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अंतरराष्ट्रीय बालिका दिवस: क्रिकेट का 'गढ़' बना शहडोल, विदेशी सरजमीं पर जलवा बिखेर रही यहां की बेटियां

क्रिकेट के क्षेत्र में पिछले कुछ साल में शहडोल जिले की एक अलग पहचान बनी है. शहडोल की लड़कियां क्रिकेट में अपना जलवा बिखेर रही हैं और यह सब संभव हुआ शहडोल की रहने वाली पूजा वस्त्रकार की वजह से है. जो भारतीय टीम में शामिल होकर अपने क्रिकेट के हुनर का लोहा मनवा चुकी है. आज उन्ही से प्रेरित होकर शहडोल की कई लड़कियां अलग-अलग वर्ग में क्रिकेट का प्रतिनिधित्व कर रही हैं.

क्रिकेट में शहडोल का जलवा
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Published : Oct 11, 2019, 11:03 AM IST

Updated : Oct 11, 2019, 1:54 PM IST

शहडोल। शहडोल का नाम वैसे तो यहां की कोल माइंस, खनिज संपदा, प्राकृतिक सौंदर्यता, ऐतिहासिक धरोहरों जैसी चीजों से होती है, लेकिन पिछले कुछ साल में जिले को एक क्रिकेट के गढ़ के रूप में पहचान मिली है. ये पहचान दिलाई है यहां की प्रतिभाशाली लड़कियों ने. यही वजह है कि आज शहडोल का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लिया जाने लगा है.

क्रिकेट का 'गढ़' बना शहडोल

गांधी स्टेडियम में पसीना बहा रहीं 40 लड़कियां
ये सब पूजा वस्त्रकार जैसे क्रिकेटरों की वजह से संभव हो पाया है. पूजा आज भारतीय महिला टीम का अहम हिस्सा हैं और मैदान पर अच्छा खेल दिखा रही हैं. पूजा के अलावा यहां की कई लड़कियां अलग-अलग वर्ग में मध्यप्रदेश की टीम से भी खेलती हैं. गांधी स्टेडियम में सुबह और शाम के वक्त करीब 30 से 40 लड़कियां क्रिकेट के नेट्स पर पसीना बहाती दिखती हैं. कोई बैटिंग का अभ्यास करते दिखाई देता है तो कोई बॉलिंग की बारीकियां सीख रहा है. इन सभी लड़कियों का केवल एक ही मकसद है इंडियन क्रिकेट टीम की तरफ से खेलना.

अपनी बारी का इंतजार करती लड़कियां
अपनी बारी का इंतजार करती लड़कियां

विदेश में जलवा बिखेर चुकी हैं पूजा
शहडोल की पूजा वस्त्रकार काफी समय पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम में अपनी जगह बना चुकी हैं. हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिये उन्हें टीम में शामिल किया गया था. पूजा वस्त्रकार एक आलराउंडर हैं और घरेलू सीरीज के अलावा विदेशी सीरीज के लिए भारतीय टीम के साथ जा चुकी हैं.

क्रिकेट की तैयारी
क्रिकेट की तैयारी

पूजा ने शहडोल को दिलाई अलग पहचान
मौजूदा समय में यहां से करीब 8 से 10 लड़कियां अलग-अलग ऐज ग्रुप में मध्यप्रदेश की टीम से खेल रही हैं. बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि वो दिन दूर नहीं जब कई और लड़कियां भारतीय टीम में अपनी जगह बनाएंगी. आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि इन लड़कियों की वजह से ही शहडोल को क्रिकेट में एक अलग पहचान मिली है और शहडोल क्रिकेट का गढ़ बन सका है.

क्रिकेट की प्रेक्टिस कर लड़कियां
क्रिकेट की प्रेक्टिस कर लड़कियां

पूजा वस्त्रकार ने भी यहां की प्रैक्टिस
शहडोल क्रिकेट से जुड़े रहे संभागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी कहते हैं कि साल 2004-05 में एक लड़की पूजा वस्त्रकार आती थी, आज वो भारतीय टीम में पहुंच गई. वर्तमान में 30 से 40 लड़कियां यहां क्रिकेट सीखने आती हैं इन्हीं की वजह से आज शहडोल का नाम रोशन हो रहा है. पूजा जहां इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रही हैं तो पूनम सोनी जैसी महिला क्रिकेटर अंडर-19 इंडिया टीम को रिप्रेजेंट कर चुकी हैं.

