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शहडोलः कोरोना पॉजिटिव महिला की सफल डिलीवरी, जच्चा-बच्चा दोनों स्वस्थ - Measures to protect child from infection

शहडोल जिला चिकित्सालय में एक कोरोना पॉजिटिव महिला की सफल डिलीवरी करवाई गई. जिसमें मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं. जिसके बाद से डॉक्टरों के इस कार्य की खूब सराहना की जा रही है.

Successful delivery of corona positive woman in Shahdol
शहडोल जिला चिकित्सालय
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Published : Oct 14, 2020, 6:51 PM IST

शहडोल। जिले में डॉक्टर्स ने सराहनीय काम किया है, इस कोरोनाकाल में जहां लोग कोरोना का नाम सुनते ही मरीज से दूरी बनाने लगते हैं. वहीं शहडोल के डॉक्टर्स द्वारा एक कोरोना पॉजिटिव महिला का सफल प्रसव कराने का मामला सामने आया है. जिसमें मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं और उन्हें लगातार निगरानी में रखा गया है. डॉक्टर्स अपने सराहनीय काम के बाद काफी उत्साहित है. वहीं बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए स्टाफ अपने स्तर पर कोशिशें कर रहा है.

पॉजिटिव महिला की नॉर्मल डिलीवरी

मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय के स्टाफ ने पॉजिटिव महिला का सुरक्षित प्रसव कराकर मानवता का परिचय दिया है, संक्रमित महिला की न केवल नॉर्मल डिलीवरी कराई गई, बल्कि नवजात मां की सुरक्षा के लिए पूरी टीम दिन-रात नजर रखे हुए हैं. पॉजिटिव महिला के प्रसव का यह जिले का पहला मामला है. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टर्स और स्टाफ काफी उत्साहित हैं, क्योंकि यह कार्य स्वास्थ्य विभाग के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ाने वाला है.

जानिए क्या है पूरा मामला

बुढ़ार क्षेत्र की निवासी गर्भवती महिला की जांच रिपोर्ट 25 सितंबर को पॉजिटिव आने के बाद मेडिकल कॉलेज शहडोल में उन्हें भर्ती कराया गया था. कोरोना पॉजिटिव आने के पहले परिजनों को एक निजी चिकित्सालय से सीजर की सलाह दी गई थी, पॉजिटिव होने के बाद परिजन चिंतित थे, लेकिन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर महिला और परिजनों को लगातार धैर्य बनाए रखने कि सलाह दी.

जब महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी, तो मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ बीएस बारिया से समस्या बताते हुए, मरीज को वहीं शिफ्ट करने की बात कही. सिविल सर्जन की सहमती के बाद महिला को जिला चिकित्सालय में शिफ्ट कराया गया, नवनिर्मित आईसीयू के बाजू वाले कमरे में सारी व्यवस्था की गई. मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर सोना सिंह और जिला चिकित्सालय के स्टाफ ने इसके बाद महिला का नार्मल प्रसव कराया. सुरक्षित प्रसव के बाद सभी लोगों ने राहत की सांस ली.

नवजात में संक्रमण की संभावना कम

डॉ नागेंद्र सिंह ने बताया कि नवजात में संक्रमण की संभावना कम होती है. संक्रमण तब होता है जब कोई सीधे संपर्क में आए, पेट में ऐसी संभावना नहीं होती है. वहीं जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सीएस डॉ बारिया ने बताया कि दो-तीन दिन बाद नवजात का सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी. वहीं बच्चे को संक्रमित होने से बचाने के लिए स्टाफ सारे उपाय कर रहा है.

शहडोल। जिले में डॉक्टर्स ने सराहनीय काम किया है, इस कोरोनाकाल में जहां लोग कोरोना का नाम सुनते ही मरीज से दूरी बनाने लगते हैं. वहीं शहडोल के डॉक्टर्स द्वारा एक कोरोना पॉजिटिव महिला का सफल प्रसव कराने का मामला सामने आया है. जिसमें मां और बच्चा दोनों स्वस्थ्य हैं और उन्हें लगातार निगरानी में रखा गया है. डॉक्टर्स अपने सराहनीय काम के बाद काफी उत्साहित है. वहीं बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए स्टाफ अपने स्तर पर कोशिशें कर रहा है.

पॉजिटिव महिला की नॉर्मल डिलीवरी

मेडिकल कॉलेज और जिला चिकित्सालय के स्टाफ ने पॉजिटिव महिला का सुरक्षित प्रसव कराकर मानवता का परिचय दिया है, संक्रमित महिला की न केवल नॉर्मल डिलीवरी कराई गई, बल्कि नवजात मां की सुरक्षा के लिए पूरी टीम दिन-रात नजर रखे हुए हैं. पॉजिटिव महिला के प्रसव का यह जिले का पहला मामला है. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े डॉक्टर्स और स्टाफ काफी उत्साहित हैं, क्योंकि यह कार्य स्वास्थ्य विभाग के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ाने वाला है.

जानिए क्या है पूरा मामला

बुढ़ार क्षेत्र की निवासी गर्भवती महिला की जांच रिपोर्ट 25 सितंबर को पॉजिटिव आने के बाद मेडिकल कॉलेज शहडोल में उन्हें भर्ती कराया गया था. कोरोना पॉजिटिव आने के पहले परिजनों को एक निजी चिकित्सालय से सीजर की सलाह दी गई थी, पॉजिटिव होने के बाद परिजन चिंतित थे, लेकिन मेडिकल कॉलेज में डॉक्टर महिला और परिजनों को लगातार धैर्य बनाए रखने कि सलाह दी.

जब महिला की प्रसव पीड़ा बढ़ने लगी, तो मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स ने जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉ बीएस बारिया से समस्या बताते हुए, मरीज को वहीं शिफ्ट करने की बात कही. सिविल सर्जन की सहमती के बाद महिला को जिला चिकित्सालय में शिफ्ट कराया गया, नवनिर्मित आईसीयू के बाजू वाले कमरे में सारी व्यवस्था की गई. मेडिकल कॉलेज की डॉक्टर सोना सिंह और जिला चिकित्सालय के स्टाफ ने इसके बाद महिला का नार्मल प्रसव कराया. सुरक्षित प्रसव के बाद सभी लोगों ने राहत की सांस ली.

नवजात में संक्रमण की संभावना कम

डॉ नागेंद्र सिंह ने बताया कि नवजात में संक्रमण की संभावना कम होती है. संक्रमण तब होता है जब कोई सीधे संपर्क में आए, पेट में ऐसी संभावना नहीं होती है. वहीं जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन सीएस डॉ बारिया ने बताया कि दो-तीन दिन बाद नवजात का सैंपल लेकर जांच कराई जाएगी. वहीं बच्चे को संक्रमित होने से बचाने के लिए स्टाफ सारे उपाय कर रहा है.

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