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लोन वसूलने वाले कर्मचारी महिलाओं से कर रहे अभद्रता, कलेक्टर को सौंपा ज्ञापन

शाजापुर जिले के रसूलपुर गांव की महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान आजीविका चलाने के लिए लोन लिया था. वहीं महिलाएं लोन चुकाने में असमर्थ हो रही हैं, जिसके चलते लोन देने वाली संस्थाएं महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार कर रही हैं, जिसे लेकर महिलाओं ने कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा.

Women sat on a symbolic strike
महिलाएं सांकेतिक धरने पर बैठी
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Published : Jul 11, 2020, 3:28 PM IST

शाजापुर। जिले में महिलाओं का समूह बनाकर लोन देने वाली संस्थाओं के कर्मचारी, लोन की किश्त नहीं चुकाने वाली महिलाओं के साथ गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. मामला रसूलपुर गांव का है जहां की महिलाओं इसकी शिकायत कलेक्टर दिनेश जैन से की है. ग्रामीण महिलाओं ने न्याय मांगने के लिए आज सांकेतिक धरना भी दिया और चेतावनी दी कि यदि जिला प्रशासन ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया तो महिलाएं हाइवे पर अनशन करेंगी.

ग्राम रसूलपुर की महिलाओं ने बताया कि लॉकडाउन के पहले अपनी आजीविका चलाने के लिए रसूलपुर की चार दर्जन से अधिक महिलाओं ने महिला समूह को लोन देने वाली संस्था से लोन लिया था. जब तक लॉकडाउन नहीं लगा था, तब तक महिलाओं ने समय पर लोन की किश्त चुकाई, लेकिन लॉकडाउन के बाद महिलाओं की और उनके परिजन की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी. जिससे महिलाएं लोन चुकाने में असर्मथ हो गईं, उन्होंने लोन देने वाली संस्था के कर्मचारियों से कहा कि उन्हें रोजगार मिलते ही वह किश्त की राशि चुका देंगी.

लेकिन संस्थाओं के कर्मचारियों ने इन महिलाओं की बात नहीं मानी और अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया. महिलाओं ने बताया कि कई बार उन्हें गाली गलौज का सामना भी करना पड़ता है. महिलाओं ने कहा, 'हमें थोड़ा और समय चाहिए, इसके बाद कहीं से भी लोन चुका देंगे. लेकिन लोन देने वाली संस्था के कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है.'

कर्मचारियों की अभद्रता से परेशान महिलाओं ने कलेक्टर दिनेश जैन को एक ज्ञापन सौंपा है. रसूलपुर गांव की महिलाएं इसी बात को लेकर सांकेतिक धरने पर भी बैठ गई, महिलाओं ने कहा यदि प्रशासन की ओर से उन्हें मदद नहीं दी गई, तो वे हाईवे पर आमरण अनशन करेंगी.

शाजापुर। जिले में महिलाओं का समूह बनाकर लोन देने वाली संस्थाओं के कर्मचारी, लोन की किश्त नहीं चुकाने वाली महिलाओं के साथ गाली-गलौज और अभद्र व्यवहार कर रहे हैं. मामला रसूलपुर गांव का है जहां की महिलाओं इसकी शिकायत कलेक्टर दिनेश जैन से की है. ग्रामीण महिलाओं ने न्याय मांगने के लिए आज सांकेतिक धरना भी दिया और चेतावनी दी कि यदि जिला प्रशासन ने उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं लिया तो महिलाएं हाइवे पर अनशन करेंगी.

ग्राम रसूलपुर की महिलाओं ने बताया कि लॉकडाउन के पहले अपनी आजीविका चलाने के लिए रसूलपुर की चार दर्जन से अधिक महिलाओं ने महिला समूह को लोन देने वाली संस्था से लोन लिया था. जब तक लॉकडाउन नहीं लगा था, तब तक महिलाओं ने समय पर लोन की किश्त चुकाई, लेकिन लॉकडाउन के बाद महिलाओं की और उनके परिजन की आर्थिक स्थिति खराब होने लगी. जिससे महिलाएं लोन चुकाने में असर्मथ हो गईं, उन्होंने लोन देने वाली संस्था के कर्मचारियों से कहा कि उन्हें रोजगार मिलते ही वह किश्त की राशि चुका देंगी.

लेकिन संस्थाओं के कर्मचारियों ने इन महिलाओं की बात नहीं मानी और अभद्र व्यवहार करना शुरू कर दिया. महिलाओं ने बताया कि कई बार उन्हें गाली गलौज का सामना भी करना पड़ता है. महिलाओं ने कहा, 'हमें थोड़ा और समय चाहिए, इसके बाद कहीं से भी लोन चुका देंगे. लेकिन लोन देने वाली संस्था के कर्मचारी मानने को तैयार नहीं है.'

कर्मचारियों की अभद्रता से परेशान महिलाओं ने कलेक्टर दिनेश जैन को एक ज्ञापन सौंपा है. रसूलपुर गांव की महिलाएं इसी बात को लेकर सांकेतिक धरने पर भी बैठ गई, महिलाओं ने कहा यदि प्रशासन की ओर से उन्हें मदद नहीं दी गई, तो वे हाईवे पर आमरण अनशन करेंगी.

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