शहडोल। सम्भागीय मुख्यालय में आईजी ऑफिस में शहड़ोल जोन के आईजी एसपी सिंह ने अपराध समीक्षा बैठक की. जहां बैठक में जोन के सभी जिले के एसपी और जोन के डीआईजी शामिल हुए और अपराधों की समीक्षा की. जिसमें पिछले साल से तुलना की गई और नए साल में नई कार्ययोजना बनाई गई. बैठक के बाद आईजी एसपी सिंह ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.
आईजी एसपी सिंह ने बताया कि ज़ोन के अंतर्गत आने वाले सभी जिलों की बैठक हुई. उस बैठक में शहडोल, उमरिया, अनुपपुर और डिंडौरी जिले में लंबित अपराधों, चालान, एफआईआर और विभागीय जांच के निराकरण और अपराधों पर कंट्रोल के सबंध में चर्चा की गई.
एसपी सिंह का कहना है कि पिछले साल की तुलना में 2019 में शहडोल जोन में सभी शीर्ष के अपराधों पर महज 3 प्रतिशत महिला अपराधों में वृद्धि दर्ज हुई. इसके अलावा माइनर एक्ट के तहत 15 प्रतिशत, प्रतिबंधात्मक धाराओं के तहत 9 प्रतिशत अधिक कार्रवाई की गई है. आईजी एसपी सिंह ने कहा कि इसका मतलब साफ है की पुलिस का अपराधों पर कंट्रोल रहा है.
मिसिंग गर्ल्स, नशा पर रहेगा फोकस
एसपी सिंह ने कहा कि मिसिंग गर्ल्स का आंकड़ा 522 रहा है. इसलिए इस पर फोकस रहेगा. मिसिंग केस ज्यादा न हो इस पर कंट्रोल करने की कोशिश रहेगी. इसके अलावा मिसिंग केस जो हैं उन्हें जल्द से जल्द ट्रेस करने की कोशिश की जाएगी. इसके अलावा नशा को लेकर होने वाले अपराधों पर भी फोकस रहेगा, नशा को लेकर विशेष मुहिम चलाई जाएगी.
दहेज प्रथा,आत्महत्या को लेकर जागरूकता की जरुरत
आईजी एसपी सिंह कहते हैं की जो आंकड़े हैं उसे देखकर यही लगता है कि दहेज प्रथा समाज में अभी भी है. ऐसे में इसे रोकने के लिए समाज में अभी और जागरूकता की जरूरत है. इसके लिए समाज के लोगों को भी आगे आना होगा. इसके अलावा आत्महत्या के केस भी हैं. मतलब साफ है कि परिवार के बीच सामंजस्य का अभाव है. इसके लिये समाज को आगे आना होगा.
इसके अलावा आईजी एसपी सिंह ने बताते हैं कि सभी जिलों का काम बेहतर रहा है. इसके अलावा शहड़ोल ज़ोन के अपराधों का अधिकतम 3 माह में विवेचना पूर्ण कर आवश्यक रूप से निराकृत कराए जाने के निर्देश दिये गए.उनका कहना है कि जिले में लंबित एक साल पुराने सभी प्रकरणों का तत्परता से निराकरण करने निर्देशित किया.