बल्लेबाजी का गुर सीखती लड़कियां
बल्लेबाजी का गुर सीखती लड़कियां

ये क्रिकेटर मनवा रही हैं अपने हुनर का लोहा

  • पूजा वस्त्रकार- काफी समय पहले भारतीय महिला टीम में अपनी जगह बना चुकी हैं. हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिये उन्हें टीम में रखा गया है.
  • मेघा दुबे- हाल ही में अंडर-23 एमपी टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं, पिछले कई साल से यहां अभ्यास कर रही हैं मेघा एक आलराउंडर हैं.
  • मुस्कान- अंडर 19 एमपी टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं और ये भी एक आलराउंडर हैं.
  • शशिकला यादव- ये भी अंडर-19 टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं, शशिकला भी लेफ्ट आर्म मीडियम पेसर आलराउंडर हैं.

शहडोल। शहडोल का नाम वैसे तो यहां की कोल माइंस, खनिज संपदा, प्राकृतिक सौंदर्यता, ऐतिहासिक धरोहरों जैसी चीजों से होती है, लेकिन पिछले कुछ साल में जिले को एक क्रिकेट के गढ़ के रूप में पहचान मिली है. ये पहचान दिलाई है यहां की प्रतिभाशाली लड़कियों ने. यही वजह है कि आज शहडोल का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लिया जाने लगा है.

क्रिकेट का 'गढ़' बना शहडोल

गांधी स्टेडियम में पसीना बहा रहीं 40 लड़कियां
ये सब पूजा वस्त्रकार जैसे क्रिकेटरों की वजह से संभव हो पाया है. पूजा आज भारतीय महिला टीम का अहम हिस्सा हैं और मैदान पर अच्छा खेल दिखा रही हैं. पूजा के अलावा यहां की कई लड़कियां अलग-अलग वर्ग में मध्यप्रदेश की टीम से भी खेलती हैं. गांधी स्टेडियम में सुबह और शाम के वक्त करीब 30 से 40 लड़कियां क्रिकेट के नेट्स पर पसीना बहाती दिखती हैं. कोई बैटिंग का अभ्यास करते दिखाई देता है तो कोई बॉलिंग की बारीकियां सीख रहा है. इन सभी लड़कियों का केवल एक ही मकसद है इंडियन क्रिकेट टीम की तरफ से खेलना.

अपनी बारी का इंतजार करती लड़कियां
अपनी बारी का इंतजार करती लड़कियां

विदेश में जलवा बिखेर चुकी हैं पूजा
शहडोल की पूजा वस्त्रकार काफी समय पहले भारतीय महिला क्रिकेट टीम में अपनी जगह बना चुकी हैं. हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिये उन्हें टीम में शामिल किया गया था. पूजा वस्त्रकार एक आलराउंडर हैं और घरेलू सीरीज के अलावा विदेशी सीरीज के लिए भारतीय टीम के साथ जा चुकी हैं.

क्रिकेट की तैयारी
क्रिकेट की तैयारी

पूजा ने शहडोल को दिलाई अलग पहचान
मौजूदा समय में यहां से करीब 8 से 10 लड़कियां अलग-अलग ऐज ग्रुप में मध्यप्रदेश की टीम से खेल रही हैं. बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि वो दिन दूर नहीं जब कई और लड़कियां भारतीय टीम में अपनी जगह बनाएंगी. आशुतोष श्रीवास्तव बताते हैं कि इन लड़कियों की वजह से ही शहडोल को क्रिकेट में एक अलग पहचान मिली है और शहडोल क्रिकेट का गढ़ बन सका है.

