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तुलसी की खेती भी किसान को कर सकती है मालामाल, जानिए नर्सरी तैयार करने से बिक्री तक का गणित

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 6, 2024, 7:03 PM IST

Tulsi farming in mp : तुलसी की खेती भी किसान को मालामल कर सकती है. इसमें ज्यादा लागत भी नहीं आती और मुनाफा खासा होता है. कैसे करें तुलसी की खेती, क्या सावधानी रखें, कैसे करें इसकी बिक्री. आइए जानते हैं...

Tulsi farming in MP
तुलसी की खेती से कमाई
तुलसी की खेती भी किसान को कर सकती है मालामाल

शहडोल। तुलसी की खेती फायदेमंद है. तुलसी की खेती आपको लखपति बना सकती है. इसकी खेती में ना बहुत ज्यादा लागत की जरूरत होती है, ना बहुत अच्छी क्वालिटी की मिट्टी की जरूरत, ना ही बहुत ज्यादा इसमें उर्वरक की जरूरत होती है. बस जरूरत होती है समय से इसकी खेती की शुरुआत करने की. कृषि उद्यान विस्तार अधिकारी विक्रम कलमें का भी कहना है कि अगर तुलसी की खेती को सही तरीके से की जाए तो ये फायदेमंद हो सकती है.

ऐसे करें तुलसी की खेती : कृषि उद्यान विस्तार अधिकारी विक्रम विक्रम कलमे कहते हैं कि तुलसी की खेती हल्की बलुई दोमट मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. तुलसी की खेती जुलाई के महीने में बरसात के सीजन में कर सकते हैं. इसके पौधे से पौधे की रोपाई डेढ़ फीट की दूरी रखनी चाहिए. लाइन से लाइन की दूरी भी डेढ़ फीट ही रखें. कुछ लोग बीज से भी इसकी खेती करते हैं. लेकिन अगर हम इसकी नर्सरी तैयार करें तो बेहतर होगा. तुलसी की खेती में उर्वरक की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती. गोबर की खाद ढाई टन प्रति एकड़ के हिसाब से अगर डाल देते हैं तो पर्याप्त है. इसमें बहुत ज्यादा न्यूट्रिएंट की भी आवश्यकता नहीं होती. यूरिया वगैरह की बहुत कम आवश्यकता पड़ती है. लगभग 50 से 60 किलो नाइट्रोजन की ही आवश्यकता होती है.

कितना खर्च, कितना फायदा : ना ही इसमें बहुत ज्यादा बीमारियों का प्रकोप होता है. इसलिए बहुत ज्यादा दवाइयों का भी छिड़काव नहीं करना पड़ता. किसान अगर ध्यान देकर इसकी खेती कर लेता है तो उसको लाभ ही लाभ होता है. तुलसी के पौधे की खेती में एक एकड़ में किसान को 10 से ₹12000 अधिकतम खर्च आता है. तुलसी की फसल 3 महीने में तैयार हो जाती है. एक बार फसल लगाने पर इसे तीन कटाई तक ले सकते हैं. अगर अप्रैल में इसके बीज की नर्सरी डाल देते हैं तो यह जुलाई के लिए तैयार हो जाएगी. इसको बरसात में रोपाई करने से फायदा होगा.

तुलसी का सबकुछ बहुमूल्य : तुलसी का पौधा औषधीय महत्व का है. इसकी जड़ से लेकर तना से लेकर पत्ती से लेकर बीज, फूल सब कुछ औषधीय महत्व का है. इसकी बहुत ज्यादा डिमांड भी होती है. कलमें बताते हैं कि तुलसी उत्पाद को पंचांग बोलते हैं, जिसमें जड़ भी इसकी बिकती है, तना भी बिकता है, पत्ती भी इसकी बिकती है, फूल भी इसका बिकता है, और बीज भी बिकता है.

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बाजार में पंचतत्व की डिमांड : तुलसी की फसल मार्केट में अच्छे खासे दाम पर बिकती है. इसके पांच तत्व की बहुत डिमांड होती है. ये अच्छे दाम में बिकती है. कलमें बताते हैं क्वालिटी के हिसाब से बात करें तो 8000 से 20000 रुपए प्रति क्विंटल तक इसके बीज की कीमत मिलती है. पत्ती की कीमत 2000 से 7000, ₹8000 तक क्वालिटी के हिसाब से मिल जाती है. तना 1000 से ₹2500 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक जाता है.

