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मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने की खबर से हड़कंप

शहडोल के मेडिकल कॉलेज के एक एसोसिएट प्रोफेसर के मरकज में शामिल होने की जानकारी लगते ही महकमे में हड़कंप मच गया. प्रोफेसर की तलाश की गई, तो उसकी वर्तमान लोकेशन नागपुर मिली है.

Stirred by news of associate professor of medical college joining Nizamuddin Markaz
मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर के निजामुद्दीन मरकज में शामिल
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Published : Apr 3, 2020, 10:45 PM IST

शहडोल। कोरोना वायरस और निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए लोग इन दिनों सुर्खियों में चल रहे हैं, और लगातार पूरे देश में इनकी खोजबीन जारी है. शहडोल के सरकारी मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने की खबर जैसे ही सामने आई, हड़कंप मच गया है. आनन-फानन में प्रोफेसर की तलाश की गई, तो उसकी वर्तमान लोकेशन नागपुर मिली है, जिसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया है.

गृह मंत्रालय ने जब निजामुद्दीन मरकज में शामिल मध्य प्रदेश के लोगों की सूची प्रदेश को दी. उसी सूची के आधार पर पूरे प्रदेश में ऐसे लोगों की खोजबीन शुरू की गई, जो निज़ामुद्दीन मरकज़ में शामिल थे. शहडोल जिले में भी इसकी खोजबीन बड़ी ही तेजी के साथ शुरू की गई, तो उसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज के एक प्रोफेसर का नाम भी सामने आया, इस खबर के बाद प्रशासन के भी होश उड़ गए.

पूरे मामले पर जिले के एसपी सत्येंन्द्र कुमार शुक्ल कहते हैं कि मरकज के संदर्भ में जो बात आई थी, उसमें हम लोगों ने पूरी जगह का सत्यापन कराया था. हमारे संज्ञान में जो दिल्ली मरकज में शामिल होने के 5 व्यक्तियों की जानकारी आई थी, लेकिन वो सभी 11 मार्च के पहले शहडोल में आ चुके थे. उन पांचों को हम लोगों ने चिन्हिंत कर लिया था, तीन लोग अभी यहां पर हैं, वो आइसोलेशल में रह रहे हैं. उनके सिमटम किसी भी तरह के नहीं हैं. दो और व्यक्ति हैं जिसमें एक डॉक्टर हैं वो इस समय नागपुर में रह रहे हैं, और उसमें से एक जमशेदपुर में रह रहे हैं. सभी पांचों के वेरिफिकेशन, उनकी थर्मल स्कैनिंग और मेडिकल चेकप हो चुके हैं, किसी को कोई प्रॉब्लम नहीं है.

वहीं इस बात की जानकारी जब शहडोल पुलिस ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दी तो वहां तो हड़कंप ही मच गया. निजामुद्दीन मरकज से लौटकर एसोसिएट प्रोफेसर ने तो लगभग 1 हफ्ते तक मेडिकल कॉलेज में काम किया है और फिर उसके बाद छुट्टी लेकर नागपुर चले गए. मामले की गंभीरता पता लगते ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन अलर्ट हो गया है, आनन-फानन में अब उन सभी लोगों का पता लगाया जा रहा है जो इस प्रोफेसर के संपर्क में आए थे.

मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर कहते हैं कि जब उनके पास सिविल सर्जन का फोन आया और उन्होंने इनके बारे में पूछा था, तब हमें भी इस बात की जानकारी लगी, ये एनाटॉमी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. वर्तमान में उनका संदेश आया था कि वो नागपुर में हैं और लॉकडाउन के कारण वो वहां अटक गए हैं. जब हमने तहकीकात की तो पता चला कि ये लगातार कभी चार दिन कभी तीन के अवकाश पर थे. इन्होंने दिल्ली जाना या मरकज में शामिल होने की सूचना हमें नहीं दी थी. ये सुनकर थोड़ी हम लोग भी आश्चर्य में आ गए हैं कि एक डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर होकर वो वहां गए थे और इन्होंने जानकारी हमसे छुपाई है.

