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Shahdol Weather News: लंबे अरसे बाद बरसे हैं बदरा, जानिए अभी और कब तक बरसेंगे ये बादल, फसलों का कैसे रखें ख्याल

शहडोल जिले में एक बार फिर से बारिश का दौर शुरू हुआ है. हर दिन बारिश हो रही है, जिसके बाद से किसानों के चेहरे तो खिल गए हैं, लेकिन कई दिनों की तेज धूप के बाद अचानक हुई बारिश से अब फसलों पर तरह-तरह के रोग भी लगने लगे हैं. ऐसे में फसलों का ख्याल कैसे रखें यहां जानिए...

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 9, 2023, 8:21 PM IST

Shahdol Weather News
फसलों का कैसे रखें ख्याल

शहडोल। जिले में लंबे अरसे बाद ही सही लेकिन बारिश का दौर फिर से शुरू हुआ है, जिले में एक बार फिर से झमाझम बारिश हो रही है. हर दिन हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं, क्योंकि किसानों को फसलों के लिए बारिश की काफी जरूरत थी. फसल अब सूखने की कगार पर थीं, अगर दो-चार दिन बारिश और नहीं होती तो फसलों का बहुत ज्यादा नुकसान हो जाता. हालांकि, अभी भी लंबे अरसे के बाद बारिश होने की वजह से दलहनी की फसल उड़द, तिल और सोयाबीन जैसी फसलों को नुकसान जरूर हुआ है. क्योंकि समय पर पानी न मिलने की वजह से उनकी ग्रोथ ही रुक गई, लेकिन अब जब बारिश एक बार फिर से शुरू हो गई है तो फसलें बची हुई हैं, उसको लेकर किसान अब काफी खुश हैं.

अगले 5 दिन के मौसम का हाल: मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि "भारत मौसम विभाग से जो मध्यम अवधि के पूर्वानुमान मिले हैं उसमें 9 सितंबर से 13 सितंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है मतलब अभी भी बारिश का दौर जारी रहेगा."

how to take care of crops
बारिश के मौसम में कैसे रखें फसलों का ख्याल

ऐसे रखें फसलों का ख्याल : कृषि वैज्ञानिक ब्रिज किशोर प्रजापति बताते हैं कि "इस मौसम में धान की फसल में जीवाणु पत्ती झुलसा रोग आने की संभावना है. अगर धान की खड़ी फसल में पत्तियों का रंग पीला पड़ रहा हो तथा इन पर जलसोख धब्बे बन रहे हैं जिसके कारण आगे जाकर पूरी पत्ती पीली पड़ने लगे तो इसके रोकथाम के लिए समय पर उपाय करें, जिले में कृषि वैज्ञानिकों से मिलकर सलाह लेकर फसलों पर उचित दवा का छिड़काव करें." इस मौसम में धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट हॉपर का आक्रमण आरंभ हो सकता है. किसान खेत के अंदर जाकर पौधे के निचले भाग के स्थान पर मच्छर नुमा कीट का निरीक्षण करें. यदि कीट की संख्या अधिक हो तो प्रति एकड़ की दर से दवा का छिड़काव करें.

मक्के की फसल इस समय दुग्ध अवस्था यानी दाना भरने की अवस्था पर चल रही है जो नमी के प्रति संवेदनशील है. अतः खेतों में पर्याप्त नमी बनाए रखें. मक्के की फसल में तना भेदक कीट का प्रकोप दिखाई देने की स्थिति पर इसके रोकथाम के उपाय करें. सोयाबीन की फसलों की बात करें तो जिन क्षेत्रों में सोयाबीन की कम समय अवधि वाली किस्म लगाई गई है, इस समय वह परिपक्वता की स्थिति में कटाई योग्य होंगी. अतः कृषकों को सलाह है कि सोयाबीन की फलियों को चटकने तथा बारिश से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सोयाबीन बीज की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शीघ्र सोयाबीन की फसल की कटाई कर सुरक्षित स्थान पर इकट्ठा कर उसे ढक कर रखें.

how to take care of crops
फसलों का कैसे रखें ख्याल

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तिल की फसल की बात करें तो तिल की फसल पर पत्ती और फल की सुंडी कीट का प्रकोप दिखाई देने की संभावना है. इसकी रोकथाम के लिए उपाय करें और कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लें. वर्तमान मौसम की बात करें तो इस मौसम में टमाटर की फसल पर पत्ती झुलसने की समस्या दिखाई पड़े तो इसके नियंत्रण के लिए उचित उपाय करें. अगर आलू की खेती करते हैं तो ये मौसम उपयुक्त है. किसानों को आलू की बुवाई शुरू कर देनी चाहिए. शीत ग्रह में रखे बीज को पहले 5 से 6 दिनों के लिए उन्हें छाया और हवादार स्थान में रखते हैं और उपयुक्त कवकनाशी के साथ उपचारित करें.

