शाजापुर। शहर में अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर और रुचिकर बनाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों का कायाकल्प किया जा रहा है. अनौपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए एक विशेष कोर्स तैयार किया गया है.
आंगनबाड़ी के बच्चों को मिलेगा मनोरंजन का वातावरण, विशेष कोर्स तैयार
शाजापुर जिले में अनौपचारिक शिक्षा को रुचिकर बनाने के लिए एक विशेष कोर्स तैयार किया गया है. जिसमें आंगनवाड़ी में पढ़ रहे बच्चों को मनोरंजन पूर्ण वातावरण और अन्य कार्यक्रम के माध्यम से शिक्षा दी जाएगी.
आंगनबाड़ी के बच्चों को अब मिलेगा मनोरंजन का वातावरण
शाजापुर। शहर में अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर और रुचिकर बनाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों का कायाकल्प किया जा रहा है. अनौपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए एक विशेष कोर्स तैयार किया गया है.
Intro:शाजापुर। शहर में अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए आंगनवाड़ी केंद्रों का कायाकल्प किया गया .जिससे शिक्षा को रुचिकर बनाया जा सके.Body:
आंगनवाड़ी केंद्र में दी जा रही अनौपचारिक शिक्षा पर मध्यप्रदेश में एक नया प्रयोग. 28 अगस्त को संपूर्ण मध्यप्रदेश में 313 विकास खंडों में 313 आंगनवाड़ी का चयन किया गया. शाजापुर में भी चार विकासखंड में चार आंगनवाड़ियों का चयन किया गया है .आंगनवाड़ी केंद्रों में अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर, रुचिकर बनाने के लिए एक नया प्रयोग जन सहयोग के माध्यम से शुरू किया गया. महिला बाल विकास जिला विकास कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में अनौपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए एक विशेष कोर्स तैयार किया गया है. जिसमें जनसहयोग के माध्यम से उनको यूनिफॉर्म ,किताबें और कक्षा का वातावरण मनोरंजन पूर्ण बनाने के लिए टेलीविजन की भी व्यवस्था की गई है. अभी प्रयोग के तौर पर हम चार आंगनवाड़ी केंद्र में व्यवस्था कर रहे हैं .इस तरह के माहौल बनाने से बच्चों के अंदर शिक्षा के प्रति रुचि जागृत होगी . आज जिस तरह आंगनवाड़ी केंद्रों में साफ-सफाई ,कार्टून,टेलीविजन और अन्य कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के लिए एक बेहतर माहौल बनाया गया था.उनको देखकर ऐसा लग रहा था, यदि यदि यह सही तरीके से अमल में लाया जाए तो निसंदेह अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर बनाया जा सकता है .जब शिक्षित होंगे ननिहाल तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया.Conclusion:
अनौपचारिक शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास के लिए अनिवार्य है
आंगनवाड़ी केंद्र में दी जा रही अनौपचारिक शिक्षा पर मध्यप्रदेश में एक नया प्रयोग. 28 अगस्त को संपूर्ण मध्यप्रदेश में 313 विकास खंडों में 313 आंगनवाड़ी का चयन किया गया. शाजापुर में भी चार विकासखंड में चार आंगनवाड़ियों का चयन किया गया है .आंगनवाड़ी केंद्रों में अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर, रुचिकर बनाने के लिए एक नया प्रयोग जन सहयोग के माध्यम से शुरू किया गया. महिला बाल विकास जिला विकास कार्यक्रम अधिकारी सुभाष जैन ने बताया कि आंगनवाड़ी केंद्रों में अनौपचारिक शिक्षा प्राप्त करने वाले बच्चों के लिए एक विशेष कोर्स तैयार किया गया है. जिसमें जनसहयोग के माध्यम से उनको यूनिफॉर्म ,किताबें और कक्षा का वातावरण मनोरंजन पूर्ण बनाने के लिए टेलीविजन की भी व्यवस्था की गई है. अभी प्रयोग के तौर पर हम चार आंगनवाड़ी केंद्र में व्यवस्था कर रहे हैं .इस तरह के माहौल बनाने से बच्चों के अंदर शिक्षा के प्रति रुचि जागृत होगी . आज जिस तरह आंगनवाड़ी केंद्रों में साफ-सफाई ,कार्टून,टेलीविजन और अन्य कार्यक्रम के माध्यम से बच्चों के लिए एक बेहतर माहौल बनाया गया था.उनको देखकर ऐसा लग रहा था, यदि यदि यह सही तरीके से अमल में लाया जाए तो निसंदेह अनौपचारिक शिक्षा को बेहतर बनाया जा सकता है .जब शिक्षित होंगे ननिहाल तभी तो आगे बढ़ेगा इंडिया.Conclusion:
अनौपचारिक शिक्षा बच्चों के मानसिक विकास के लिए अनिवार्य है