शहडोल। महंगाई की मार से इन दिनों आम नागरिक का हाल बेहाल है. आलम यह है कि जिस तरह से टमाटर (today tomato price) और दूसरी सब्जियों (vegetable price today) के दाम बढ़े हैं, उसने आम व्यक्ति की कमर तोड़ कर रख दी है. इन दिनों शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है, ऐसे में सब्जियों के इस कदर दाम बढ़ने से लोगों के बजट पर अलग से आर्थिक मार पड़ रही है. खाने-पीने की चीजों का व्यापार करके अपना घर चलाने वाले लोगों का भी यही कहना है इतनी महंगाई में जायका कैसे तैयार हो लाजवाब.
60 रुपये प्रति किलो बिक रहा टमाटर
सब्जियों के दाम जिस कदर अचानक से बढ़े हैं उसकी वजह से आम लोगों का हाल बेहाल है, खासकर टमाटर तो बहुत ज्यादा ही लाल है. इसके रेट सुनकर ही आप हैरान रह जाएंगे. शहडोल में टमाटर (म) गुरुवार को 60 रुपये प्रति किलो की दर से बिका.
सब्जियों के दाम
शहडोल सब्जी मंडी (shahdol sabzi mandi) में टमाटर के अलावा फूल गोभी 40 से 50 रुपये प्रति किलो, अदरक 50 रुपये प्रति किलो, मिर्ची 60 रुपये प्रति किलो, शिमला मिर्च 80 रुपये प्रति किलो, बरबटी 40 रुपये प्रति किलो, गाजर 50 रुपये प्रति किलो और पत्ता गोभी 40 रुपये प्रति किलो की दर से बिकी.
शहर | सब्जी | दाम |
जबलपुर | टमाटर | 50-55 |
मटर | 80 | |
ग्वालियर | टमाटर | 50 |
मटर | 100 | |
भोपाल | टमाटर | 60-70 |
मटर | 70-80 | |
छिन्दवाड़ा | टमाटर | 60 |
मटर | 120 |
नोटः सभी सब्जियों के दाम रुपये प्रति किलो में हैं
शादी के सीजन में कैसे हो गुजारा
शादी-ब्याह का सीजन चल रहा है. इन दिनों सब्जियों की खूब खरीदारी होती है. ऐसे में सब्जियों के महंगे होने के चलते लोगों का बजट बिगड़ जा रहा है. सब्जियों अकेले टमाटर ही 60 रुपये प्रति किलो आ रहा है. वहीं अन्य के भाव भी कुछ कम नहीं है. सब्जियों के दामों को देखते हुए लोग खासा परेशान नजर आ रहे हैं.
जायका कैसे हो लाजवाब ?
सब्जियों के जायके में टमाटर-प्याज मुख्य भूमिका निभाते हैं. खानपान के हर आइटम में टमाटर का डालना तय है. अब टमाटर के दाम बढ़ने से हर कोई परेशान हैं. चाट-फुल्की का ठेला लगाकर अपने घर का गुजारा करने वाले राजा गुप्ता कहते हैं कि चाट-फुल्की में टमाटर डालने से स्वाद बढ़ जाता है. अब टमाटर महंगा हो गया है, लेकिन उनकी चाट का रेट वही है. ऐसे में घर का गुजारा करना भी मुश्किल हो गया है.
सब्जी व्यापारी खुद परेशान
टमाटर के दाम बढ़ने से सब्जी व्यापारी भी परेशान हैं. उनका कहना है कि पहले जहां ग्राहक 2-3 किलो टमाटर खरीदता था, आज वह आधा किलो या एक पाव से ही काम चला रहा है. इससे उन्हें सब्जियों में अच्छा मार्जिन नहीं मिल पा रहा है.