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बजट 2020: व्यापार, शिक्षा और कृषि के क्षेत्र में क्या हैं लोगों की उम्मीदें ?

बजट 2020 को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है, लोगों के मन में बस एक ही बात है, कि इस बार के बजट में क्या होगा खास, आइए जानते हैं, व्यापार, शिक्षा और कृषि से जुड़े एक्सपर्ट क्या मानते हैं.

What is expected in business education and agriculture from budget 2020
उम्मीदों का बजट 2020
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Published : Jan 30, 2020, 9:04 PM IST

शहडोल। अर्थ व्यवस्था उठ रहे सवाल और गिरती जीडीपी के बीच आ रहे बजट- 2020 से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. लोगों के मन में बस एक ही बात है कि इस बार के बजट में क्या खास होगा. क्या इस बार के बजट में मौजूदा समय में चल रही सुस्ती कम हो पाएगी.

व्यापारी वर्ग को बजट से बड़ी उम्मीद
शहड़ोल के व्यापार के क्षेत्र में बड़ा नाम रखने वाले ऑटोमोबाइल व्यापारी मनोज गुप्ता कहते हैं कि, इस बार के बजट से बहुत उम्मीदें हैं. क्योंकि व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में व्यापारी वर्ग के क्षेत्र को सरकार की ओर से कुछ ऐसी रियायत मिलनी चाहिए, जिससे व्यापार आगे बढ़ सके. मनोज गुप्ता कहते हैं टैक्सेसन में भी छूट मिलनी चाहिए और टैक्सेशन में जो कर लिया जाता है, उसमें भी छूट मिले, जिससे लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सके, नए- नए उद्योग धंधों के स्थापना के लिए कुछ प्रावधान होने चाहिए. जिससे लोगों का झुकाव भी व्यापार और उद्योग धंधों के ओर हो, जिससे वो खुद का रोजगार स्थपित कर सकें और दूसरों को भी रोजगार दें आत्मनिर्भर बनें.

उम्मीदों का बजट 2020


शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी है आस
शहर के एक नामी स्कूल के संचालक संजय मिश्रा कहते हैं कि इस बार के बजट से वो शिक्षा के क्षेत्र को लेकर काफी आशान्वित हैं. उन्हें उम्मीद है कि, इस बार का बजट निश्चित ही कुछ नया पैगाम देने वाला होगा, उस बजट में निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने में सुधार की गुंजाइश के हिसाब से आएगा. क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में आज भी देश में काफी सुधार की जरूरत है.

संजय मिश्रा बताते हैं कि, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल तो हैं लेकिन उनमें बहुत कमियां हैं. स्कूल तो खोले जा रहे हैं, लेकिन बुनियादी समस्याएं जस की तस हैं. शिक्षकों की कमी बराबर बनी हुई है, जिससे अच्छी शिक्षा देने में दिक्कत होती है. स्कूल भवन जर्जर हालातों में हैं, ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की जरूरत है और इस बार के बजट में उम्मीद है कि, कुछ ऐसे प्रावधान किए जाएंगे जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देश में आए.

बजट को लेकर बोले किसान नेता
बजट को लेकर किसान नेता भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कहते हैं, कि इस बार के बजट में किसानों को बहुत उम्मीद है, कृषि उत्पादन में तो किसान आत्मनिर्भर बन गया है, लेकिन जो गल्ले का उत्पादन होता है, उसे रखने की जगह सरकार के पास नहीं है और हर साल किसान की मेहनत पानी में खराब हो रही है.

भानुप्रताप सिंह कहते हैं, देश का जो कृषि उत्पादन होता है उसमें विभिन्न कारणों से कटाई गहाई के बाद लगभग आठ प्रतिशत अनाज किसी न किसी कारणों से खराब हो जाता है. ऐसे में फसल को बचाने के लिए गोदाम की बहुत जरूरत हैं, इसके अलावा इस बार कुछ ऐसा बजट रहे कि सरकार बीज उत्पादन के प्रति बराबर लाभांश दे, जिससे वो बीज उत्पादन में आगे आएं. इसके अलावा जो सरकारी योजनाएं आती हैं वो आसानी से लोगों तक पहुंचना चाहिए और उसका फायदा किसानों को सीधा मिलना चाहिए.

शहडोल। अर्थ व्यवस्था उठ रहे सवाल और गिरती जीडीपी के बीच आ रहे बजट- 2020 से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. लोगों के मन में बस एक ही बात है कि इस बार के बजट में क्या खास होगा. क्या इस बार के बजट में मौजूदा समय में चल रही सुस्ती कम हो पाएगी.

