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Teachers Day पर MP के इस शिक्षक को मिलेगा अवॉर्ड, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू करेंगी सम्मानित

5 सितंबर को शिक्षक दिवस के अवसर पर शाजापुर के शिक्षक को दिल्ली में राष्ट्रपति पुरस्कार मिलेगा. शिक्षा के क्षेत्र में आइटीसी का प्रयोग करने पर यहां के शिक्षकों का चयन हुआ है. इनके पहले भी तीन शिक्षक सम्मानित हो चुके हैं. (Dr sarvapalli radhakrishnan) (Best teacher Awards 2022) (president droupadi murmu)

Omprakash Patidar
ओमप्रकाश पाटीदार
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Published : Sep 4, 2022, 9:21 PM IST

शाजापुर। शासकीय उत्कृष्ट उमावि क्रमांक-1 शाजापुर के शिक्षक ओमप्रकाश पाटीदार को 5 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. शिक्षक पाटीदार को यह सम्मान उनके द्वारा शिक्षा में आइटीसी का प्रयोग करने, जैव विविधता संरक्षण के लिए कार्य करने, बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने सहित अन्य बिंदूओं पर विशिष्ट कार्य करने के लिए दिया जाएगा. बता दें इनके पूर्व शहर के तीन अन्य शिक्षक भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं.

शाजापुर सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार 2022

सर्वोच्च सम्मान प्राप्त: मात्र पंद्रह वर्ष की सेवा में उत्कृष्ट कार्य करते हुए दो राज्य स्तरीय तथा दो राष्ट्र स्तरीय सम्मान प्राप्त करना असाधारण सा प्रतीत होता है, लेकिन यह सब कर दिखाया है कालापीपल तहसील के गांव रामड़ी निवासी एवं ग्राम बेरछा से अपनी शासकीय सेवा की शुरुआत करने वाले उत्कृष्ट विद्यालय शाजापुर के जीव विज्ञान के शिक्षक ओम प्रकाश पाटीदार ने. भोपाल, इंदौर, जबलपुर तथा ग्वालियर जैसे महानगरों में कार्यरत शिक्षकों को पीछे छोड़ते हुए शिक्षा के क्षेत्र में देश का सबसे सर्वोच्च सम्मान प्राप्त कर उन्होंने सफलता की नई कहानी लिख दी है.

पुस्तक का कर चुके हैं लेखन: पाटीदार ने शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए अपने सेवाकाल में निरंतर उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम दिया है. उन्होंने अपने शिक्षण कार्य के साथ-साथ विद्यार्थियों तथा आमजन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से विज्ञान एवं समाज कथानक के अंतर्गत 1000 से अधिक विषयों पर ब्लॉग लिखकर प्रकाशित किए.इसके अलावा वैज्ञानिक दृष्टिकोण नामक पुस्तक का लेखन किया है.

फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का उपयोग: शिक्षक पाटीदार अपने शिक्षण को प्रभावशाली बनाने के लिए सूचना संचार तकनीकी का भरपूर उपयोग कर रहे हैं. उनके द्वारा मुक्त शैक्षिक संसाधनों जैसे दीक्षा का उपयोग शिक्षण प्रशिक्षण के साथ-साथ कक्षा के विद्यार्थियों के लिए किया जा रहा है. वे अपने शिक्षण को रुचिकर बनाने के लिए फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं. स्थानीय जैविविधता की पहचान तथा उनके संरक्षण के उदेश्य से बच्चों के साथ मिलकर शाजापुर, मोहन बड़ोदिया, कालापीपल तथा घट्टिया विकासखंड के लिए लोक जैव विविधता की पूरी रूप रेखा तैयार करवाई है.

Teachers’ Day : 1962 में मनाया गया था पहला शिक्षक दिवस, जानिए इतिहास

पाठ्य सहगामी क्रियाओं में की सहभागिता: बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पाटीदार द्वारा अनेक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. इन गतिविधियों में अनेक छात्र-छात्राएं राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता कर चुके हैं. इनमें प्रमुख रूप से पश्चिम भारत विज्ञान मेला, जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान एवं गणित प्रदर्शनी, राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस, इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल, विद्यार्थी विज्ञान मंथन, विज्ञान मंथन यात्रा, इंस्पायर अवॉर्ड विज्ञान प्रदर्शनी, राज्य स्तरीय विज्ञान मेला, राष्ट्रीय विज्ञान सेमिनार एवं विज्ञान संगोष्ठी, विज्ञान लेखन एवं पत्रकारिता कार्यशाला, किशोरी बालिका पोषण जागरूकता कार्यक्रम, साइंस एवं बायोलॉजी ओलम्पियाड, विज्ञान एवं वैज्ञानिकों के जीवन पर आधारित एकांकी एवं नाटिका, बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यशाला, विज्ञान अवधारणा निर्माण कार्यक्रम तथा विज्ञान एवं स्वास्थ्य जागरूकता प्रतियोगिता आदि प्रमुख है. पाटीदार द्वारा ऐसा क्यों होता है? वैज्ञानिक दृष्टिकोण, प्रयास एक पहल, वैज्ञानिक दृष्टिकोण 2.0 तथा लोक जैव विविधता पंजी नामक पुस्तक प्रकाशित करवाई जा चुकी है.

