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लोकसभा चुनावः जिस पार्टी के खिलाफ थी ये महिलाएं, आज उसी से जता रहीं टिकट की दावेदारी

मध्यप्रदेश में भले ही बीजेपी-कांग्रेस ने उम्मीदवारों की घोषणा न की हो, लेकिन, प्रदेश की हर सीट पर अब कुछ नेताओं की दावेदारी लगभग तय मानी जा रही है. आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित सूबे की शहडोल लोकसभा सीट पर भी बीजेपी की तरफ से हिमाद्री सिंह और कांग्रेस की तरफ से प्रमिला सिंह नाम सबसे आगे चल रहा है.

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Published : Mar 23, 2019, 8:16 PM IST

शहडोल

शहडोल। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित प्रदेश की शहडोल लोकसभा सीट धीरे-धीरे हाईप्रोफाइल होती जा रही है क्योंकि यहां बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही महिला उम्मीदवार पर दांव लगा रहे हैं. बीजेपी की ओर से हिमाद्री सिंह और कांग्रेस की ओर प्रमिला सिंह की दावेदारी लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन इस सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डाले तो यहां से अब तक सिर्फ दो महिलाएं ही सांसद बनी हैं.

विंध्य अंचल की आदिवासी बाहुल्य शहडोल लोकसभा सीट से कई आदिवासी नेता सांसद बनकर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि महिला नेताओं की बात करें तो आजादी के बाद से अब तक 2 ही महिला नेता शहडोल लोकसभा सीट से चुनकर दिल्ली तक पहुंची हैं. 1967 में गिरिजा कुमारी शहडोल से पहली महिला सांसद बनीं थी. फिर लंबे अंतराल के बाद 2009 में राजेश नंदिनी शहडोल से दूसरी महिला सांसद बनी थीं और दोनों ही महिला सांसद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती थीं.

वही महिलाओं के प्रतिनिधित्व के सवाल पर बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं की अपनी-अपनी राय है. दोनों का कहना है कि उनकी पार्टियों ने सत्ता में महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया है. कांग्रेस के प्रदेश सचिव रविंद्र तिवारी का कहना है कि कांग्रेस ने ही महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की थी. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना, जहां महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जबकि शहडोल लोकसभा सीट से जो दो सांसद चुनी गयीं वो भी कांग्रेस से ही थी.

वीडियो

बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष प्रकाश जगवानी भी महिलाओं को बराबर सम्मान दिए जाने की बात करते हैं. उनका कहना है कि बीजेपी महिलाओं को बराबर मौका दे रही है. शहडोल लोकसभा सीट पर 10-12 साल पहले पार्टी ने हेमंत पोर्ते को टिकट दिया था, पर वो चुनाव हार गयीं थी. उनका कहना है कि बीजेपी ने महिलाओं को सत्ता में भागादीर बनाया है. जिसके चलते आज कई महिलाएं देश और प्रदेश की राजनीति में अपनी भागीदारी निभा रही हैं.

इस बार दो महिला नेता टिकट की प्रबल दावेदार
भले ही अब तक शहडोल सीट से दो ही महिला सांसद चुनी गयी हैं, लेकिन इस बार यहां बीजेपी-कांग्रेस में दो महिला नेताओं की दावेदारी ही प्रमुख मानी जा रही है. खास बात ये भी है कि दोनों महिला जिस पार्टी से टिकट मांग रही हैं, कुछ वक्त पहले तक वे उसी पार्टी के खिलाफ थी. हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाली हिमाद्री सिंह बीजेपी से टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं तो विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाली प्रमिला सिंह को कांग्रेस का टिकट मिलने के पूरे आसार हैं.

शहडोल। आदिवासी वर्ग के लिए आरक्षित प्रदेश की शहडोल लोकसभा सीट धीरे-धीरे हाईप्रोफाइल होती जा रही है क्योंकि यहां बीजेपी-कांग्रेस दोनों ही महिला उम्मीदवार पर दांव लगा रहे हैं. बीजेपी की ओर से हिमाद्री सिंह और कांग्रेस की ओर प्रमिला सिंह की दावेदारी लगभग तय मानी जा रही है, लेकिन इस सीट के चुनावी इतिहास पर नजर डाले तो यहां से अब तक सिर्फ दो महिलाएं ही सांसद बनी हैं.