व्यापारी वर्ग को बजट से बड़ी उम्मीद
शहड़ोल के व्यापार के क्षेत्र में बड़ा नाम रखने वाले ऑटोमोबाइल व्यापारी मनोज गुप्ता कहते हैं कि, इस बार के बजट से बहुत उम्मीदें हैं. क्योंकि व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में व्यापारी वर्ग के क्षेत्र को सरकार की ओर से कुछ ऐसी रियायत मिलनी चाहिए, जिससे व्यापार आगे बढ़ सके. मनोज गुप्ता कहते हैं टैक्सेसन में भी छूट मिलनी चाहिए और टैक्सेशन में जो कर लिया जाता है, उसमें भी छूट मिले, जिससे लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सके, नए- नए उद्योग धंधों के स्थापना के लिए कुछ प्रावधान होने चाहिए. जिससे लोगों का झुकाव भी व्यापार और उद्योग धंधों के ओर हो, जिससे वो खुद का रोजगार स्थपित कर सकें और दूसरों को भी रोजगार दें आत्मनिर्भर बनें.

उम्मीदों का बजट 2020


शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी है आस
शहर के एक नामी स्कूल के संचालक संजय मिश्रा कहते हैं कि इस बार के बजट से वो शिक्षा के क्षेत्र को लेकर काफी आशान्वित हैं. उन्हें उम्मीद है कि, इस बार का बजट निश्चित ही कुछ नया पैगाम देने वाला होगा, उस बजट में निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने में सुधार की गुंजाइश के हिसाब से आएगा. क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में आज भी देश में काफी सुधार की जरूरत है.

संजय मिश्रा बताते हैं कि, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल तो हैं लेकिन उनमें बहुत कमियां हैं. स्कूल तो खोले जा रहे हैं, लेकिन बुनियादी समस्याएं जस की तस हैं. शिक्षकों की कमी बराबर बनी हुई है, जिससे अच्छी शिक्षा देने में दिक्कत होती है. स्कूल भवन जर्जर हालातों में हैं, ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की जरूरत है और इस बार के बजट में उम्मीद है कि, कुछ ऐसे प्रावधान किए जाएंगे जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देश में आए.

बजट को लेकर बोले किसान नेता
बजट को लेकर किसान नेता भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कहते हैं, कि इस बार के बजट में किसानों को बहुत उम्मीद है, कृषि उत्पादन में तो किसान आत्मनिर्भर बन गया है, लेकिन जो गल्ले का उत्पादन होता है, उसे रखने की जगह सरकार के पास नहीं है और हर साल किसान की मेहनत पानी में खराब हो रही है.

भानुप्रताप सिंह कहते हैं, देश का जो कृषि उत्पादन होता है उसमें विभिन्न कारणों से कटाई गहाई के बाद लगभग आठ प्रतिशत अनाज किसी न किसी कारणों से खराब हो जाता है. ऐसे में फसल को बचाने के लिए गोदाम की बहुत जरूरत हैं, इसके अलावा इस बार कुछ ऐसा बजट रहे कि सरकार बीज उत्पादन के प्रति बराबर लाभांश दे, जिससे वो बीज उत्पादन में आगे आएं. इसके अलावा जो सरकारी योजनाएं आती हैं वो आसानी से लोगों तक पहुंचना चाहिए और उसका फायदा किसानों को सीधा मिलना चाहिए.

Intro:नोट- पहला वर्जन ऑटोमोबाइल व्यापारी मनोज गुप्ता का है,
दूसरा वर्जन स्कूल के डायरेक्टर संजय मिश्रा का है
तीसरा वर्जन भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष भानुप्रताप सिंह का है।

बजट 2020- जानिए बजट को लेकर व्यापार, शिक्षा, किसान और कृषि को लेकर अपने क्षेत्र के एक्सपर्ट की क्या है उम्मीद

शहडोल- बजट 2020 को लेकर लोगों में काफी उत्सुकता है, लोगों के मन में बस एक ही बात है कि इस बार के बजट में क्या होगा खास। क्या इस बार के बजट में मौज़ूदा समय में चल रही सुस्ती कम हो पाएगी। अलग अलग वर्ग के लोगों की राय जानने के लिए हमने बात की उस क्षेत्र के अलग अलग एक्सपर्ट से।