क्रिकेट की प्रेक्टिस कर लड़कियां
क्रिकेट की प्रेक्टिस कर लड़कियां

पूजा वस्त्रकार ने भी यहां की प्रैक्टिस
शहडोल क्रिकेट से जुड़े रहे संभागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी कहते हैं कि साल 2004-05 में एक लड़की पूजा वस्त्रकार आती थी, आज वो भारतीय टीम में पहुंच गई. वर्तमान में 30 से 40 लड़कियां यहां क्रिकेट सीखने आती हैं इन्हीं की वजह से आज शहडोल का नाम रोशन हो रहा है. पूजा जहां इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रही हैं तो पूनम सोनी जैसी महिला क्रिकेटर अंडर-19 इंडिया टीम को रिप्रेजेंट कर चुकी हैं.

बल्लेबाजी का गुर सीखती लड़कियां
बल्लेबाजी का गुर सीखती लड़कियां

ये क्रिकेटर मनवा रही हैं अपने हुनर का लोहा

  • पूजा वस्त्रकार- काफी समय पहले भारतीय महिला टीम में अपनी जगह बना चुकी हैं. हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिये उन्हें टीम में रखा गया है.
  • मेघा दुबे- हाल ही में अंडर-23 एमपी टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं, पिछले कई साल से यहां अभ्यास कर रही हैं मेघा एक आलराउंडर हैं.
  • मुस्कान- अंडर 19 एमपी टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं और ये भी एक आलराउंडर हैं.
  • शशिकला यादव- ये भी अंडर-19 टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं, शशिकला भी लेफ्ट आर्म मीडियम पेसर आलराउंडर हैं.
Intro:Note_ बाइट्स वाले स्लग में सभी वर्ज़न एक साथ हैं पहला वर्जन संभागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी का है, दूसरा वर्जन बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव का है और फिर इसके बाद तीसरा वर्जन खिलाड़ी मेघा दुबे, चौथा वर्जन खिलाड़ी मुस्कान मिश्रा और फिर पांचवां और आखिरी वर्जन ख़िलाड़ि शशिकला यादव का है।

एक स्लग पूजा वस्त्रकार का है, एक स्लग पूनम सोनी, एक स्लग girls cricket का है,

ये स्पेशल स्टोरी बालिका दिवस के अवसर पर असाइनमेंट द्वारा मंगवाई गई है।



इन लड़कियों की वजह से इंटरनेशनल लेवल पर इस अंचल का नाम हो रहा रोशन, देखिए बालिका दिवस पर विशेष

शहडोल- वैसे तो शहडोल जिले का नाम यहां की कोल माइंस, खनिज संपदा, प्राकृतिक सौंदर्यता, ऐतिहासिक धरोहरों जैसी चीजों के लिए जाना जाता है, लेकिन पिछले कुछ साल में शहडोल जिले को एक और वजह से पहचान मिली है और वो है क्रिकेट, और ये पहचान दिलाई है यहां की लड़कियों ने।

आज शहडोल जिले का नाम देश में ही नहीं बल्कि विदेशों में भी लिया जाने लगा है और वो सका है पूजा वस्त्रकार जैसे क्रिकेटरो की वजह से जो आज भारतीय महिला टीम से खेल रही हैं, इसके अलावा यहां की कई लड़कियां अलग अलग वर्ग में मध्यप्रदेश की टीम से भी खेलती हैं।


Body:शहडोल जिला मुख्यालय के गांधी स्टेडियम में आप सुबह और शाम के वक़्त पहुंचेंगे तो यहां करीब 30 से 40 लड़कियों को क्रिकेट के नेट्स पर पसीना बहाते देखेंगे, कोई बल्लेबाज़ी का अभ्यास करते मिलेगा कोई वार्मअप करते मिलेगा, कोई कैच की प्रैक्टिस करते मिलेगा तो कोई बोलिंग करते मिलेगा। और इन सभी लड़कियों का मकसद सिर्फ एक ही है और वो है टीम इंडिया।

पूजा वस्त्रकार भारतीय टीम में

शहडोल की पूजा वस्त्रकार काफी समय पहले भारतीय महिला टीम में अपनी जगह बना चुकी हैं, और अभी हाल ही में साउथ अफ्रीका के खिलाफ वनडे सीरीज के लिये उन्हें टीम में रखा गया है। पूजा वस्त्रकार एक आलराउंडर हैं, और घरेलू सीरीज के अलावा विदेशी सीरीज के लिए भारतीय टीम के साथ जा चुकी है।

