शाजापुर। भारत को PPE किट के लिए अब विदेश पर निर्भर रहने की आवश्यकता नही हैं. नोवेल कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम और बचाव के लिए किए गए लॉकडाउन की विषम परिस्थिति में भी राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुडे़ स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने पीपीई किट, मास्क, सेनेटाइजर, हैण्ड- ग्लव्स, साबुन और अन्य सामाग्री बनाई है.
जिले के सात गांव की स्व-सहायता समूह की महिलाओं ने अब तक 65 हजार मास्क, 1300 PPE कीट और हैण्ड- ग्लव्स बनाए हैं और जिला पंचायत, जनपद पंचायत और नगर पालिका के अधिकारी-कर्मचारियों को उपलब्ध भी कराया गया है.
मिल कर काम कर रहे अलग-अलग स्व सहायता समूह
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता कृष्णा जायसवाल ने बताया कि अलग-अलग स्व सहायता समूह को अलग-अलग कार्य सौंपे गए थे. इसके तहत एक स्व सहायता समूह को कपड़ों की कटाई करना, दूसरे स्व सहायता समूह को उनकी सिलाई पूरी करना, तीसरे को तैयार हुए मास्क और PPE किट को सेनेटाइज करना और अन्य को इनकी घड़ी कर व्यवस्थित तरीके से पैकिंग करने का काम दिया गया था.
ऐसे होता है आदान-प्रदान
देखरेख करने का और सामान के आदान-प्रदान का जिम्मा मध्यप्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन ने संभाला है. वह विभाग से कपड़ा लेकर स्व सहायता समूह तक पहुंचाते हैं, उसके बाद कटिंग के बाद उसे सिलने के लिए अगले समूह के पास ले जाते हैं, साथ ही काम पूरा होने पर उसे पैकिंग और सेनेटाइज करवाने भी ले जाते हैं. यहां से पीपीई किट, ग्लव्स और मास्क मांग के अनुसार संबंधित विभाग और मेडिकल स्टोर पर पहुंचाए जाते हैं.
दिल से बनाती हैं किट
महिलाओं और बालिकाओं का कहना है कि इस काम को करने में उन्हें मजा आता है और वे दिल से कोरोना योद्धाओं के लिए अच्छी से अच्छी पीपीई किट तैयार कर उन्हें देना चाहती हैं. जिससे कोरोना वॉरियर सुरक्षित होकर कोरोना से लड़ सकें. स्व सहायता समूह की महिलाओं का कहना है कि वे 1 दिन में 50 पीपीई किट तैयार कर लेती हैं, वहीं हजारों मास्क बना रही हैं.