Body:व्यापारी वर्ग को बजट से बड़ी उम्मीद

व्यापार के क्षेत्र में बड़ा नाम ऑटोमोबाइल व्यापारी मनोज गुप्ता कहते हैं कि इस बार के बजट से बहुत उम्मीदें हैं, क्योंकि व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में व्यापारी वर्ग के क्षेत्र को सरकार की ओर से कुछ ऐसी रियायत मिलनी चाहिए, जिससे व्यापार आगे बढ़ सके, लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सके, नए नए उद्योग धंधों के स्थापना के लिए कुछ प्रावधान होने चाहिए, जिससे लोग अधिक से अधिक संख्या में व्यापार की ओर अग्रसर हो सकें, उनका झुकाव भी व्यापार और उद्योग धंधों की ओर हो, जिससे वो खुद का रोजगार स्थपित कर सकें। और दूसरों को भी रोजगार दें आत्मनिर्भर बनें।
साथ ही साथ टैक्सेसन में भी छूट मिलनी चाहिए, और टैक्सेशन में जो कर लिया जाता है उसमें भी छूट मिले। और इस तरह का प्रावधान हो कि लोग सम्मान के साथ आत्मनिर्भर होते हुए दूसरों को भी आत्मनिर्भर बना सकें।

शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी है आस

जिले के एक नामी और बड़े स्कूल के संचालक संजय मिश्रा जो पिछले कई साल से शिक्षा के क्षेत्र में अलग अलग काम कर रहे हैं और आज भी बच्चों को पढ़ाने में भरोसा रखते हैं कहते हैं इस बार के बजट से वो शिक्षा के क्षेत्र को लेकर काफी आशान्वित हैं।
उन्हें उम्मीद है कि इस बार का बजट निश्चित ही कुछ नया पैगाम देने वाला होगा, उस बजट में निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने में सुधार करने की गुंजाइश के हिसाब से आएगा। क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में आज भी देश में काफी सुधार की गुंजाइश है।
ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल तो हैं लेकिन बहुत कमियां हैं, स्कूल तो खोले जा रहे लेकिन बुनियादी समस्याएं जस की तस हैं।
शिक्षकों की कमी बराबर बनी हुई है, जिससे अच्छी शिक्षा देने में दिक़्क़त होती है।

बुनियादी समस्या बड़ी है टॉयलेट तो बना दिये लेकिन पानी की व्यबस्था नहीं बैठने की व्यवस्थित जगह नहीं इतना ही नहीं जो भवन भी है कई जर्जर हालातों में हैं ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की जरूरत है और इस बार के बजट में उम्मीद है कि कुछ ऐसे प्रावधान किए जाएंगे जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देश में आएगा।



Conclusion:बजट को लेकर बोले किसान नेता

केन्द्रीय बजट को लेकर किसान नेता भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कहते हैं इस बार के बजट में किसानों को बहुत उम्मीद है, कृषि उत्पादन में तो किसान आत्मनिर्भर बन गया है लेकिन जो गल्ले का उत्पादन होता है उसे रखने की जगह सरकार के पास नहीं है, और हर साल किसान की मेहनत पानी में खराब हो रहा अभी धान उपार्जन में देखने को मिला किस तरह से धान की फसल बर्बाद हुई, 2 महीने बाद गेहूं की फसल भी आ जाएगी ऐसे में समझ नहीं आ रहा सरकार रखेगी कहां।
किसान नेता भानुप्रताप सिंह कहते हैं देश का जो कृषि उत्पादन होता है उसमें विभिन्न कारणों से कटाई गहाई के बाद लगभग आठ प्रतिशत ये वैज्ञानिक सर्वेक्षण है आठ प्रतिशत अनाज किसी न किसी कारणों से खराब चला जाता है, नुकसान हो जाता है। ऐसे में फसल को बचाने के लिए गोदाम की बहुत जरूरत है इसके अलावा इस बार कुछ ऐसा बजट रहे कि सरकार बीज उत्पादन के प्रति बराबर लाभांश दे, जिससे वो बीज उत्पादन में आगे आएं, बीज से ही तो खेती होती है, इसके अलावा जो सरकारी योजनाएं आती हैं वो आसानी से लोगों तक पहुंचना चाहिए और उसका फायदा किसानों को मिलनी चाहिए क्योंकि ये जरूरी नहीं कि हर किसान इतना जागरूक और पढा लिखा हो।
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