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लोकसभा चुनाव: रोजगार और शिक्षा पर होगा जिसका ध्यान, उसी को चुनेगा शहडोल का नौजवान

शहडोल के चुनावी समर में इस बार गजब का उत्साह देखने को मिल रहा है. युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था शहडोल के सबसे बड़े मुद्दे हैं जिन्हें ध्यान में रखकर ही इस बार वोट किया जाएगा.

शहडोल के युवा
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Published : Apr 1, 2019, 10:07 PM IST

Updated : Apr 2, 2019, 9:01 AM IST

शहडोल। शहडोल संसदीय सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा होते ही सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. चुनावी समर की सुगबुगाहट से युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था शहडोल के सबसे बड़े मुद्दे हैं जिन्हें ध्यान में रखकर ही इस बार वोट किया जाएगा.

एक युवा मतदाता अतुल तिवारी से बात करने पर उन्होंने कहा कि शहडोल के युवा पढ़-लिखकर डिग्रियां तो हासिल कर ही रहे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. ऐसे में हम ऐसा सांसद और ऐसी सरकार चाहते हैं जो बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने पर ध्यान दे.

वहीं एक अन्य युवा अर्पित द्विवेदी कहते हैं कि शहडोल में बेरोजगारी के साथ ही शिक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है. उनका कहना है कि यहां कॉलेज तो खोल दिए गए हैं, लेकिन उनमें स्टूडेंट्स के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं, जिससे यहां के युवा दूसरे शहरों का रुख कर लेते हैं.

लोकसभा चुनाव पर शहडोल के युवाओं की राय.

शहडोल के युवा मतदाताओं की सोच बताती है कि देश भर में हंगामा मचाने वाले राफेल, चौकीदार, मंदिर-मस्जिद जैसे हवाई मुद्दों के बरक्श रोजगार और शिक्षा व्यवस्था ही उनके लिए बड़ा मुद्दा है. ऐसे में ये कहना बिल्कुल गलत होगा कि आज का युवा राजनीतिक रुझान नहीं रखता. युवाओं की इस सोच का असर शहडोल के चुनावी नतीजों में भी देखने को मिलेगा.

शहडोल। शहडोल संसदीय सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा होते ही सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. चुनावी समर की सुगबुगाहट से युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था शहडोल के सबसे बड़े मुद्दे हैं जिन्हें ध्यान में रखकर ही इस बार वोट किया जाएगा.

एक युवा मतदाता अतुल तिवारी से बात करने पर उन्होंने कहा कि शहडोल के युवा पढ़-लिखकर डिग्रियां तो हासिल कर ही रहे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. ऐसे में हम ऐसा सांसद और ऐसी सरकार चाहते हैं जो बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने पर ध्यान दे.

वहीं एक अन्य युवा अर्पित द्विवेदी कहते हैं कि शहडोल में बेरोजगारी के साथ ही शिक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है. उनका कहना है कि यहां कॉलेज तो खोल दिए गए हैं, लेकिन उनमें स्टूडेंट्स के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं, जिससे यहां के युवा दूसरे शहरों का रुख कर लेते हैं.

लोकसभा चुनाव पर शहडोल के युवाओं की राय.

शहडोल के युवा मतदाताओं की सोच बताती है कि देश भर में हंगामा मचाने वाले राफेल, चौकीदार, मंदिर-मस्जिद जैसे हवाई मुद्दों के बरक्श रोजगार और शिक्षा व्यवस्था ही उनके लिए बड़ा मुद्दा है. ऐसे में ये कहना बिल्कुल गलत होगा कि आज का युवा राजनीतिक रुझान नहीं रखता. युवाओं की इस सोच का असर शहडोल के चुनावी नतीजों में भी देखने को मिलेगा.

Intro:नोट- युवाओं की बाईट है , जिसमें एक अतुल तिवारी की बाईट है हाफ टी शर्ट, टी शर्ट के सेन्टर में एक वर्ड लिखा है।

एक बाईट चश्मा वालें कि है जिसका नाम अर्पित द्विवेदी है।

एक कॉलेज ड्रेस में है जिसका नाम प्रथम निगम है।

एक बाईट सत्येंद्र वर्मा की है जिसके पीछे चश्मा में एक लड़का खड़ा है।


लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं ने कहा, बेरोजगारी और शिक्षा सबसे बड़ा मुद्दा

शहडोल- लोकसभा चुनाव की तारीख अब नज़दीक आ रही है शहडोल लोकसभा सीट में 29 अप्रैल को चुनाव होने हैं उससे पहले यहां की राजनीतिक सर्गिमियाँ तेज़ हो चुकी हैं, कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी ने अपने अपने प्रत्याशियों के नाम का एलान कब का कर दिया है, कांग्रेस और बीजेपी दोनों ही पार्टी ने महिला प्रत्याशियों को मैदान पर उतारा है। मौज़ूदा चुनाव को लेकर शहडोल आदिवासी अंचल के युवाओं में भी गजब का उत्साह है, इस चुनाव को लेकर युवाओं का बस एक ही कहना है इस बार बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था बड़ा मुद्दा है और इसी को ध्यान में रखकर वोट करेंगे।


Body:चुनाव से पहले बोले युवा

लोकसभा चुनाव से पहले युवाओं में खासा उत्साह है शहडोल आदिवासी अंचल के युवा इस बार के चुनाव को लेकर उत्सुक तो हैं ही साथ ही अधिकतर युवाओं का बस एक ही कहना है, की इस बार के चुनाव में वो वोटिंग बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखकर करेंगे।

युवा वोटर अतुल कुमार तिवारी कहते हैं कि हमें ऐसी सरकार चाहिए, जो हमारे देश और शहडोल का स्थानीय मुद्दा है वो है रोजगार, युवा पढ़कर निकल तो रहे हैं लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है, रोजगार हमारा सबसे बड़ा मुद्दा है और इसी को ध्यान रखकर ही हम वोटिंग करेंगे।

एक और युवा अर्पित द्विवेदी कहते हैं कि बेरोजगारी तो सबसे बड़ा मुद्दा है ही इसके अलावा यहां की शिक्षा व्यवस्था भी बड़ा मुद्दा है, शहडोल में कॉलेज तो जगह जगह खोल दिये गए, लेकिन शिक्षा व्यवस्था सही नहीं है जो सरकार इन बातों का ध्यान रखेगी, हम वोट उन्हें ही करेंगे।

इसके अलावा भी इस आदिवासी अंचल के कई युवाओं ने खुलकर कहा कि उनके लिए शिक्षा व्यवस्था और रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। और जो भी उनके इन मुद्दों को ध्यान में रखेगी वो वोट उन्हीं को करेंगे।



Conclusion:शहडोल लोकसभा में वोटर

इस बार शहडोल लोकसभा सीट में टोटल 16,46,230 मतदाता हैं, जिसमें 8,43,476 पुरुष मतदाता हैं, तो वहीं 8,02,732 महिला मतदाता हैं तो वहीं 22 अन्य मतदाता हैं।

शहडोल लोकसभा सीट में अभी बीजेपी का कब्जा है, बीजेपी के ज्ञान सिंह अभी शहडोल लोकसभा सीट से सांसद हैं।

गौरतलब है कि इस बार शहडोल लोकसभा सीट में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कड़ी टक्कर है, जिसे लेकर दोनों ही पार्टी सजग हैं और जमकर प्रचार प्रसार जारी है, ऐसे में इस बार शहडोल लोकसभा सीट में युवा अहम भूमिका निभाने वाले हैं।
Last Updated : Apr 2, 2019, 9:01 AM IST
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