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बे-मौसम बारिश ने उड़ाई किसानों की नींद, ओलावृष्टि की भी संभावना - WEATHER

कई किसान मंडी में बेचने के लिए भी लेकर पहुंचने लगे हैं और कई भाव बढ़ने के इंतजार में उन्हें खदानों में रखे हुए हैं. वह फसलें भी तेज बारिश की वजह से हल्की भीग गई हैं.

possibility of hail
ओलावृष्टि की भी संभावना
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Published : Mar 13, 2021, 10:56 PM IST

श्योपुर। गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह लगभग 9.30 बजे तक श्योपुर में तेज हवा के साथ-साथ रिमझिम बारिश होती रही. बे-मौसम बारिश कहर बनकर किसानों और उनकी फ़सलों पर गिरी है. इस समय खेतों में जो गेहूं की फ़सलें पकी हुई कटने को तैयार थीं. वो खेतों में ही गिर गई. साथ ही किसानों के खलियानों में रखी हुई सरसों और चने की फसल भी पूरी तरह से भीग गई है. फिलहाल अभी इस बूंदाबांदी में फसलों को उतना नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन किसानों फिर से बारिश या ओलावृष्टि होने का डर है. जिससे उन्हें भारी नुकसान हो सकता है.

बे मौसम बारिश ने उड़ाई किसानों की नींद
  • खदानों में रखी फसलें भीगीं

मार्च महीने में किसानों के खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह से पक चुकी हैं और कुछ ही दिनों में उनकी कटाई शुरू हो वाली है. जबकि सरसों और चना की फसल पहले ही खेतों से काटी जा चुकी है. कई किसान उन्हें मंडी में बेचने के लिए भी लेकर पहुंचने लगे हैं और कई भाव बढ़ने के इंतजार में उन्हें खदानों में रखे हुए हैं. वह फसलें भी तेज बारिश की वजह से हल्की भीग गई हैं. जिन्हें सुखाने के लिए जिले का किसान कवायद में जुटा हुआ है.

'शहर की सरकार' का दंगल : कल हो सकती है घोषणा

रिमझिम बारिश के साथ आंधी ने किया जीवन अस्त-व्यस्त

रिमझिम बारिश के साथ आंधी इतनी तेज चली की. कई घरों के टीन सेट और छप्पर तक उड़ गए. जिसकी वजह से जनजीवन अस्त-व्यस्त सा हो गया है. गुरुवार को सुबह 11:00 बजे तक आसमान पर बादल छाए रहे वहीं शुक्रवार को भी तेज हवाओं और बिजली की गड़गड़ाहट का दौर जारी है. इसकी वजह से किसानों में बारिश होने की आशंका बनी हुई है और वह अपनी गेहूं की उपज को लेकर चिंता कर रहे हैं.

श्योपुर। गुरुवार रात से शुक्रवार सुबह लगभग 9.30 बजे तक श्योपुर में तेज हवा के साथ-साथ रिमझिम बारिश होती रही. बे-मौसम बारिश कहर बनकर किसानों और उनकी फ़सलों पर गिरी है. इस समय खेतों में जो गेहूं की फ़सलें पकी हुई कटने को तैयार थीं. वो खेतों में ही गिर गई. साथ ही किसानों के खलियानों में रखी हुई सरसों और चने की फसल भी पूरी तरह से भीग गई है. फिलहाल अभी इस बूंदाबांदी में फसलों को उतना नुकसान नहीं हुआ है. लेकिन किसानों फिर से बारिश या ओलावृष्टि होने का डर है. जिससे उन्हें भारी नुकसान हो सकता है.

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  • खदानों में रखी फसलें भीगीं

मार्च महीने में किसानों के खेतों में खड़ी फसलें पूरी तरह से पक चुकी हैं और कुछ ही दिनों में उनकी कटाई शुरू हो वाली है. जबकि सरसों और चना की फसल पहले ही खेतों से काटी जा चुकी है. कई किसान उन्हें मंडी में बेचने के लिए भी लेकर पहुंचने लगे हैं और कई भाव बढ़ने के इंतजार में उन्हें खदानों में रखे हुए हैं. वह फसलें भी तेज बारिश की वजह से हल्की भीग गई हैं. जिन्हें सुखाने के लिए जिले का किसान कवायद में जुटा हुआ है.

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