श्योपुर। ईद से पहले ही 104 बकरों की दम घुटने से मौत हो गई. जानकारी के अनुसार धनराज खटीक, बनवारी खटीक, गजानंद खटीक और सानू कुरैशी बकरा-बकरी खरीद-फराेख्त का व्यापार करते हैं. व्यापारी श्योपुर सहित आसपास से बकरों को खरीदकर मुंबई सहित अन्य राज्यों में बेचने के लिए भेजते हैं.
अंदर से बंद हो गया था कमरे का गेट
व्यापारी बनवारी खटीक के मुताबिक वह बकरों को एक बाड़े में रखते हैं. बाड़े से लगा एक हॉल है, जिसमें एक खिड़की नहीं है. रविवार शाम करीब 6 बजे तक वह बाड़े पर थे. चारा-पानी खिलाकर वह अपने घर चले गए. करीब 7.30 बजे बारिश होने के कारण सभी मवेशी कमरे में घुस गए. इसी दौरान कमरे का गेट अंदर से किसी तरह बंद हो गया. कमरे में क्षमता से अधिक मवेशी बंद हो गए
चौकीदार ने दी सूचना
सुबह करीब पांच बजे मवेशी चराने व चौकीदार करने वाले व्यक्ति ने सूचना दी कि रात से बकरे कमरे में बंद हैं और अंदर से गेट भी बंद हो गया है. धनराज खटीक के मुताबिक वह बाड़े पर आए और कमरे की कुंदी किसी तरह खुली तो अंदर का नजारा देखकर दंग रह गए.
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कमरे में सभी बकरे-बकरी बेसुध पड़े थे. घटना की सूचना तहसीलदार राघवेंद्रसिंह कुशवाह और पशु डॉक्टर महेश को दी. पशु डॉक्टर ने बकरों को चेक किया तो 104 बकरे मृत मिले. जबकि 16 की सिर्फ सांसे चल रही थीं. डॉक्टर का कहना है कि इनका बचना भी मुश्किल है. पीएम रिपोर्ट के बाद डॉक्टर ने बताया कि ऑक्सीजन नहीं मिलने से दम घुट गया और मौत हो गई.