तुलसी की खेती भी किसान को कर सकती है मालामाल

शहडोल। तुलसी की खेती फायदेमंद है. तुलसी की खेती आपको लखपति बना सकती है. इसकी खेती में ना बहुत ज्यादा लागत की जरूरत होती है, ना बहुत अच्छी क्वालिटी की मिट्टी की जरूरत, ना ही बहुत ज्यादा इसमें उर्वरक की जरूरत होती है. बस जरूरत होती है समय से इसकी खेती की शुरुआत करने की. कृषि उद्यान विस्तार अधिकारी विक्रम कलमें का भी कहना है कि अगर तुलसी की खेती को सही तरीके से की जाए तो ये फायदेमंद हो सकती है.

ऐसे करें तुलसी की खेती : कृषि उद्यान विस्तार अधिकारी विक्रम विक्रम कलमे कहते हैं कि तुलसी की खेती हल्की बलुई दोमट मिट्टी में आसानी से की जा सकती है. तुलसी की खेती जुलाई के महीने में बरसात के सीजन में कर सकते हैं. इसके पौधे से पौधे की रोपाई डेढ़ फीट की दूरी रखनी चाहिए. लाइन से लाइन की दूरी भी डेढ़ फीट ही रखें. कुछ लोग बीज से भी इसकी खेती करते हैं. लेकिन अगर हम इसकी नर्सरी तैयार करें तो बेहतर होगा. तुलसी की खेती में उर्वरक की बहुत ज्यादा जरूरत नहीं होती. गोबर की खाद ढाई टन प्रति एकड़ के हिसाब से अगर डाल देते हैं तो पर्याप्त है. इसमें बहुत ज्यादा न्यूट्रिएंट की भी आवश्यकता नहीं होती. यूरिया वगैरह की बहुत कम आवश्यकता पड़ती है. लगभग 50 से 60 किलो नाइट्रोजन की ही आवश्यकता होती है.

कितना खर्च, कितना फायदा : ना ही इसमें बहुत ज्यादा बीमारियों का प्रकोप होता है. इसलिए बहुत ज्यादा दवाइयों का भी छिड़काव नहीं करना पड़ता. किसान अगर ध्यान देकर इसकी खेती कर लेता है तो उसको लाभ ही लाभ होता है. तुलसी के पौधे की खेती में एक एकड़ में किसान को 10 से ₹12000 अधिकतम खर्च आता है. तुलसी की फसल 3 महीने में तैयार हो जाती है. एक बार फसल लगाने पर इसे तीन कटाई तक ले सकते हैं. अगर अप्रैल में इसके बीज की नर्सरी डाल देते हैं तो यह जुलाई के लिए तैयार हो जाएगी. इसको बरसात में रोपाई करने से फायदा होगा.

तुलसी का सबकुछ बहुमूल्य : तुलसी का पौधा औषधीय महत्व का है. इसकी जड़ से लेकर तना से लेकर पत्ती से लेकर बीज, फूल सब कुछ औषधीय महत्व का है. इसकी बहुत ज्यादा डिमांड भी होती है. कलमें बताते हैं कि तुलसी उत्पाद को पंचांग बोलते हैं, जिसमें जड़ भी इसकी बिकती है, तना भी बिकता है, पत्ती भी इसकी बिकती है, फूल भी इसका बिकता है, और बीज भी बिकता है.

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बाजार में पंचतत्व की डिमांड : तुलसी की फसल मार्केट में अच्छे खासे दाम पर बिकती है. इसके पांच तत्व की बहुत डिमांड होती है. ये अच्छे दाम में बिकती है. कलमें बताते हैं क्वालिटी के हिसाब से बात करें तो 8000 से 20000 रुपए प्रति क्विंटल तक इसके बीज की कीमत मिलती है. पत्ती की कीमत 2000 से 7000, ₹8000 तक क्वालिटी के हिसाब से मिल जाती है. तना 1000 से ₹2500 प्रति क्विंटल के हिसाब से बिक जाता है.

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