शहडोल। जिले में लंबे अरसे बाद ही सही लेकिन बारिश का दौर फिर से शुरू हुआ है, जिले में एक बार फिर से झमाझम बारिश हो रही है. हर दिन हो रही बारिश से किसानों के चेहरे खिले हुए हैं, क्योंकि किसानों को फसलों के लिए बारिश की काफी जरूरत थी. फसल अब सूखने की कगार पर थीं, अगर दो-चार दिन बारिश और नहीं होती तो फसलों का बहुत ज्यादा नुकसान हो जाता. हालांकि, अभी भी लंबे अरसे के बाद बारिश होने की वजह से दलहनी की फसल उड़द, तिल और सोयाबीन जैसी फसलों को नुकसान जरूर हुआ है. क्योंकि समय पर पानी न मिलने की वजह से उनकी ग्रोथ ही रुक गई, लेकिन अब जब बारिश एक बार फिर से शुरू हो गई है तो फसलें बची हुई हैं, उसको लेकर किसान अब काफी खुश हैं.

अगले 5 दिन के मौसम का हाल: मौसम वैज्ञानिक गुरप्रीत सिंह गांधी बताते हैं कि "भारत मौसम विभाग से जो मध्यम अवधि के पूर्वानुमान मिले हैं उसमें 9 सितंबर से 13 सितंबर के बीच हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है मतलब अभी भी बारिश का दौर जारी रहेगा."

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बारिश के मौसम में कैसे रखें फसलों का ख्याल

ऐसे रखें फसलों का ख्याल : कृषि वैज्ञानिक ब्रिज किशोर प्रजापति बताते हैं कि "इस मौसम में धान की फसल में जीवाणु पत्ती झुलसा रोग आने की संभावना है. अगर धान की खड़ी फसल में पत्तियों का रंग पीला पड़ रहा हो तथा इन पर जलसोख धब्बे बन रहे हैं जिसके कारण आगे जाकर पूरी पत्ती पीली पड़ने लगे तो इसके रोकथाम के लिए समय पर उपाय करें, जिले में कृषि वैज्ञानिकों से मिलकर सलाह लेकर फसलों पर उचित दवा का छिड़काव करें." इस मौसम में धान की फसल को नष्ट करने वाली ब्राउन प्लांट हॉपर का आक्रमण आरंभ हो सकता है. किसान खेत के अंदर जाकर पौधे के निचले भाग के स्थान पर मच्छर नुमा कीट का निरीक्षण करें. यदि कीट की संख्या अधिक हो तो प्रति एकड़ की दर से दवा का छिड़काव करें.

मक्के की फसल इस समय दुग्ध अवस्था यानी दाना भरने की अवस्था पर चल रही है जो नमी के प्रति संवेदनशील है. अतः खेतों में पर्याप्त नमी बनाए रखें. मक्के की फसल में तना भेदक कीट का प्रकोप दिखाई देने की स्थिति पर इसके रोकथाम के उपाय करें. सोयाबीन की फसलों की बात करें तो जिन क्षेत्रों में सोयाबीन की कम समय अवधि वाली किस्म लगाई गई है, इस समय वह परिपक्वता की स्थिति में कटाई योग्य होंगी. अतः कृषकों को सलाह है कि सोयाबीन की फलियों को चटकने तथा बारिश से होने वाले नुकसान से बचने के लिए सोयाबीन बीज की गुणवत्ता बनाए रखने के लिए शीघ्र सोयाबीन की फसल की कटाई कर सुरक्षित स्थान पर इकट्ठा कर उसे ढक कर रखें.

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फसलों का कैसे रखें ख्याल

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तिल की फसल की बात करें तो तिल की फसल पर पत्ती और फल की सुंडी कीट का प्रकोप दिखाई देने की संभावना है. इसकी रोकथाम के लिए उपाय करें और कृषि वैज्ञानिकों से सलाह लें. वर्तमान मौसम की बात करें तो इस मौसम में टमाटर की फसल पर पत्ती झुलसने की समस्या दिखाई पड़े तो इसके नियंत्रण के लिए उचित उपाय करें. अगर आलू की खेती करते हैं तो ये मौसम उपयुक्त है. किसानों को आलू की बुवाई शुरू कर देनी चाहिए. शीत ग्रह में रखे बीज को पहले 5 से 6 दिनों के लिए उन्हें छाया और हवादार स्थान में रखते हैं और उपयुक्त कवकनाशी के साथ उपचारित करें.

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