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MP Budget 2022: रोजगार की आस में प्रदेश का युवा, जानिए बजट से युवाओं की उम्मीदें - रोजगार की आस में प्रदेश का युवा

चुनावी बजट होने के नाते, बजट से क्या हैं मध्य प्रदेश के युवाओं की उम्मीदें, आप भी सुनिए. (MP Budget 2022)

shahdol youth expecting to get employment by mp budget 2022-23
रोजगार की आस में प्रदेश का युवा
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Published : Mar 9, 2022, 8:20 AM IST

Updated : Mar 9, 2022, 9:21 AM IST

शहडोल। आज मध्यप्रदेश का बजट पेश होने जा रहा है. बजट को लेकर आम जनता को काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि इसे चुनावी बजट माना जा रहा है. इस बीच शहडोल जिले के आदिवासी इलाके के युवाओं ने रोजगार की बात कही. युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. युवा पढ़ लिखकर तैयार है, लेकिन रोजगार नहीं मिल पा रहा. युवाओं ने कहा इस बार बजट में कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे रोजगार मिल सके, ज्यादा से ज्यादा वैकेंसी निकलनी चाहिए.

बजट से युवाओं की उम्मीदें

पढ़ाई के बाद डिग्री मिली रोजगार नहीं
युवाओं के लिए सबसे बड़ा संकट बेरोजगारी है.क्योंकि उन्होंने पढ़ाई कर डिग्री तो हासिल कर ली, लेकिन रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं का कहना है कि मोहल्ले की हर गली में पढ़े-लिखे युवा हैं. कोई एमबीए कर चुका है तो कोई ग्रेजुएट है. सबके सामने बेरोजगारी बड़ी समस्या है. ग्रामीण युवा कहते हैं छोटे-छोटे पोस्ट की भर्ती निकलती हैं उसमें एमबीए होल्डर जैसे लोग अप्लाई करते हैं. वजह है जितनी वैकेंसी निकलती है, बेरोजगारी उससे ज्यादा है.

उम्मीदों का बजट : छात्रों ने कहा - सरकार करे रोजगार का प्रावधान

बजट से उम्मीद, खुलेगा रोजगार का रास्ता
युवाओं की माने तो स्थानीय कंपनियों में लोकल को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही जा रही है. शहडोल आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां कोयला खदान है. खनिज संसाधन प्रचुर मात्रा में है. बड़ी-बड़ी कंपनियो की यहां के खनिजों की तरफ निगाहें लगी हुई है. कोई कोयला निकाल रहा है तो कोई मीथेन गैस. रिलायंस अल्ट्राटेक जैसी बड़ी बड़ी कंपनियां यहां काम कर रही हैं. लेकिन उन कंपनियों में लोकल युवाओं को कितना मौका मिल रहा यह युवाओं के बयान के आधार पर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं. युवाओं को इस बजट में रोजगार का रास्ता खुलने की उम्मीद है.

स्थानीय लोगों को मिले प्राथमिकता
युवाओं का कहना है कि लोकल कंपनियों में लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. जिससे बेरोजगारी दूर हो सके. कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि, इन कंपनियों के खुलने से सारे कष्ट लोकल लोग सहें, और जब रोजगार की बात आती है तो लोकल लोगों के नाम पर इन कंपनियों में कुछ भी नहीं रहता. इस बार के बजट में युवाओं का कहना है कि लोकल कंपनियों में लोकल लोगों को ज्यादा से ज्यादा नौकरी मिलने का प्रावधान होना चाहिए. कुछ युवाओं का कहना है सरकार स्वरोजगार और लोन देने की बात कहती है, प्रदेश में कई योजनाए चल रही है. स्वरोजगार से जुड़ने के लिए कागजी काम तो कर लिए जाते हैं, लेकिन बैंक से आसानी से लोन नहीं मिल.

शहडोल। आज मध्यप्रदेश का बजट पेश होने जा रहा है. बजट को लेकर आम जनता को काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि इसे चुनावी बजट माना जा रहा है. इस बीच शहडोल जिले के आदिवासी इलाके के युवाओं ने रोजगार की बात कही. युवाओं के लिए सबसे बड़ी समस्या बेरोजगारी है. युवा पढ़ लिखकर तैयार है, लेकिन रोजगार नहीं मिल पा रहा. युवाओं ने कहा इस बार बजट में कुछ ऐसा होना चाहिए जिससे रोजगार मिल सके, ज्यादा से ज्यादा वैकेंसी निकलनी चाहिए.

बजट से युवाओं की उम्मीदें

पढ़ाई के बाद डिग्री मिली रोजगार नहीं
युवाओं के लिए सबसे बड़ा संकट बेरोजगारी है.क्योंकि उन्होंने पढ़ाई कर डिग्री तो हासिल कर ली, लेकिन रोजगार नहीं मिल पा रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के युवाओं का कहना है कि मोहल्ले की हर गली में पढ़े-लिखे युवा हैं. कोई एमबीए कर चुका है तो कोई ग्रेजुएट है. सबके सामने बेरोजगारी बड़ी समस्या है. ग्रामीण युवा कहते हैं छोटे-छोटे पोस्ट की भर्ती निकलती हैं उसमें एमबीए होल्डर जैसे लोग अप्लाई करते हैं. वजह है जितनी वैकेंसी निकलती है, बेरोजगारी उससे ज्यादा है.

उम्मीदों का बजट : छात्रों ने कहा - सरकार करे रोजगार का प्रावधान

बजट से उम्मीद, खुलेगा रोजगार का रास्ता
युवाओं की माने तो स्थानीय कंपनियों में लोकल को प्राथमिकता दिए जाने की बात कही जा रही है. शहडोल आदिवासी बाहुल्य जिला है. यहां कोयला खदान है. खनिज संसाधन प्रचुर मात्रा में है. बड़ी-बड़ी कंपनियो की यहां के खनिजों की तरफ निगाहें लगी हुई है. कोई कोयला निकाल रहा है तो कोई मीथेन गैस. रिलायंस अल्ट्राटेक जैसी बड़ी बड़ी कंपनियां यहां काम कर रही हैं. लेकिन उन कंपनियों में लोकल युवाओं को कितना मौका मिल रहा यह युवाओं के बयान के आधार पर आप खुद अंदाजा लगा सकते हैं. युवाओं को इस बजट में रोजगार का रास्ता खुलने की उम्मीद है.

स्थानीय लोगों को मिले प्राथमिकता
युवाओं का कहना है कि लोकल कंपनियों में लोगों को प्राथमिकता मिलनी चाहिए. जिससे बेरोजगारी दूर हो सके. कुछ लोगों ने तो यह भी कहा कि, इन कंपनियों के खुलने से सारे कष्ट लोकल लोग सहें, और जब रोजगार की बात आती है तो लोकल लोगों के नाम पर इन कंपनियों में कुछ भी नहीं रहता. इस बार के बजट में युवाओं का कहना है कि लोकल कंपनियों में लोकल लोगों को ज्यादा से ज्यादा नौकरी मिलने का प्रावधान होना चाहिए. कुछ युवाओं का कहना है सरकार स्वरोजगार और लोन देने की बात कहती है, प्रदेश में कई योजनाए चल रही है. स्वरोजगार से जुड़ने के लिए कागजी काम तो कर लिए जाते हैं, लेकिन बैंक से आसानी से लोन नहीं मिल.

Last Updated : Mar 9, 2022, 9:21 AM IST
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