थी. बीमारी के कारण हुई रेखा की मृत्यु के बाद उसके मुखाग्नि देने पर परिजन सोच में पड़ गए. परिजनों की इस परेशानी को रेखा की 15 वर्षीय बेटी निशिका ने दूर करते हुए कहा कि, मेरी मां ने मुझे कभी बेटी होने का एहसास नहीं होने दिया. वो मुझे हमेशा बेटा ही पुकारती थी. आज उसकी अंतिम इच्छा भी मैं ही पूरी करूंगी. बेटी के इस निर्णय पर पूरा परिवार नतमस्तक हो गया और बेटी ने ही श्मशान घाट पहुंचकर अपनी मां को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया.

Intro:एंकर
श्योपुर,बेटा नहीं था इसलिए बेटी को करना पड़ा विधवा मां का अंतिम संस्कार पति की मौत के बाद ससुरालीजनों द्वारा ठुकराए जाने पर पिता के घर रह रही थी मृतक रेखा। शनिवार को बड़ौदा रोड स्थित श्मशान घाट पर आंखे उस समय नम हो गई जब एक बेटी द्वारा अपनी मां को लोगों ने मुखाग्नि देते हुए देखा।
Body:दरअसल, गांधी पार्क के पास रहने वाले बद्रीलाल राठौर की बेटी रेखा राठौर जो 13 साल पहले विधवा हो गई थी। तब से रेखा पिता के घर रह रही थी। रेखा को मृतक पति कपिल राठौर से एक बेटी भी थी। बीमारी के कारण हुई रेखा की मृत्यु के बाद उसके मुखाग्नि देने पर परिजन सोच में पड़ गए। शास्त्रों के अनुसार मुखाग्नि पति या बेटा ही देता हैं। रेखा के नसीब में न तो पति रहा न बेटा था। Conclusion:परिजनों की इस परेशानी को रेखा की 15 वर्षीय बेटी निशिका ने दूर करते हुए कहा कि, मेरी मां ने मुझे कभी बेटा होने का एहसास नहीं होने दिया। वो मुझे हमेशा बेटा ही पुकारती थी। आज उसकी अंतिम ईच्छा भी मैं ही पूरी करूंगी। बेटी की इस निर्णय पर पूरा परिवार नतमस्तक हो गया और बेटी ने ही श्मशान घाट पहुंचकर अपनी मां को मुखाग्नि देकर अंतिम संस्कार किया।

बाइट,निशिका राठौर मृतक की बेटी
बद्री राठौर मृतक के पिता

अमित शर्मा स्ट्रिंगर श्योपुर

Last Updated : Feb 8, 2020, 11:30 PM IST
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