शहडोल। जिला चिकित्सालय शहडोल इन दिनों सुर्खियों में है. पहले सिलसिलेवार तरीके से बच्चों की मौत के मामले को लेकर, अब नए सिविल सर्जन और डॉक्टर्स के बीच चल रहा विवाद तूल पकड़ रहा है. जिला चिकित्सालय के डॉक्टर्स के एक ग्रुप ने साफ कर दिया है कि वह एक दंत चिकित्सक को सिविल सर्जन बनाने के पक्ष में नहीं हैं. इसलिए सिविल सर्जन डॉक्टर जीएस परिहार को सिविल सर्जन के पद से हटाने पर अड़ गए हैं. बीते शुक्रवार को डॉक्टर्स ने अल्टीमेटम देते हुए सीएमएचओ को एक ज्ञापन सौंपा था, जिसमें साफ कहा था कि 24 घंटे में सिविल सर्जन को हटाओ या फिर डॉक्टर्स के इस्तीफे के लिए तैयार रहें. आज 24 घंटे का अल्टीमेटम खत्म हो गया है.
- जानिए क्या है पूरा मामला ?
नए सिविल सर्जन के लिए जिला चिकित्सालय के ही दंत चिकित्सक डॉक्टर जीएस परिहार को प्रभार सौंपा गया. जिसे लेकर डॉक्टर्स की एक लॉबी विरोध कर रही है. उनका साफ कहना है कि जब जिला चिकित्सालय में उनसे सीनियर एमबीबीएस डॉक्टर मौजूद हैं तो फिर डेंटल स्पेशलिस्ट को पद देना उचित नहीं. दंत चिकित्सक के अंडर में ये लोग काम करने को तैयार नहीं हैं. डॉक्टर्स का एक ग्रुप अब सिविल सर्जन को हटाने पर अड़ गया है. बीते शुक्रवार को डॉक्टर्स का ये ग्रुप सीएमएचओ ऑफिस पहुंचा और ज्ञापन के साथ अल्टीमेटम भी देकर आया. 24 घंटे में दंत चिकित्सक डॉक्टर जीएस परिहार को सिविल सर्जन के प्रभार से हटाने की मांग है. आज ये मोहलत खत्म हो गई है. अब कशमकश है कि क्या डॉक्टर इस्तीफा देंगे? क्योंकि सिविल सर्जन को प्रभार से अब तक नहीं हटाया गया.
- अल्टीमेटम खत्म, आगे की राह क्या?
डॉक्टर्स के 24 घंटे के अल्टीमेटम, इस्तीफा देने के सवाल पर चिकित्सकों का कहना है कि आज सीएमएचओ ने बुलाया था. उन्होंने जनहित का वास्ता देकर 3 दिन का और समय मांगा है. इमरजेंसी बाधित नहीं करने के लिए भी कहा है. ऐसे में दो-तीन दिन में कोई न कोई हल निकल आएगा. अब डॉक्टर्स 3 दिन और इंतजार करने की बात कह रहे हैं, अन्यथा सामूहिक इस्तीफा देंगे.
- डॉक्टर्स वर्सेस सिविल सर्जन
शहडोल जिला चिकित्सालय अब डॉक्टर्स वर्सेस सिविल सर्जन के बीच चल रहे कशमकश को लेकर सुर्खियों में हैं. डॉक्टर्स की एक लॉबी सिविल सर्जन डॉक्टर जी एस परिहार का लगातार विरोध कर रही है और फिलहाल स्वास्थ्य विभाग अपने फैसले पर अड़ा है. ऐसे में अगर जल्द मामले का हल न निकला तो इसका खामियाजा भी मरीजों को ही भुगतना पड़ सकता है. अब देखना दिलचस्प होगा कि डॉक्टर्स वर्सेस सिविल सर्जन का यह विवाद क्या मोड़ लेता है?