विंध्य अंचल की आदिवासी बाहुल्य शहडोल लोकसभा सीट से कई आदिवासी नेता सांसद बनकर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं, जबकि महिला नेताओं की बात करें तो आजादी के बाद से अब तक 2 ही महिला नेता शहडोल लोकसभा सीट से चुनकर दिल्ली तक पहुंची हैं. 1967 में गिरिजा कुमारी शहडोल से पहली महिला सांसद बनीं थी. फिर लंबे अंतराल के बाद 2009 में राजेश नंदिनी शहडोल से दूसरी महिला सांसद बनी थीं और दोनों ही महिला सांसद कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीती थीं.

वही महिलाओं के प्रतिनिधित्व के सवाल पर बीजेपी-कांग्रेस के नेताओं की अपनी-अपनी राय है. दोनों का कहना है कि उनकी पार्टियों ने सत्ता में महिलाओं को बराबर का भागीदार बनाया है. कांग्रेस के प्रदेश सचिव रविंद्र तिवारी का कहना है कि कांग्रेस ने ही महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिए जाने की व्यवस्था की थी. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना, जहां महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया, जबकि शहडोल लोकसभा सीट से जो दो सांसद चुनी गयीं वो भी कांग्रेस से ही थी.

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बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष प्रकाश जगवानी भी महिलाओं को बराबर सम्मान दिए जाने की बात करते हैं. उनका कहना है कि बीजेपी महिलाओं को बराबर मौका दे रही है. शहडोल लोकसभा सीट पर 10-12 साल पहले पार्टी ने हेमंत पोर्ते को टिकट दिया था, पर वो चुनाव हार गयीं थी. उनका कहना है कि बीजेपी ने महिलाओं को सत्ता में भागादीर बनाया है. जिसके चलते आज कई महिलाएं देश और प्रदेश की राजनीति में अपनी भागीदारी निभा रही हैं.

इस बार दो महिला नेता टिकट की प्रबल दावेदार
भले ही अब तक शहडोल सीट से दो ही महिला सांसद चुनी गयी हैं, लेकिन इस बार यहां बीजेपी-कांग्रेस में दो महिला नेताओं की दावेदारी ही प्रमुख मानी जा रही है. खास बात ये भी है कि दोनों महिला जिस पार्टी से टिकट मांग रही हैं, कुछ वक्त पहले तक वे उसी पार्टी के खिलाफ थी. हाल ही में कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल होने वाली हिमाद्री सिंह बीजेपी से टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं तो विधानसभा चुनाव के वक्त बीजेपी छोड़कर कांग्रेस में शामिल होने वाली प्रमिला सिंह को कांग्रेस का टिकट मिलने के पूरे आसार हैं.

Intro:नोट- दोनों सांसद की फ़ोटो मेल कर दिया हूँ, राजेश नंदिनी और गिरिजा कुमारी की।

बाईट में एक जो चंदन लगाए हुए हैं बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष प्रकाश जगवानी की है, और दूसरे जो बिना चंदन के हैं वो कांग्रेस के प्रदेश सचिव रविन्द्र तिवारी की है।


प्रदेश की ऐसी लोकसभा सीट जहां से आज़ादी के बाद से अबतक 2 महिला ही बन पाई हैं सांसद, इस बार दो महिला नेता टिकट की दावेदारों में सबसे आगे।

शहडोल- लोकसभा चुनाव के तारीखों के एलान के साथ ही, चुनावी सियासत गरमा चुकी है, हर जगह बस चुनावी चर्चा ही हो रही है। मध्यप्रदेश में शहडोल लोकसभा सीट आदिवासी सीट के अंतर्गत आता है, और यहां पर दो ही पार्टियों का वर्चस्व हमेशा देखने को मिला है, शहडोल लोकसभा सीट में बीजेपी और कांग्रेस इन दो पार्टियों के बीच ही असल लड़ाई देखने को अक्सर मिलता है, इस क्षेत्र में इन दो पार्टियों का ही बोलबाला रहा है। इस बार के लोकसभा चुनाव में भी इन दो पार्टियों का ही वर्चश्व देखने को मिल रहा है, लेकिन इस बार दोनों पार्टियों के बीच कड़ी टक्कर है, इसीलिए बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी इस लोकसभा सीट को लेकर फूंक फूंक कर पैर आगे बढ़ा रही हैं।

शहडोल लोकसभा सीट के फ्लैश बैक पर जाएं तो यहां से कई आदिवासी नेता सांसद बनकर इस क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने के लिए दिल्ली तक पहुंचे, लेकिन अगर महिला नेताओं की बात करें तो आज़ादी के बाद से अबतक 2 ही महिला नेता शहडोल लोकसभा सीट से चुनकर दिल्ली तक गई हैं।








