शहडोल। अर्थ व्यवस्था उठ रहे सवाल और गिरती जीडीपी के बीच आ रहे बजट- 2020 से लोगों को काफी उम्मीदें हैं. लोगों के मन में बस एक ही बात है कि इस बार के बजट में क्या खास होगा. क्या इस बार के बजट में मौजूदा समय में चल रही सुस्ती कम हो पाएगी.
व्यापारी वर्ग को बजट से बड़ी उम्मीद
शहड़ोल के व्यापार के क्षेत्र में बड़ा नाम रखने वाले ऑटोमोबाइल व्यापारी मनोज गुप्ता कहते हैं कि, इस बार के बजट से बहुत उम्मीदें हैं. क्योंकि व्यापार मंदी के दौर से गुजर रहा है, ऐसे में व्यापारी वर्ग के क्षेत्र को सरकार की ओर से कुछ ऐसी रियायत मिलनी चाहिए, जिससे व्यापार आगे बढ़ सके. मनोज गुप्ता कहते हैं टैक्सेसन में भी छूट मिलनी चाहिए और टैक्सेशन में जो कर लिया जाता है, उसमें भी छूट मिले, जिससे लोगों को रोजगार के नए अवसर मिल सके, नए- नए उद्योग धंधों के स्थापना के लिए कुछ प्रावधान होने चाहिए. जिससे लोगों का झुकाव भी व्यापार और उद्योग धंधों के ओर हो, जिससे वो खुद का रोजगार स्थपित कर सकें और दूसरों को भी रोजगार दें आत्मनिर्भर बनें.
शिक्षा के क्षेत्र में बड़ी है आस
शहर के एक नामी स्कूल के संचालक संजय मिश्रा कहते हैं कि इस बार के बजट से वो शिक्षा के क्षेत्र को लेकर काफी आशान्वित हैं. उन्हें उम्मीद है कि, इस बार का बजट निश्चित ही कुछ नया पैगाम देने वाला होगा, उस बजट में निश्चित रूप से शिक्षा के क्षेत्र में बड़े पैमाने में सुधार की गुंजाइश के हिसाब से आएगा. क्योंकि शिक्षा के क्षेत्र में आज भी देश में काफी सुधार की जरूरत है.
संजय मिश्रा बताते हैं कि, ग्रामीण क्षेत्रों में स्कूल तो हैं लेकिन उनमें बहुत कमियां हैं. स्कूल तो खोले जा रहे हैं, लेकिन बुनियादी समस्याएं जस की तस हैं. शिक्षकों की कमी बराबर बनी हुई है, जिससे अच्छी शिक्षा देने में दिक्कत होती है. स्कूल भवन जर्जर हालातों में हैं, ऐसे में शिक्षा के क्षेत्र में बड़े बदलाव की जरूरत है और इस बार के बजट में उम्मीद है कि, कुछ ऐसे प्रावधान किए जाएंगे जिससे शिक्षा के क्षेत्र में भी बड़ा बदलाव देश में आए.
बजट को लेकर बोले किसान नेता
बजट को लेकर किसान नेता भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष भानु प्रताप सिंह कहते हैं, कि इस बार के बजट में किसानों को बहुत उम्मीद है, कृषि उत्पादन में तो किसान आत्मनिर्भर बन गया है, लेकिन जो गल्ले का उत्पादन होता है, उसे रखने की जगह सरकार के पास नहीं है और हर साल किसान की मेहनत पानी में खराब हो रही है.
भानुप्रताप सिंह कहते हैं, देश का जो कृषि उत्पादन होता है उसमें विभिन्न कारणों से कटाई गहाई के बाद लगभग आठ प्रतिशत अनाज किसी न किसी कारणों से खराब हो जाता है. ऐसे में फसल को बचाने के लिए गोदाम की बहुत जरूरत हैं, इसके अलावा इस बार कुछ ऐसा बजट रहे कि सरकार बीज उत्पादन के प्रति बराबर लाभांश दे, जिससे वो बीज उत्पादन में आगे आएं. इसके अलावा जो सरकारी योजनाएं आती हैं वो आसानी से लोगों तक पहुंचना चाहिए और उसका फायदा किसानों को सीधा मिलना चाहिए.