शाजापुर। भाद्रपद कृष्ण की तृतीया तिथि को कजली तीज मनाया गया. रविवार को मनाए गए इस त्योहार में विवाहित महिलाओं ने भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की. मन में सौभाग्य की कामना लिए महिलाओं ने व्रत रखकर तीज माता की पूजा-अर्चना की.
इस मौके पर महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की. उल्लेखनीय है कि अखातीज और हरितालिका तीज की तरह कजली तीज भी सुहागिनों का पर्व माना जाता है और इसी के चलते सोमवार को विवाहित महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर तीज माता की पूजा की. वहीं शादी की इच्छुक युवतियों ने मनपसंद जीवनसाथी के लिए व्रत रखा.
मान्यता के अनुसार देवी पार्वती ने शिव से विवाह के लिए कठिन तपस्या की थी. 108 साल की तपस्या के बाद भगवान शिव प्रसन्न हुए थे और मां पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था, जिसके चलते इसी दिन को कजली तीज मानते हुए भगवान शिव की रजामंदी का उत्सव मनाया जाता है. कजली तीज पर पूजा करने वाली महिलाओं ने बताया कि इस दिन सुहागिनों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है और कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर का आशीर्वाद मिलता है.