शाजापुर। मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ प्रांतीय निकाय के आह्वान पर 10 अगस्त यानी सोमवार को सभी विभाग के कर्मचारी और पदाधिकारी कलेक्टर परिसर में एकत्रित हुए. यहां जिलाध्यक्ष रघुवीर सिंह पवार के नेतृत्व में 24 प्रमुख मांगों के समर्थन में सत्याग्रह कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के नाम पर एसडीएम एसएल सोलंकी को ज्ञापन सौंपा गया.
ज्ञापन में प्रमुख रूप से महंगाई भत्ते पर रोक वापस लेने, भर्ती पर लागू प्रतिबंध हटाए जाने, लिपिक संवर्ग के कर्मचारियों को शिक्षकों के समान वेतनमान देने, ग्रेड-पे स्वीकृत किए जाने, सरकारी विभागों और बिजली विभाग का निजीकरण रोके जाने, श्रम कानूनों में संशोधन को वापस लेने, महामारी के खिलाफ काम करने वाले कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की गई है.
इसके अलावा मध्य प्रदेश सरकार द्वारा जुलाई 2019 के डीए स्थगन आदेश को समाप्त करने, सातवें वेतनमान की अंतिम किस्त का भुगतान करने और काल्पिनक वेतन वृद्धि के स्थान पर नियमित वेतन दिए जाने की मांग की जा रही है.
कर्मचारियों के गलत वेतन निर्धारण होने की वजह से वसूली में 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज की वसूली की जा रही है, जिसे समाप्त किया जाए. अगर कर्मचारी से 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज की वसूली की जाती है, तो कर्मचारियों के लंबित स्वतत्वों का भुगतान 12 प्रतिशत चक्रवृद्धि ब्याज की दर से किया जाए. सेवानिवृत्त कर्मचारियों के स्वतत्वों का भुगतान पदोन्नत पदनाम दिए जाने सहित अन्य 24 मांगों का निराकरण शीघ्र किया जाए.
इस दौरान कर्मचारी नेता जिला सचिव सुमित गौसर, प्रांतीय सचिव बबीता लियोपेट्रिक, जिला प्रवक्ता वसीम खान, जिला उपाध्यक्ष मनोज गुर्जर सहित अन्य कर्मचारी और पदाधिकारी उपस्थित रहे.
एरियर के अंतिम किस्त की भुगतान की मांग
सोमवार को कलेक्टर कार्यालय में मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ ने प्रादेशिक ईकाई के आह्वान पर जिला ईकाई द्वारा विभिन्न मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें मंहगाई भत्ता, भर्ती से प्रतिबंध हटाने, सरकारी विभागों से निजीकरण समाप्त किए जाने, बिजली संसोधन बिल वापस लेने, छटनी किए कर्मचारियों की वापसी, महामारी के खिलाफ काम करने वालों की सुरक्षा, सातवें वेतन आयोग के एरियर की अंतिम किश्त भुगतान करने जैसी अन्य मांगों को शामिल किया गया है.