शहडोल। कोरोना वायरस और निजामुद्दीन मरकज में शामिल हुए लोग इन दिनों सुर्खियों में चल रहे हैं, और लगातार पूरे देश में इनकी खोजबीन जारी है. शहडोल के सरकारी मेडिकल कॉलेज के एसोसिएट प्रोफेसर के निजामुद्दीन मरकज में शामिल होने की खबर जैसे ही सामने आई, हड़कंप मच गया है. आनन-फानन में प्रोफेसर की तलाश की गई, तो उसकी वर्तमान लोकेशन नागपुर मिली है, जिसके बाद लोगों में हड़कंप मच गया है.

गृह मंत्रालय ने जब निजामुद्दीन मरकज में शामिल मध्य प्रदेश के लोगों की सूची प्रदेश को दी. उसी सूची के आधार पर पूरे प्रदेश में ऐसे लोगों की खोजबीन शुरू की गई, जो निज़ामुद्दीन मरकज़ में शामिल थे. शहडोल जिले में भी इसकी खोजबीन बड़ी ही तेजी के साथ शुरू की गई, तो उसमें सरकारी मेडिकल कॉलेज के एक प्रोफेसर का नाम भी सामने आया, इस खबर के बाद प्रशासन के भी होश उड़ गए.

पूरे मामले पर जिले के एसपी सत्येंन्द्र कुमार शुक्ल कहते हैं कि मरकज के संदर्भ में जो बात आई थी, उसमें हम लोगों ने पूरी जगह का सत्यापन कराया था. हमारे संज्ञान में जो दिल्ली मरकज में शामिल होने के 5 व्यक्तियों की जानकारी आई थी, लेकिन वो सभी 11 मार्च के पहले शहडोल में आ चुके थे. उन पांचों को हम लोगों ने चिन्हिंत कर लिया था, तीन लोग अभी यहां पर हैं, वो आइसोलेशल में रह रहे हैं. उनके सिमटम किसी भी तरह के नहीं हैं. दो और व्यक्ति हैं जिसमें एक डॉक्टर हैं वो इस समय नागपुर में रह रहे हैं, और उसमें से एक जमशेदपुर में रह रहे हैं. सभी पांचों के वेरिफिकेशन, उनकी थर्मल स्कैनिंग और मेडिकल चेकप हो चुके हैं, किसी को कोई प्रॉब्लम नहीं है.

वहीं इस बात की जानकारी जब शहडोल पुलिस ने मेडिकल कॉलेज प्रशासन को दी तो वहां तो हड़कंप ही मच गया. निजामुद्दीन मरकज से लौटकर एसोसिएट प्रोफेसर ने तो लगभग 1 हफ्ते तक मेडिकल कॉलेज में काम किया है और फिर उसके बाद छुट्टी लेकर नागपुर चले गए. मामले की गंभीरता पता लगते ही मेडिकल कॉलेज प्रशासन अलर्ट हो गया है, आनन-फानन में अब उन सभी लोगों का पता लगाया जा रहा है जो इस प्रोफेसर के संपर्क में आए थे.

मेडिकल कॉलेज के डीन मिलिंद शिरालकर कहते हैं कि जब उनके पास सिविल सर्जन का फोन आया और उन्होंने इनके बारे में पूछा था, तब हमें भी इस बात की जानकारी लगी, ये एनाटॉमी विभाग में एसोसिएट प्रोफेसर हैं. वर्तमान में उनका संदेश आया था कि वो नागपुर में हैं और लॉकडाउन के कारण वो वहां अटक गए हैं. जब हमने तहकीकात की तो पता चला कि ये लगातार कभी चार दिन कभी तीन के अवकाश पर थे. इन्होंने दिल्ली जाना या मरकज में शामिल होने की सूचना हमें नहीं दी थी. ये सुनकर थोड़ी हम लोग भी आश्चर्य में आ गए हैं कि एक डॉक्टर और मेडिकल कॉलेज में एसोसिएट प्रोफेसर होकर वो वहां गए थे और इन्होंने जानकारी हमसे छुपाई है.

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