क्रिकेट का गढ़ बना शहडोल

इन लड़कियों की वजह से ही शहडोल क्रिकेट का गढ़ बना है मौज़ूदा समय में यहां से करीब 8 से 10 लड़कियां अलग अलग ऐज ग्रुप में मध्यप्रदेश की टीम से खेल रही है। और जिस तरह से खेल रही हैं उसे लेकर इनके और बीसीसीआई के लेवल वन कोच आशुतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि ज्यादा दिन दूर नहीं जब कई और लड़कियां भारतीय टीम में अपनी जगह बनाएंगे। आशुतोष श्रीवास्तव कहते हैं कि इन लड़कियों की वजह से ही शहडोल को क्रिकेट में एक अलग पहचान मिली है और शहडोल क्रिकेट का गढ़ बन सका है।

30 से 40 लड़कियां करती हैं अभ्यास

शहडोल जिला मुख्यालाय के गांधी स्टेडियम में 30 से 40 लड़कियां हर दिन अभ्यास करने पहुंचती हैं, काफी लंबे समय से शहडोल क्रिकेट से जुड़े रहे संभागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी कहते हैं कि वो भी एक दौर था और आज ये भी एक दौर है साल 2004-05 में एक लड़की पूजा वस्त्रकार आती थी, और आज वो भारतीय टीम में पहुंच गई और आज 30 से 40 लड़कियां यहां क्रिकेट सीखने आती हैं अब तो स्कूल गेम्स में भी लड़कियां आने लगी हैं, और इन्हीं लड़कियों की वजह से आज शहडोल का नाम रोशन हो रहा है। पूजा जहाँ इंटरनेशनल क्रिकेट खेल रही है तो पूनम सोनी जैसी क्रिकेटर अंडर-19 इंडिया रिप्रेजेंट कर चुकी हैं। संभागीय क्रिकेट संघ के सचिव अजय द्विवेदी कहते हैं की हमारे संभाग को बहुत ऊंचाइयों तक पहुंचाने में बालिकाओं का हाथ ही है। क्रिकेट में इन लड़कियों का अच्छा उत्साह बना हुआ है और इनकी वजह से क्रिकेट में शहडोल को एक अलग पहचान मिली।

काफी मेहनत करती हैं ये लड़कियां

यहां अभ्यास कर रहीं ये लड़किया यूं ही सफल नहीं हो रही हैं बल्कि काफी कड़े मेहनत से गुजर रही हैं, दूर दूर से आकर शहडोल में ये लड़कियां इसलिए रह रही हैं जिससे क्रिकेट खेल सकें। कोई जिला मुख्यालय से 80 किलोमीटर दूर से हैं कोई 100 किलोमीटर दूर से है, लेकिन क्रिकेट का जुनून इन लड़कियों को आज भी यहां रखे हुए है, इन लड़कियों को घर नहीं बल्कि हर समय मैदान नज़र आता है। हमने कई लड़कियों से बात की

मेघा दुबे जो अभी हाल ही में अंडर-23 एमपी टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं, पिछले कई साल से यहां अभ्यास कर रही हैं और वो एक आलराउंडर हैं।

मुस्कान अंडर 19 एमपी टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं और ये भी एक आलराउंडर हैं

शशिकला यादव ये भी अंडर-19 टीम के लिए सेलेक्ट हुई हैं, और ये भी लेफ्ट आर्म मीडियम पेसर आलराउंडर हैं,




Conclusion:गौरतलब है की क्रिकेट में आज शहडोल का नाम इन लड़कियों की वजह से ऊंचाइयों तक पहुंचा है, आज अगर शहडोल को क्रिकेट के गढ़ के नाम से जाना जाता है तो इन लड़कियों की वजह से ही, आज शहडोल अगर क्रिकेट के क्षेत्र में अपना एक अलग मुकाम बना रहा है तो सिर्फ इन लड़कियों के क्रिकेट के बदौलत ही। अगर इंटरनेशनल लेवल पर शहडोल का नाम रोशन हो रहा है तो सिर्फ इन लड़कियों की वजह से ही।
Last Updated : Oct 11, 2019, 1:54 PM IST
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