श्योपुर। नगरीय निकाय चुनाव की तारीख अभी तय नहीं है, लेकिन बीजेपी और कांग्रेस के दावेदार अभी से चुनावी अखाड़े में उतरने के लिए कमर कस लिये हैं. 9 दिसंबर को आरक्षण प्रक्रिया संपन्न होने के बाद पिछड़ा वर्ग महिला के लिए सीट रिजर्व की गई है, फिर भी जनता सिर्फ विकास के मुद्दे पर वोट करने की बात कहती नजर आ रही है.
शहर में विकास कार्य होना तो दूर वार्डवासियों को आने-जाने के लिए पक्की सड़क तक नहीं है और न ही पानी निकासी का पुख्ता इंतजाम. इसके अलावा कई प्लॉटों में सालों से गंदा पानी भरा है, जो लोगों की परेशानियां बढ़ा रहा है. इतना ही नहीं कई वार्डों में खुले शौचालय और नालियों की समस्या से आमजन को परेशानियों से जूझना पड़ रहा है.
2014 में हुए नगर पालिका चुनाव के दौरान बीजेपी से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने वाले प्रत्याशी दौलतराम गुप्ता को जनता ने करीब 2000 वोटों से जिताया था. दूसरे नंबर पर कांग्रेस प्रत्याशी हाजी मोहम्मद सिद्दीकी रहे, जिन्हें करीब 12300 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी प्रत्याशी बिहारी सिंह सोलंकी को 5700 के करीब वोट मिले थे.
शहर के 23 वार्डों में से 12 वार्डों पर कांग्रेस ने जीत हासिल की थी. इस वजह से नगर पालिका उपाध्यक्ष पद पर कांग्रेस का कब्जा रहा. नगीना बानो उपाध्यक्ष पद के लिए चुनी गई थीं. नगर पालिका अध्यक्ष दौलत राम गुप्ता चुनाव जीतने के करीब 4 साल बाद बीजेपी में शामिल हो गए, लेकिन वह अपने चुनावी वादों को पूरा नहीं कर सके.
फिलहाल की स्थिति में नगर पालिका की सीट पिछड़ा वर्ग महिला के लिए रिजर्व है, जिसके बाद बीजेपी-कांग्रेस सहित अन्य राजनीतिक दलों के प्रत्याशियों का बदलना तय हो गया है. लोगों का कहना है कि आने वाले समय में ऐसा नगर पालिका अध्यक्ष बने, जो शहर के विकास कार्यों पर ध्यान दे. साथ ही भ्रष्टाचार को जड़ से खत्म कर सकें.
कांग्रेस जिला अध्यक्ष अतुल चौहान का कहना है कि इस बार पार्टी पूरी दमखम के साथ अपने प्रत्याशी को मैदान में उतारेगी और अच्छे मतों के साथ विजय हासिल करेगी. दूसरी तरफ भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता राम लखन का कहना है कि हमारे पास कई पिछड़ा वर्ग की बहने हैं, जो लंबे समय से शहर में सक्रिय हैं.