भोपाल। नामीबिया की धरती से चीते हेलीकॉप्टर में सवार होकर भारत आने के लिए निकल चुके हैं. 17 सितंबर को सुबह 6 बजे चीते मध्यप्रदेश के ग्वालियर जिले पहुंचेंगे, उसके एक घंटे बाद 7 बजे वे अपने घर श्योपुर के कूनो पहुंचेंगे, जहां उन्होंने पीएम मोदी छोड़ेंगे. चीतों के भारत आने का इंतजार हर कोई कर रहा है. कल के कार्यक्रम की तैयारी भी बड़े जोर-शोर से की गई, क्योंकि 70 साल बाद भारत में चीतों का सूखा जो खत्म हो रहा है, नामीबिया से एक या दो नहीं बल्कि पूरे 8 चीते आ रहे हैं, जिसमें 5 मादा और 3 नर हैं.
आपको बता दें चीता नाम मूलत: संस्कृत से लिया गया है, जिसका मूल नाम 'चित्रिका' है, अर्थात चित्तीदार.
हालांकि चीतों के भारत आने का प्रस्ताव साल 2009 में पास हुआ था, जिसे साल 2010 में मनमोहन सिंह की सरकार में स्वीकृत किया गया था.
साल 2009 में प्रस्ताव लाने के बाद क्यों चीतों को भारत की धरती पर आने में 70 साल का वक्त लग गया.
इसके अलावा पीएम मोदी के चीता छोड़ने के बाद आगे का क्या है प्लान.