शहडोल(shahdol)। आदिवासी बाहुल्य जिला शहडोल में कोरोना वैक्सीनेशन(vaccination) जोरों-शोरों से हो रहा है. ग्रामीण क्षेत्र के लोग इसमें बढ़ चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं. जिसका जीता जागता उदाहरण जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत जमुई(jamui) है जहां सभी ग्रामीणों ने कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है.ग्राम पंचायत जमुई प्रदेश का पहला ऐसा आदिवासी जिला है बन गया है जहां शत प्रतिशत वैक्सीनेशन हुआ है. देखिए हमारी खास रिपोर्ट...
- आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत का कमाल
शहडोल जिला मुख्यालय से महज कुछ किलोमीटर दूर स्थित है जमुई ग्राम पंचायत जो एक आदिवासी बाहुल्य ग्राम पंचायत है इस गांव की जनसंख्या है 3180.जहां बैगा कोल आदिवासी समाज की बहुलता है. वहां के उपसरपंच की माने तो करीब 800 वोटर ऐसे हैं जो बैगा समाज के हैं. आदिवासी बाहुल्य गांव के ग्रामीणों ने वो कमाल कर दिखाया है जो प्रदेश का अब तक कोई भी ग्राम पंचायत नहीं कर सका है. जमुई ग्राम पंचायत प्रदेश का पहला ऐसा ग्राम पंचायत बन गया है. जहां शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन हो गया है.मतलब इस गांव के हर उस ग्रामीण ने कोरोना की वैकसीन लगवा ली है जो नियम के मुताबिक कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए पात्र है. आलम यह है कि इस ग्राम पंचायत के सौ फीसदी कोरोना वैक्सीनेट हो जाने के बाद आसपास के दूसरे गांव के लोग भी काफी संख्या में आकर वैक्सीनेशन करवा रहे हैं.
- ग्रामीणों ने बनाया इतिहास
प्रेमलाल बैगा जमुई गांव के रहने वाले हैं जिन्होंने कुछ दिन पहले ही कोरोना की वैक्सीन लगवाई. प्रेमलाल बैगा बताते हैं कि वह ही नहीं उनके गांव के सभी लोगों के साथ समाज के लोगों ने कोरोना की वैक्सीन लगवा ली है.अब उनका गांव एक ऐसा गांव बन गया है जहां हर किसी ने वैक्सीनेशन करा लिया है.
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- ऐसे हुआ शत प्रतिशत वैक्सीनेशन
जमुई ग्राम पंचायत में शत-प्रतिशत वैक्सीनेशन करवाने के पीछे कई लोगों का हाथ रहा. ऐसा नहीं है कि इस गांव के लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर अफवाह नहीं थी या कोई डर नहीं था.यह सब कुछ था .लेकिन कहते हैं ना जब कुछ करने की ठान लो तो हर कुछ संभव है. गांव के कुछ समाजसेवी जनप्रतिनिधि और जिले के आला अधिकारियों और ग्रामीणों के कारण जमुई ग्राम पंचायत प्रदेश का पहला ऐसा ग्राम पंचायत बन गया जिसका जिक्र अब हर ओर हो रहा है. जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे कहते हैं की हमारा टारगेट था कि जमुई को हम 100 परसेंट वैक्सीनेट करने के बाद माध्यम से राज्य स्तर पर सौ प्रतिशत वैक्सीनेशन का काम कर सके .राज्य टीकाकरण अधिकारी संतोष शुक्ला ने कहा जमुई मध्यप्रदेश राज्य का पहला ग्राम पंचायत है जो 100 प्रतिशत आबादी वैक्सीनेटेड हैं.
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- 18 साल से ऊपर के लोगों ने कराया वैक्सीनेशन
जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे बताते हैं की जमुई ग्राम पंचायत की जो वोटर लिस्ट है उसके मुताबिक 18 साल से अधिक उम्र के 1855 लोगों का नाम सूची में दर्ज है. जिसमें से सभी कोरोना वैक्सीन की पात्रता रखते हैं उसमें हमने सभी को वैक्सीनेट किया है.5 दिन वहां पर हमने वैक्सीनेशन का काम किया . इस दौरान हर दिन 300 से लेकर 350 लोगों को टीकाकृत किया गया. उन लोगों को वैक्सीन बिलकुल नहीं लगाई गई जो गर्भवती है. 16 से 25 लोग कोविड पॉजिटिव हुए थे. जिनको अभी 12 सप्ताह नहीं हुआ है. जिसकी वजह से उन्हें वैक्सीनेट नहीं किया गया है. वोटर लिस्ट में 30 ऐसे लोगों के नाम हैं जिनकी किसी कारणों से डेथ हुई है और वोटर लिस्ट से उनका नाम नहीं कटा है. इस प्रकार से ऐसे 73 लोग हैं.
- वैक्सीनेशन को लेकर बड़ी जागरुकता
जिला टीकाकरण अधिकारी कहते हैं कि जमुई ग्राम पंचायत में भी कोरोना वैकसीन को लेकर लोगों में भ्रम था.लोगों को वैक्सीनेशन की जरुरत के बारे में बताया गया. जागरूक होने के साथ साथ वहां पर वैक्सीनशन की जबरदस्त डिमांड भी हुई है. जिस वजह से हम वैक्सीनेशन कर पा रहे हैं. दो दिन पहले एसडीएम, जनपद सीईओ, और सीएमएचओ के साथ में हमने गांव में विजिट किया था. लगभग 5 से 6 लोग ऐसे थे जो कई तरह की बीएमरियों से ग्रसित थे.
- घर घर समझाया तब बनी बात
ग्राम पंचायत जमुई के उप सरपंच मीनू सिंह कहते हैं कि ग्रामीणों को समझाना आसान नहीं रहा. इसके लिए बकायदा उनकी एक टीम बनी थी. उपसरपंच मीनू सिंह, जमुई गांव के सरपंच, जिला टीकाकरण अधिकारी अंशुमन सुनारे, नोडल अधिकारी पुनीत श्रीवास्तव ने मंथन कर उन कारणों को बारीकी से जानने की कोशिश की जिसके चलते ग्रामीण कोरोना वैकसीन लगवाने से हिचक रहे थे.फिर उसके बाद लोगों को उन बातों को लेकर समझाया गया जिसके बाद ग्रामीणों में जागरूकता आई. 5 दिन कोरोना की वैकसीन गांव में लगाई गई जिसका असर यह रहा कि जमुई ग्राम पंचायत शत प्रतिशत कोरोना वैकसीन लगवाने वाला प्रदेश का पहला ग्राम पंचायत बन गया है.