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धूमधाम से मनाया गया कजली तीज, महिलाओं ने पति की लंबी उम्र का मांगा आशीर्वाद

शाजापुर में विवाहित महिलाओं ने धूमधाम से कजली तीज मनाई. उन्होंने मां पार्वती और भगवान शिव की पूजा कर पति की लंबी उम्र का आशीर्वाद मांगा.

धूमधाम से मनाया गया कजली तीज
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Published : Aug 20, 2019, 8:23 AM IST

शाजापुर। भाद्रपद कृष्ण की तृतीया तिथि को कजली तीज मनाया गया. रविवार को मनाए गए इस त्योहार में विवाहित महिलाओं ने भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की. मन में सौभाग्य की कामना लिए महिलाओं ने व्रत रखकर तीज माता की पूजा-अर्चना की.

धूमधाम से मनाया गया कजली तीज


इस मौके पर महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की. उल्लेखनीय है कि अखातीज और हरितालिका तीज की तरह कजली तीज भी सुहागिनों का पर्व माना जाता है और इसी के चलते सोमवार को विवाहित महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर तीज माता की पूजा की. वहीं शादी की इच्छुक युवतियों ने मनपसंद जीवनसाथी के लिए व्रत रखा.


मान्यता के अनुसार देवी पार्वती ने शिव से विवाह के लिए कठिन तपस्या की थी. 108 साल की तपस्या के बाद भगवान शिव प्रसन्न हुए थे और मां पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था, जिसके चलते इसी दिन को कजली तीज मानते हुए भगवान शिव की रजामंदी का उत्सव मनाया जाता है. कजली तीज पर पूजा करने वाली महिलाओं ने बताया कि इस दिन सुहागिनों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है और कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर का आशीर्वाद मिलता है.

शाजापुर। भाद्रपद कृष्ण की तृतीया तिथि को कजली तीज मनाया गया. रविवार को मनाए गए इस त्योहार में विवाहित महिलाओं ने भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा-अर्चना की. मन में सौभाग्य की कामना लिए महिलाओं ने व्रत रखकर तीज माता की पूजा-अर्चना की.

धूमधाम से मनाया गया कजली तीज


इस मौके पर महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार में सुख-समृद्धि की प्रार्थना की. उल्लेखनीय है कि अखातीज और हरितालिका तीज की तरह कजली तीज भी सुहागिनों का पर्व माना जाता है और इसी के चलते सोमवार को विवाहित महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर तीज माता की पूजा की. वहीं शादी की इच्छुक युवतियों ने मनपसंद जीवनसाथी के लिए व्रत रखा.


मान्यता के अनुसार देवी पार्वती ने शिव से विवाह के लिए कठिन तपस्या की थी. 108 साल की तपस्या के बाद भगवान शिव प्रसन्न हुए थे और मां पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था, जिसके चलते इसी दिन को कजली तीज मानते हुए भगवान शिव की रजामंदी का उत्सव मनाया जाता है. कजली तीज पर पूजा करने वाली महिलाओं ने बताया कि इस दिन सुहागिनों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है और कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर का आशीर्वाद मिलता है.

Intro:शाजापुर ।शहर में कजरी तीज का पर्व विवाहित महिलाओं द्वारा धूमधाम से मनाया गया .तीज माता को अपने सिर पर रखकर महिलाओं ने नाच गान के साथ उनका पर्व मनाया.Body:




मय्या जब तक जीयूं मैं सुहागिन रहूं, मुझको को इतना तू वरदान दे.... मन में सौभाग्य की यही कामना लिए महिलाओं ने व्रत रखकर तीज माता की पूजा-अर्चना की. इस मौके पर महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ परिवार में सुख-समृद्धि की प्रार्थना तीज माता से की.उल्लेखनीय है कि अखातीज एवं हरियाली तीज की तरह कजरी तीज भी सुहागिनों का पर्व माना जाता है .और इसीके चलते सोमवार को कजरी तीज के दिन हिंदू शादीशुदा महिलाओं ने अपने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखकर तीज माता की पूजा की. वहीं शादी की इच्छुक युवतियों ने मनपसंद जीवनसाथी के लिए व्रत रखकर शिवशक्ति की पूजा की. मान्यता के अनुसार देवी पार्वती ने शिव से विवाह के लिए कठिन तपस्या की थी, और ये तप 108 सालों तक चलने के बाद भगवान शिव ने मां पार्वती को अपनी पत्नी के रूप में स्वीकारा था. जिसके चलते इसी दिन को कजरी तीज मानते हुए भगवान शिव की रजामंदी का उत्सव मनाया जाता है. कजरी तीज पर पूजा करने वाली महिलाओं ने बताया कि इस दिन सुहागिनों को पति की लंबी उम्र का वरदान मिलता है .और कुंवारी कन्याओं को अच्छे वर का आर्शीवाद मिलता है. इसी आस्था और विश्वास के साथ इस दिन संयुक्त रूप से भगवान शिव और पार्वती की उपासना की गई.
तीज माता की शोभायात्रा निकाली
महिलाओं ने पारंपरिक ढंग से कजरी तीज की पूजा अर्चना की और इसके बाद शाम के समय सभी महिलाओं ने अपने सिर पर तीज माता को रखकर शहर में शोभायात्रा निकाली.महिलाएं सिर में माता को धारण कर नाचते-गाते हुए चल रहीं थीं जिनका जगह-जगह पुष्पवर्षा कर स्वागत भी किया गया.जुलूस आजाद चौक सहित शहर के प्रमुख मार्गों से गुजरा और इस दौरान महिलाओं ने भगवान शिव और पार्वती को समर्पित भजन-कीर्तन कर सौभाग्य की कामना की.
Conclusion:





हिंदू धर्म में तीज के पर्व का विशेष महत्व है
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