अब तक मिले इतने पुरस्कार: शिक्षक ओम प्रकाश पाटीदार को अपने शिक्षकीय सेवाकाल के दौरान किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं. इनमे प्रमुख रूप से राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार-2017, राज्यपाल पुरस्कार-2019, नवाचारी विज्ञान शिक्षक पुरस्कार-2017, माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एडुकेटर एक्सपर्ट 2021-22 तथा 2022-23, साइंस सेंटर भोपाल द्वारा सर्वश्रेष्ठ जिला समन्वयक सम्मान, साइंस सेंटर भोपाल द्वारा सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक शिक्षक सम्मान, सेम ग्लोबल यूनिवर्सिटी भोपाल द्वारा विज्ञानश्री अलंकरण शामिल है.

इन्हें भी मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार: दिव्यांगों के लिए समेकित शिक्षा योजना के लिए डॉ. हेमंत दुबे को वर्ष 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने पुरस्कृत किया था. इसके पूर्व लगातार 5 वर्ष तक उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने के लिए दिव्यांग शिक्षक सिद्धनाथ वर्मा को वर्ष 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा पुरस्कृत किया गया था. खास बात यह थी कि सिद्धनाथ वर्मा की दिव्यांगता को देखते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा प्रोटोकॉल तोड़ते हुए मंच से नीचे उतरकर शिक्षक वर्मा को सम्मानित किया गया था. शासकीय विद्यालय में आइटीसी सेक्टर में नवाचार के लिए शिक्षक मनोहरलाल राय 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पुरस्कृत किया था.(Dr. sarvapalli radhakrishnan) (Best teacher Awards 2022) (president droupadi murmu)

शाजापुर। शासकीय उत्कृष्ट उमावि क्रमांक-1 शाजापुर के शिक्षक ओमप्रकाश पाटीदार को 5 सितंबर को दिल्ली के विज्ञान भवन में राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु द्वारा राष्ट्रपति पुरस्कार प्रदान किया जाएगा. शिक्षक पाटीदार को यह सम्मान उनके द्वारा शिक्षा में आइटीसी का प्रयोग करने, जैव विविधता संरक्षण के लिए कार्य करने, बच्चों में वैज्ञानिक दृष्टिकोण का विकास करने सहित अन्य बिंदूओं पर विशिष्ट कार्य करने के लिए दिया जाएगा. बता दें इनके पूर्व शहर के तीन अन्य शिक्षक भी उत्कृष्ट कार्यों के लिए राष्ट्रपति पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं.

शाजापुर सर्वश्रेष्ठ शिक्षक पुरस्कार 2022

सर्वोच्च सम्मान प्राप्त: मात्र पंद्रह वर्ष की सेवा में उत्कृष्ट कार्य करते हुए दो राज्य स्तरीय तथा दो राष्ट्र स्तरीय सम्मान प्राप्त करना असाधारण सा प्रतीत होता है, लेकिन यह सब कर दिखाया है कालापीपल तहसील के गांव रामड़ी निवासी एवं ग्राम बेरछा से अपनी शासकीय सेवा की शुरुआत करने वाले उत्कृष्ट विद्यालय शाजापुर के जीव विज्ञान के शिक्षक ओम प्रकाश पाटीदार ने. भोपाल, इंदौर, जबलपुर तथा ग्वालियर जैसे महानगरों में कार्यरत शिक्षकों को पीछे छोड़ते हुए शिक्षा के क्षेत्र में देश का सबसे सर्वोच्च सम्मान प्राप्त कर उन्होंने सफलता की नई कहानी लिख दी है.

पुस्तक का कर चुके हैं लेखन: पाटीदार ने शिक्षक के रूप में कार्य करते हुए अपने सेवाकाल में निरंतर उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम दिया है. उन्होंने अपने शिक्षण कार्य के साथ-साथ विद्यार्थियों तथा आमजन में वैज्ञानिक दृष्टिकोण विकसित करने के उद्देश्य से विज्ञान एवं समाज कथानक के अंतर्गत 1000 से अधिक विषयों पर ब्लॉग लिखकर प्रकाशित किए.इसके अलावा वैज्ञानिक दृष्टिकोण नामक पुस्तक का लेखन किया है.

फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का उपयोग: शिक्षक पाटीदार अपने शिक्षण को प्रभावशाली बनाने के लिए सूचना संचार तकनीकी का भरपूर उपयोग कर रहे हैं. उनके द्वारा मुक्त शैक्षिक संसाधनों जैसे दीक्षा का उपयोग शिक्षण प्रशिक्षण के साथ-साथ कक्षा के विद्यार्थियों के लिए किया जा रहा है. वे अपने शिक्षण को रुचिकर बनाने के लिए फ्री एंड ओपन सोर्स सॉफ्टवेयर का उपयोग करते हैं. स्थानीय जैविविधता की पहचान तथा उनके संरक्षण के उदेश्य से बच्चों के साथ मिलकर शाजापुर, मोहन बड़ोदिया, कालापीपल तथा घट्टिया विकासखंड के लिए लोक जैव विविधता की पूरी रूप रेखा तैयार करवाई है.

Teachers’ Day : 1962 में मनाया गया था पहला शिक्षक दिवस, जानिए इतिहास

पाठ्य सहगामी क्रियाओं में की सहभागिता: बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए पाटीदार द्वारा अनेक गतिविधियों का संचालन किया जा रहा है. इन गतिविधियों में अनेक छात्र-छात्राएं राज्य एवं राष्ट्रीय स्तर पर सहभागिता कर चुके हैं. इनमें प्रमुख रूप से पश्चिम भारत विज्ञान मेला, जवाहर लाल नेहरू राष्ट्रीय विज्ञान एवं गणित प्रदर्शनी, राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस, राष्ट्रीय विज्ञान कांग्रेस, इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल, विद्यार्थी विज्ञान मंथन, विज्ञान मंथन यात्रा, इंस्पायर अवॉर्ड विज्ञान प्रदर्शनी, राज्य स्तरीय विज्ञान मेला, राष्ट्रीय विज्ञान सेमिनार एवं विज्ञान संगोष्ठी, विज्ञान लेखन एवं पत्रकारिता कार्यशाला, किशोरी बालिका पोषण जागरूकता कार्यक्रम, साइंस एवं बायोलॉजी ओलम्पियाड, विज्ञान एवं वैज्ञानिकों के जीवन पर आधारित एकांकी एवं नाटिका, बौद्धिक संपदा अधिकार कार्यशाला, विज्ञान अवधारणा निर्माण कार्यक्रम तथा विज्ञान एवं स्वास्थ्य जागरूकता प्रतियोगिता आदि प्रमुख है. पाटीदार द्वारा ऐसा क्यों होता है? वैज्ञानिक दृष्टिकोण, प्रयास एक पहल, वैज्ञानिक दृष्टिकोण 2.0 तथा लोक जैव विविधता पंजी नामक पुस्तक प्रकाशित करवाई जा चुकी है.

अब तक मिले इतने पुरस्कार: शिक्षक ओम प्रकाश पाटीदार को अपने शिक्षकीय सेवाकाल के दौरान किए गए उत्कृष्ट कार्यों के लिए अनेक पुरस्कार प्राप्त हो चुके हैं. इनमे प्रमुख रूप से राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार-2017, राज्यपाल पुरस्कार-2019, नवाचारी विज्ञान शिक्षक पुरस्कार-2017, माइक्रोसॉफ्ट इनोवेटिव एडुकेटर एक्सपर्ट 2021-22 तथा 2022-23, साइंस सेंटर भोपाल द्वारा सर्वश्रेष्ठ जिला समन्वयक सम्मान, साइंस सेंटर भोपाल द्वारा सर्वश्रेष्ठ मार्गदर्शक शिक्षक सम्मान, सेम ग्लोबल यूनिवर्सिटी भोपाल द्वारा विज्ञानश्री अलंकरण शामिल है.

इन्हें भी मिल चुका है राष्ट्रपति पुरस्कार: दिव्यांगों के लिए समेकित शिक्षा योजना के लिए डॉ. हेमंत दुबे को वर्ष 2005 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम ने पुरस्कृत किया था. इसके पूर्व लगातार 5 वर्ष तक उत्कृष्ट परीक्षा परिणाम देने के लिए दिव्यांग शिक्षक सिद्धनाथ वर्मा को वर्ष 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल द्वारा पुरस्कृत किया गया था. खास बात यह थी कि सिद्धनाथ वर्मा की दिव्यांगता को देखते हुए तत्कालीन राष्ट्रपति द्वारा प्रोटोकॉल तोड़ते हुए मंच से नीचे उतरकर शिक्षक वर्मा को सम्मानित किया गया था. शासकीय विद्यालय में आइटीसी सेक्टर में नवाचार के लिए शिक्षक मनोहरलाल राय 2015 में तत्कालीन राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पुरस्कृत किया था.(Dr. sarvapalli radhakrishnan) (Best teacher Awards 2022) (president droupadi murmu)

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