ETV Bharat / state

भारत में 70 साल बाद चीतों का सूखा खत्म, कूनो पहुंचे 8 अफ्रीकन चीते - 17 सितंबर को कूनो पहुंचेंगे चीते

भारत में 70 साल बाद चीते की वापसी हो रही है. जिसको लेकर देश की जनता बेहद खुश है. कूनो पालपुर सेंचुरी में नामीबिया से कुल 8 चीते जिसमें 5 मादा और 3 नर आ रहे हैं. चीतों को लेकर आ रहा स्पेशल कार्गो प्लेन शनिवार सुबह 6 बजे ग्वालियर पहुंचेगा. जिसके बाद ग्वालियर से चिनूक हेलीकॉप्टर के जरिए चीतों को कूनो ले जाया जाएगा. चीतों के साथ एक्सपर्ट की पूरी टीम ग्वालियर के लिए रवाना हुई है.

cheetah arrival timeline
चीता आने की टाइमलाइन
author img

By

Published : Sep 17, 2022, 6:57 AM IST

भोपाल। नामीबिया की धरती से चीते हेलीकॉप्टर में सवार होकर भारत आने के लिए निकल चुके हैं. 17 सितंबर को सुबह 6 बजे चीते मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले पहुंचेंगे, उसके एक घंटे बाद 7 बजे वे अपने घर श्योपुर के कूनो पहुंचेंगे, जहां उन्होंने पीएम मोदी छोड़ेंगे. चीतों के भारत आने का इंतजार हर कोई कर रहा है. कल के कार्यक्रम की तैयारी भी बड़े जोर-शोर से की गई, क्योंकि 70 साल बाद भारत में चीतों का सूखा जो खत्म हो रहा है, नामीबिया से एक या दो नहीं बल्कि पूरे 8 चीते आ रहे हैं, जिसमें 5 मादा और 3 नर हैं.

आपको बता दें चीता नाम मूलत: संस्कृत से लिया गया है, जिसका मूल नाम 'चित्रिका' है, अर्थात चित्तीदार.

Sanskrit cheetah name
संस्कृत से लिया गया चीता नाम
trying to resettle the cheetahs once again
चीतों को एक बार फिर बसाने की कोशिश

हालांकि चीतों के भारत आने का प्रस्ताव साल 2009 में पास हुआ था, जिसे साल 2010 में मनमोहन सिंह की सरकार में स्वीकृत किया गया था.

Proposal to bring cheetah came in the year 2009
साल 2009 में आया चीता लाने का प्रस्ताव

साल 2009 में प्रस्ताव लाने के बाद क्यों चीतों को भारत की धरती पर आने में 70 साल का वक्त लग गया.

Then there was a ban in bringing cheetahs from the court to India
फिर कोर्ट से चीतों को भारत लाने में लग गई रोक

इसके अलावा पीएम मोदी के चीता छोड़ने के बाद आगे का क्या है प्लान.

PM Modi will meet Cheetah friends after leaving Cheetah
पीएम मोदी चीता छोड़ने के बाद चीता मित्रों से करेंगे मुलाकात

भोपाल। नामीबिया की धरती से चीते हेलीकॉप्टर में सवार होकर भारत आने के लिए निकल चुके हैं. 17 सितंबर को सुबह 6 बजे चीते मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले पहुंचेंगे, उसके एक घंटे बाद 7 बजे वे अपने घर श्योपुर के कूनो पहुंचेंगे, जहां उन्होंने पीएम मोदी छोड़ेंगे. चीतों के भारत आने का इंतजार हर कोई कर रहा है. कल के कार्यक्रम की तैयारी भी बड़े जोर-शोर से की गई, क्योंकि 70 साल बाद भारत में चीतों का सूखा जो खत्म हो रहा है, नामीबिया से एक या दो नहीं बल्कि पूरे 8 चीते आ रहे हैं, जिसमें 5 मादा और 3 नर हैं.

आपको बता दें चीता नाम मूलत: संस्कृत से लिया गया है, जिसका मूल नाम 'चित्रिका' है, अर्थात चित्तीदार.

Sanskrit cheetah name
संस्कृत से लिया गया चीता नाम
trying to resettle the cheetahs once again
चीतों को एक बार फिर बसाने की कोशिश

हालांकि चीतों के भारत आने का प्रस्ताव साल 2009 में पास हुआ था, जिसे साल 2010 में मनमोहन सिंह की सरकार में स्वीकृत किया गया था.

Proposal to bring cheetah came in the year 2009
साल 2009 में आया चीता लाने का प्रस्ताव

साल 2009 में प्रस्ताव लाने के बाद क्यों चीतों को भारत की धरती पर आने में 70 साल का वक्त लग गया.

Then there was a ban in bringing cheetahs from the court to India
फिर कोर्ट से चीतों को भारत लाने में लग गई रोक

इसके अलावा पीएम मोदी के चीता छोड़ने के बाद आगे का क्या है प्लान.

PM Modi will meet Cheetah friends after leaving Cheetah
पीएम मोदी चीता छोड़ने के बाद चीता मित्रों से करेंगे मुलाकात
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.