Body:आज़ादी के बाद से अबतक सिर्फ 2 महिला सांसद

शहडोल लोकसभा सीट के इतिहास पर नज़र डालें तो इस सीट से आज़ादी के बाद से अबतक सिर्फ और सिर्फ 2 महिला नेता ही सांसद बनी हैं। 1967 में गिरिजा कुमारी शहडोल लोकसभा सीट से पहली महिला सांसद बनीं, गिरिजा कुमारी कांग्रेस की टिकट से चुनाव लड़कर इस आदिवासी सीट से जीतकर दिल्ली तक पहुंची।

इसके बाद एक बार फिर से शहडोल संसदीय क्षेत्र के लोगों को महिला सांसद के लिए लंबा इंतजार करना पड़ा और फिर साल 2009 में एक बार फिर कांग्रेस की टिकट से ही राजेश नंदिनी शहडोल लोकसभा सीट से जीतकर संसद भवन तक पहुंची, शहडोल लोकसभा सीट से राजेश नंदिनी दूसरी महिला सांसद रहीं।

इस बार दो महिला नेता टिकट की प्रबल दावेदार

ये भी दिलचश्प ही है कि जिस लोकसभा सीट से अबतक आज़ादी के बाद से सिर्फ दो महिला नेता ही सांसद बन सकी हैं उस सीट से इस बार भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस दोनों ही पार्टी से जो टिकट की प्रबल दावेदार हैं दोनों ही महिला नेता हैं, बीजेपी से जहां हिमाद्री सिंह टिकट की प्रबल दावेदार मानी जा रही हैं, तो वहीं कांग्रेस से प्रमिला सिंह को टिकट का प्रबल दावेदार माना जा रहा है।


Conclusion:महिलाओं को आगे लाने में कांग्रेस की महती भूमिका- रविंद्र तिवारी

कांग्रेस के प्रदेश सचिव रविन्द्र तिवारी के मुताबिक राजीव गांधी के दौर में 64वां संविधान संशोधन पंचायती राज व्यवस्था के तौर पर पेश हुआ, उसमें एक व्यवस्था की गई थी कि महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जाएगा, और उस 50 प्रतिशत आरक्षण के बाद जनप्रतिनिधियों के तौर पर महिलाओं ने राजनीति में बड़ी जनभागीदारी निभाई।

उसके बाद से महिलाओं में जागरूकता आई है, और फिर कई राजनीतिक दलों में महिलाओं को आगे बढ़ाने का मौका मिला है, हम सौभाग्यशाली हैं कि शहडोल की दो महिला सांसद और दोनों ही कांग्रेस की थीं। कांग्रेस ने महिलाओं को आगे लाने का काम किया है, पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के कार्यकाल में मध्यप्रदेश देश का पहला राज्य बना जहां महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया। आप निरंतर देखें जब जब चुनाव हुए हैं कांग्रेस ने महिलाओं को आगे लाने में एक महती भूमिका निभाई है, रही बात शहडोल संसदीय क्षेत्र की तो यहां से हमारी पुरजोर मांग है कि इस बार पार्टी किसी महिला नेता को ही टिकट दे, जिससे हम आम लोगों तक पहुंच कर महिलाओं के हित की बात कर सकें।


अब हर जगह राजनीति में दावेदारी कर रही हैं महिलाएं- प्रकाश जगवानी

भारतीय जनता पार्टी के जिला उपाध्यक्ष और पार्टी के वरिष्ठ नेता प्रकाश जगवानी ने कहा एक दौर था, वो कांग्रेस का दौर था, कांग्रेस के समय में चाहे महिला हो या पुरुष हो वो चुनाव जीतते आ रहे थे, लेकिन जब भारतीय जनता पार्टी का समय आया, तो पिछले 10 से 12 साल पहले हेमंत पोर्ते को पार्टी ने टिकट दिया था, लेकिन वो हार गईं थीं।

ये आदिवासी क्षेत्र है, और उस समय ज्यादा अदिवासी राजनीति में नहीं आते थे, और भारतीय जनता पार्टी उस समय ज्यादा एक्टिव भी नहीं थी, अब आप देखिये विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी ने कितनी महिलाओं को मौका दिया है।
जहां तक मैं जानता हूं, एमपी की बात है तो पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने तो महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया जिसके जरिये बहुत सारी महिलाओं ने राजनीति में प्रवेश किया है।और अब तो हर जगह दावेदारी भी कर रही हैं।
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