शहडोल। शहडोल संसदीय सीट पर प्रत्याशियों की घोषणा होते ही सियासी सरगर्मियां तेज हो चुकी हैं. चुनावी समर की सुगबुगाहट से युवाओं में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है. युवाओं का कहना है कि बेरोजगारी और शिक्षा व्यवस्था शहडोल के सबसे बड़े मुद्दे हैं जिन्हें ध्यान में रखकर ही इस बार वोट किया जाएगा.
एक युवा मतदाता अतुल तिवारी से बात करने पर उन्होंने कहा कि शहडोल के युवा पढ़-लिखकर डिग्रियां तो हासिल कर ही रहे हैं, लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. ऐसे में हम ऐसा सांसद और ऐसी सरकार चाहते हैं जो बेरोजगारी की समस्या को खत्म करने पर ध्यान दे.
वहीं एक अन्य युवा अर्पित द्विवेदी कहते हैं कि शहडोल में बेरोजगारी के साथ ही शिक्षा भी एक बड़ा मुद्दा है. उनका कहना है कि यहां कॉलेज तो खोल दिए गए हैं, लेकिन उनमें स्टूडेंट्स के लिए पर्याप्त सुविधाएं नहीं हैं, जिससे यहां के युवा दूसरे शहरों का रुख कर लेते हैं.
शहडोल के युवा मतदाताओं की सोच बताती है कि देश भर में हंगामा मचाने वाले राफेल, चौकीदार, मंदिर-मस्जिद जैसे हवाई मुद्दों के बरक्श रोजगार और शिक्षा व्यवस्था ही उनके लिए बड़ा मुद्दा है. ऐसे में ये कहना बिल्कुल गलत होगा कि आज का युवा राजनीतिक रुझान नहीं रखता. युवाओं की इस सोच का असर शहडोल के चुनावी नतीजों में भी देखने को मिलेगा.