शाजापुर। जिले की कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा. यहां पर विगत 10 वर्षों से कांग्रेस के चतुर्भुज तोमर टिकट की मांग कर रहे थे, लेकिन कांग्रेस पार्टी ने वर्तमान विधायक कुणाल चौधरी पर भरोसा जताया और कुणाल चौधरी को अपना प्रत्याशी बनाकर मैदान उतारा है. जिसके बाद चतुर्भुज तोमर ने कांग्रेस को अलविदा कहकर आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में अब त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिलेगा.
पिछले चुनाव में बाबूलाल वर्मा को कुणाल चौधरी ने हराया: जिले की कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में चुनाव का मुकाबला अब त्रिकोणीय होता हुआ नजर आ रहा है. कालापीपल इलाके के दिग्गज कांग्रेसी नेता व पूर्व जिला पंचायत सदस्य चतुर्भुज तोमर ने आप पार्टी का दामन थाम लिया है. पूरी तरह ग्रामीण क्षेत्र वाली कालापीपल विधानसभा क्षेत्र में वर्तमान में कांग्रेस के दिग्गज युवा नेता कुणाल चौधरी विधायक हैं. बीता चुनाव उन्होंने भाजपा के पूर्व विधायक डॉक्टर बाबूलाल वर्मा को करीब 13000 वोटों से हराया था.
चतुर्भुज तोमर बने मुसीबत: विधानसभा क्षेत्र में खाती समाज का बाहुल्य है. इस बार भी चतुर्भुज तोमर ने टिकट की मांग करते हुए पूरे 5 साल में कई यात्राएं निकालकर ग्रामीणों से संपर्क बनाए रखा था, लेकिन इस बार भी उन्हें टिकट नहीं दिया गया. पार्टी के फैसले से नाराज होकर चतुर्भुज तोमर ने दिल्ली में आप पार्टी ज्वाइन कर ली है. अब वह आप पार्टी की झाड़ू के चुनाव चिन्ह के साथ कांग्रेस और भाजपा दोनों के लिए चुनौती बनेंगे. चतुर्भुज तोमर ने यदि खाती समाज के वोट बैंक में सेंध लगाते हैं तो, इसका सीधा नुकसान कुणाल चौधरी को होगा. भाजपा को कांग्रेस के मजबूत प्रत्याशी कुणाल चौधरी के सामने जीत की संभावना है. बीजेपी को यह संभावना चतुर्भुज तोमर के कारण दिखने लगी है.