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कौन होगा जिम्मेदार? रेत माफिया के हौसले बुलंद, शाजापुर जिले में रेत का अवैध कारोबार जारी

शाजापुर जिले के शुजालपुर क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा है. सीहोर जिले से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में रेत डम्परों में भरकर शाजापुर जिले में लाई जा रही है. रेत माफिया का जमावड़ा पुलिस महकमे में इस कदर जमा हुआ है कि इनको किसी की भी रोकटोक नहीं होती है, और यदि गलती से छोटा कर्मचारी दस्तावेज मांग ले, तो अधिकारी उसे धमका देते हैं.

Illegal sand transport in the district under the protection of officials
अधिकारियों के संरक्षण से चल रहा जिले में अवैध रेत का परिवहन !
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Published : Aug 7, 2020, 1:12 AM IST

शाजापुर। मध्यप्रदेश में शाजापुर जिले के शुजालपुर क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा है. सीहोर जिले से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में रेत डम्परों में भरकर शाजापुर जिले में लाई जा रही है. इस व्यवसाय से जुड़े लोग एक तरफ खनिज विभाग को रॉयल्टी का चूना लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कार्रवाई से बचने के लिए डम्परों से नंबर तक मिटा दिए गए हैं, जिसके चलते ये ओवरलोड वाहन नगर के व्यस्ततम मार्गों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं.

रेत माफिया का जमावड़ा पुलिस महकमे में इस कदर जमा हुआ है कि इनको किसी की भी रोकटोक नहीं होती है, और यदि गलती से छोटा कर्मचारी दस्तावेज मांग ले, तो अधिकारी उसे धमका देते हैं. शुजालपुर शहर में ही लगभग 5 से 6 डम्पर प्रतिदिन सुबह रेत लेकर आते हैं. एक डम्पर में रेत को करीब 40 हजार रुपए में बेचा जाता है. इसे स्थानीय स्तर पर व्यापारी खरीदते हैं और निर्माण कार्य के लिए ट्रॉली से विक्रय करते हैं. अवैध रेत का यह कारोबार सीहोर जिले के नसरूल्लागंज क्षेत्र से शुरू होता है.

जानकारी के अनुसार नर्मदा नदी से रेत लेकर जो डम्पर चलते हैं, उनमे से अधिकांश बिना परमिट के खनिज विक्रय कर रहे हैं. देर रात वाहन सीहोर जिले से निकलते हैं और सुबह इनका सौदा शुजालपुर सहित शाजापुर जिले के कस्बों में होता है. खास बात ये है कि अधिकांश डम्परों पर से पीछे के नंबर मिटा दिए गए हैं.

शाजापुर। मध्यप्रदेश में शाजापुर जिले के शुजालपुर क्षेत्र में रेत का अवैध कारोबार लंबे समय से चल रहा है. सीहोर जिले से प्रतिदिन बड़ी मात्रा में रेत डम्परों में भरकर शाजापुर जिले में लाई जा रही है. इस व्यवसाय से जुड़े लोग एक तरफ खनिज विभाग को रॉयल्टी का चूना लगा रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ कार्रवाई से बचने के लिए डम्परों से नंबर तक मिटा दिए गए हैं, जिसके चलते ये ओवरलोड वाहन नगर के व्यस्ततम मार्गों पर बेखौफ दौड़ रहे हैं.

रेत माफिया का जमावड़ा पुलिस महकमे में इस कदर जमा हुआ है कि इनको किसी की भी रोकटोक नहीं होती है, और यदि गलती से छोटा कर्मचारी दस्तावेज मांग ले, तो अधिकारी उसे धमका देते हैं. शुजालपुर शहर में ही लगभग 5 से 6 डम्पर प्रतिदिन सुबह रेत लेकर आते हैं. एक डम्पर में रेत को करीब 40 हजार रुपए में बेचा जाता है. इसे स्थानीय स्तर पर व्यापारी खरीदते हैं और निर्माण कार्य के लिए ट्रॉली से विक्रय करते हैं. अवैध रेत का यह कारोबार सीहोर जिले के नसरूल्लागंज क्षेत्र से शुरू होता है.

जानकारी के अनुसार नर्मदा नदी से रेत लेकर जो डम्पर चलते हैं, उनमे से अधिकांश बिना परमिट के खनिज विक्रय कर रहे हैं. देर रात वाहन सीहोर जिले से निकलते हैं और सुबह इनका सौदा शुजालपुर सहित शाजापुर जिले के कस्बों में होता है. खास बात ये है कि अधिकांश डम्परों पर से पीछे के नंबर मिटा दिए गए हैं.

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